शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) नौ दिनों तक चलने वाला शक्ति स्वरूपा माँ दुर्गा की उपासना का त्यौहार है। माँ दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिये भक्त इस नवरात्रि (Navratri) में अनेक आयोजन करते है और व्रत रखते हैं। जानियें इस वर्ष कब से आरम्भ हो रहे हैं शारदीय नवरात्रि? और साथ ही पढ़ियें इनका ज्योतिषिय महत्व और शारदीय नवरात्रि पर निभायी जाने वाली परंपरायें क्या है?…
Shardiya Navratri
शारदीय नवरात्रि
आश्विन मास की शुक्लपक्ष की प्रतिपदा से शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) का आरम्भ होता हैं। यह नौ दिनों तक चलने वाला शक्ति स्वरूपा माँ दुर्गा की उपासना का त्यौहार हैं। नवरात्रि (Navratri) में पूरे नौ दिनों तक माँ दुर्गा के अलग-अलग नौ स्वरूपों का पूजन करने का विधान हैं। वर्ष में दो बार प्रकट नवरात्रि (Navratri) होते है और दो गुप्त नवरात्रि मनाये जाते हैं। चैत्र नवरात्रि और आश्विन माह में आने वाले शारदीय नवरात्रि को प्रकट नवरात्रि कहा जाता हैं।
Isse Shardiya Navratri Kyun Kehte Hai?
इस नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि क्यों कहते हैं?
इसे शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) इसलिये कहा जाता है क्योकि इसके साथ ही शरद ऋतु का आगमन होता हैं।
Shardiya Navratri Kab Hain?
शारदीय नवरात्रि कब हैं?
इस वर्ष शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) 3 अक्टूबर, 2024 गुरूवार से आरम्भ होंगे। इस दिन घटस्थापना की जायेगी और देवी विसर्जन 12 अक्टूबर, 2024 शनिवार के दिन किया जायेगा।
Shardiya Navratri Schedule
शारदीय नवरात्रि कार्यक्रम
नवरात्रि दिन 1 (घटस्थापना) | प्रतिपदा | माँ शैलपुत्री पूजा | 3 अक्टूबर, 2024 |
नवरात्रि दिन 2 | द्वितीया | माँ ब्रह्मचारिणी पूजा | 4 अक्टूबर, 2024 |
नवरात्रि दिन 3-4 | तृतीया | माँ चंद्रघंटा पूजा | 5 एवं 6 अक्टूबर, 2024 |
नवरात्रि दिन 5 | चतुर्थी | माँ कुष्मांडा पूजा | 7 अक्टूबर, 2024 |
नवरात्रि दिन 6 | पंचमी | माँ स्कंदमाता पूजा | 8 अक्टूबर, 2024 |
नवरात्रि दिन 7 | षष्ठी | माँ कात्यायनी पूजा | 9 अक्टूबर, 2024 |
नवरात्रि दिन 8 | सप्तमी | माँ कालरात्रि पूजा | 10 अक्टूबर, 2024 |
नवरात्रि दिन 9 | अष्टमी | माँ महागौरी दुर्गा, दुर्गा महाअष्टमी पूजा | 11 अक्टूबर, 2024 |
नवरात्रि दिन 9 | नवमी | माँ सिद्धिदात्री, महानवमी पूजा, | 11 अक्टूबर, 2024 |
नवरात्रि दिन 10 विजयदशमी | दशमी | दुर्गा विसर्जन, नवमी होम, नवरात्रि पारणा, विजय दशमी | 12 अक्टूबर, 2024 |
Shardiya Navratri Ka Mahatva
शारदीय नवरात्रि का महत्व
हिंदु शास्त्रों में वर्णित कथा के अनुसार जब महिषासुर नाम के असुर के आतंक से तीनों लोक त्राहि-त्राहि कर उठें, तब सभी देवताओं ने भगवान ब्रह्मा, विष्णु, महेश के साथ मिलकर माँ शक्ति का आवाह्न किया और उनकों अपनी शक्तियाँ देकर देवासुर संग्राम में सहायता के लिये कहा। तब माता ने महिषासुर का मर्दन करके समस्त संसार को उसके भय और आतंक से सुरक्षित किया।
एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार भगवान श्री राम ने भी लंकापति रावण को युद्ध में पराजित करने के लिये नौ दिन तक शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri) में शक्ति पूजन किया था। और फिर विजयादशमी के दिन रावण का वध किया।
Navratri Ka Jyotishiya Mahatva
नवरात्रि का ज्योतिषिय महत्व
