ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम । उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।। भावार्थ:- हम उन त्रिनेत्र का पूजन करते है जो सुगंध की तरह महकने वाले, सबका पोषण करने वाले, शक्ति प्रदान…
शास्त्रों व धर्म ग्रंथों में वर्णित विशेष फलदायी मंत्रों (Mantra) का संकलन।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम । उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।। भावार्थ:- हम उन त्रिनेत्र का पूजन करते है जो सुगंध की तरह महकने वाले, सबका पोषण करने वाले, शक्ति प्रदान…
दुर्गा गायत्री मन्त्र की प्रतिदिन 1 माला (108) करने से जातक को अपार शक्ति प्राप्त होती हैं। ॐ महादेव्यै विह्महे दुर्गायै धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात् ।।
नवदुर्गा रक्षामंत्र के जप से साधक के समस्त प्रकार के भय का नाश होता है। रोग, दुर्घटना, अकाल मृत्यु और हर विपत्ति से माँ दुर्गा उसकी रक्षा करती है। इस…
माँ चामुण्डा को प्रसन्न करने के लिये चामुण्डा मन्त्र का नियमित रूप जप करें। ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ।।
ॐ ग्लां ग्लीं ग्लूं गं गणपतये नम : सिद्धिं मे देहि बुद्धिं प्रकाशय ग्लूं गलीं ग्लां फट् स्वाहा।। गणेश सिद्धि मंत्र का जप करने वाले मनुष्य को सफेद वस्त्र धारण…
गणेश मूल मंत्र का नियमित जाप करने से भगवान श्री गणेश साधक की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण करते हैं। ॐ गं गणपतये नमः । ॐ श्री विघ्नेश्वराय नमः ।
गणेश जी के पूजन और साधना में गणेश गायत्री मन्त्र का विशेष महत्व हैं। यह मंत्र अत्यंत फलदायी है। शास्त्रों के अनुसार गणेश गायत्री मंत्र का नियमित रूप से 11…
गणेश मन्त्र द्वारा गणेश जी का धयान करने से साधक के जीवन के सभी विघ्न -बाधाओं का नाश होता है। शुक्लाम्बरधरं विष्णुं शशिवर्णं चतुर्भुजम् । प्रसन्नवदनं ध्यायेत् सर्वविघ्नोपशान्तये ॥ भावार्थ:- …
माँ काली की स्तुति करने वाला मनुष्य सभी स्थानों पर विजयी होता है। उसे हर कार्य मे सफलता मिलती हैं। काली महाकाली कालिके परमेश्वरी । सर्वानन्दकरी देवी नारायणि नमोऽस्तुते ।।
माँ गंगा की स्तुति करने से मनुष्य के समस्त पापों का नाश हो जाता है। गांगं वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतम् । त्रिपुरारिशिरश्चारि पापहारि पुनातु माम् ।।
शुक्र मन्त्र शुक्रवार के दिन व्रत करे और दिन में एक ही समय बिना नमक वाला भोजन करें। भोजन मे चावल, दूध दही ले सकते है। इस दिन शुक्र मन्त्र…
माँ शीतला का शीतला मंत्र से ध्यान करने व जल से अभिषेक करने से मनुष्य को अपार शांति प्राप्त होती है। वन्दे हं शीतलां देवी रासभस्थां दिगम्बराम्। मार्जनीकलशोपेतां शूर्पालङ्कृतमस्तकाम्।। भावार्थ…