सम्पूर्ण आरतियोँ का संग्रह
प्रभु भक्ति (Prabhu bhakti) में आरती (Aarti) का विशेष महत्व होता है। कोई भी पूजा बिना आरती के समपूर्ण नही होती। आरती संकलन में बहुत से देवी-देवताओं की आरतियों का सन्ग्रह किया गया है। हमने ये प्रयास किया है की भक्तों को सभी आरतियाँ एक ही जगह पर उपलब्ध हो सकें।
It is collection of aarti’s of various hindu God & Goddess.

आरती करूं सरस्वती मातु, हमारी हो भव भय हारी हो। हँस वाहन पदमासन तेरा, शुभ्र वस्त्र अनुपम है तेरा। रावण का मन कैसे फेरा, वर मांगत वन गया सबेरा। यह…

Read More

ॐ जय श्रीश्याम हरे, प्रभु जय श्रीश्याम हरे। निज भक्तन के तुमने परण काम को। हरि ॐ जय श्रीश्याम हरे, गल पुष्पों की माला, सिर पर मकट धरे। पीत बसन…

Read More

जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता, आदि ज्योति महारानी सब फल की दाता ॥ जय रतन सिंहासन शोभित, श्वेत छत्र भाता, ऋद्धि सिद्धि मिल चँवर डोलावें, जगमग छवि छाता…

Read More

हरि ॐ श्री शाकम्भर अम्बा जी की आरती कीजो। ऐसो अद्भुत रूप हृदय धर लीजो, शताक्षी दयालु की आरती कीजो। तुम परिपूर्ण आदि भवानी माँ, सब घट तुम आप बखानी…

Read More

भुवन विराजी शारदा, महिमा अपरम्पार। भक्तों के कल्याण को धरो मात अवतार॥ मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ। मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ नित गाऊँ मैया नित…

Read More

भव फंद विघ्नों से उसे प्रभु विश्वकर्मा दूर कर। मोक्ष सुख देंगे अवश्य ही कष्ट विपदा चूर कर॥ प्रभु श्री विश्वकर्मा घर आवो प्रभु विश्वकर्मा । सुदामा की विनय सुनी,…

Read More

जय जय शनिदेव महाराज, जन के संकट हरने वाले। तुम सूर्यपुत्र बलधारी, भय मानत दुनिया सारी जी। साधत हो दुर्लभ काज॥ तुम धर्मराज के भाई, जम क्रूरता पाई जी। घन…

Read More

सुन मेरी देवी पर्वतवासिनि, तेरा पार न पाया॥ टेक ॥ पान सुपारी ध्वजा नारियल, ले तेरी भेंट चढ़ाया ॥ सुवा चोली तेरे अंग विराजै, केशर तिलक लगाया। नंगे पांव तेरे…

Read More

जय शरणं वरणं नमो नमः । श्री मातेश्वरि जय त्रिपुरेश्वरि राजेश्वरि जय नमो नमः। करुणामयी सकल अघ हारिणि अमृत वर्षिणी नमो नमः॥ जय शरणं वरणं नमो नमः श्री मातेश्वरि जय…

Read More

ॐ जय श्री रामादे स्वामी जय श्री रामादे। पिता तुम्हारे अजमल मैया मेनादे ॥ ॐ जय रूप मनोहर जिसका घोड़े असवारी। कर में सोहे भाला मुक्तामणि धारी॥ ॐ जय विष्णु…

Read More

आरती श्री रामायण जी की कीरति कलित ललित सिय-पी की गावत ब्रह्मादिक मुनि नारद। बालमीक विज्ञान विशारद ।। शुक सनकादि शेष अरु शारद। बरनि पवनसुत कीरति नीकी ।। आरती ।…

Read More

आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की। त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि, विमल विवेकविराग विकासिनि। पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि, सुन्दरतम छवि सुन्दरता की। मुनि मन मोहन मोहन मोहनि,…

Read More