हिंदु मान्यता के अनुसार नवरात्रि (Navratri) में माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों (Maa Durga Ke Nau Swaroop) की पूजा की जाती हैं। नवरात्रि में हर दिन का विशेष महत्व हैं। ज्योतिष से जुड़े ग्रंथों में नवरात्रि पूजन से ग्रहों की अनुकूलता के विषय में वर्णन मिलता हैं।
1. प्रथम दिन को माँ शैलपुत्री (Shailputri) की पूजा करने का विधान हैं। माँ शैलपुत्री (Shailputri Mata) की पूजा करने से जातक को चंद्रमा की अनुकूलता प्राप्त होती हैं।
2. द्वितीय दिन को माँ ब्रह्मचारिणी (Brahmacharini) की पूजा की जाती हैं। माँ ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) की पूजा करने से जातक को मंगल ग्रह की अनुकूलता प्राप्त होती हैं।
3. तृतीय दिन पर माँ चंद्रघंटा (Maa Chandraghanta) की पूजा करने का विधान हैं। देवी चंद्रघण्टा (Devi Chandraghanta) की पूजा करने से जातक को शुक्र ग्रह की अनुकूलता प्राप्त होती हैं।
4. चतुर्थ दिन पर माँ कूष्मांडा (Maa Kushmanda) की पूजा करने का विधान हैं। माँ कूष्माण्डा (Kushmanda Devi) की पूजा करने से जातक को सूर्य देव की अनुकूलता प्राप्त होती हैं।
5. पंचम दिन पर माँ स्कंदमाता (Maa Skandamata) की पूजा करने का विधान हैं। माँ स्कंदमाता (Maa Skandamata) की पूजा करने से जातक को बुध ग्रह की अनुकूलता प्राप्त होती हैं।
6. षष्टम दिन पर माँ कात्यायनी (Maa Katyayani) की पूजा करने का विधान हैं। माँ कात्यायनी (Katyayani Mata) की पूजा करने से जातक को बृहस्पति ग्रह की अनुकूलता प्राप्त होती हैं।
7. सप्तम दिन पर माँ कालरात्रि (Maa Kalratri) की पूजा किये जाने का विधान है। माँ कालरात्रि (Kalratri) की पूजा करने से जातक को शनि ग्रह की अनुकूलता प्राप्त होती हैं।
8. अष्टम दिन पर माँ महागौरी (Mata Mahagauri) की पूजा किये जाने का विधान हैं। माँ महागौरी (Mahagauri) की पूजा करने से जातक को राहु ग्रह की अनुकूलता प्राप्त होती हैं।
9. नवम दिन पर माँ सिद्धिदात्री (Maa Siddhidatri) की पूजा किये जाने का विधान हैं। माँ सिद्धिदात्री (Siddhidatri) की पूजा करने से जातक को केतु ग्रह की अनुकूलता प्राप्त होती हैं।
Shardiya Navratri Par Nibhai Jane Wali Parampara
शारदीय नवरात्रि पर निभायी जाने वाली परंपरा
शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) पर पूरे नौ दिनों तक माँ शक्ति की उपासना की जाती हैं। भक्त योग और सिद्धि के लिये अनेक अनुष्ठान करते हैं। पूरे देश में विभिन्न सांस्कृतिक आयोजन किये जाते हैं।
1. जगह-जगह पर राम लीला का आयोजन किया जाता हैं।
2. गुजरात में शारदीय नवरात्रि पर गरबे का भव्य आयोजन होता हैं।
3. घर-घर में घट स्थापना की जाती हैं। और कन्याओं का पूजन किया जाता हैं।
4. बंगाल में बड़े-बड़े पण्ड़ाल सजाये जाते हैं और उसमें माँ दुर्गा की भव्य प्रतिमायें लगायी जाती हैं। वहाँ पर दुर्गा पूजन का आयोजन किया जाता हैं।
5. माँ दुर्गा के भक्त नवरात्रि (Navratri) में माँ शक्ति के नौ स्वरूपों की पूजा-आराधना पूरी श्रद्धा-भक्ति और विधि-विधान के साथ करते हैं।
6. नवरात्रि (Navratri) के पावन अवसर पर देवी के शक्ति पीठों और मंदिरों में मेलों का आयोजन होता हैं।
7. माँ के भक्त नवरात्रि (Navratri) पर घर में घटस्थापना करके नौ दिन तक व्रत रखते है और दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं।
8. बहुत से स्थानों पर अखण्ड़ रामायण का अयोजन किया जाता हैं। रामायण पाठ किया जाता हैं।
9. माता के मंदिरों में हवन, कीर्तन के साथ जागरण का आयोजन किया जाता हैं। मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की झांकियां सजाई जाती हैं।