संतान पाने की इच्छा पूरी करने के लिये करें यशोदा जयंती (Yashoda Jayanti) की पूजा। संतान की कामना से इस दिन पूजन करने से उत्तम संतान की प्राप्ति होती हैं। जानियें यशोदा जयंती कब हैं?, यशोदा जयंती का महत्व और इस दिन विधि-विधान से पूजा करने से क्या लाभ होता हैं?
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Yashoda Jayanti
यशोदा जयंती
फाल्गुन मास की कृष्णपक्ष की षष्ठी तिथि के दिन यशोदा जयंती (Yashoda Jayanti) का पर्व मनाया जाता हैं। उत्तर भारत के पंचाग के अनुसार यशोदा जयंती फाल्गुन माह की षष्ठी के दिन मनायी जाती हैं। जबकि, गुजरात, महाराष्ट्र एवं दक्षिण भारत के पंचाग के अनुसार यशोदा जयंती माघ मास की कृष्णपक्ष की षष्ठी के दिन मनायी जाती है।
पौराणिक कथा के अनुसार भगवान विष्णु ने जब द्वापर युग में कृष्ण अवतार लिया था तब उनको जन्म माता देवकी ने दिया था और उनका पालन-पोषण माता यशोदा ने किया था। भगवान श्रीकृष्ण को यशोदानंदन के नाम से भी पुकारा जाता हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन श्रीकृष्ण और माता यशोदा की पूजा करने से उत्तम संतान की प्राप्ति होती हैं।
Yashoda Jayanti Kab Hai?
यशोदा जयंती कब हैं?
इस वर्ष (उत्तर भारतीय पंचाग के अनुसार) यशोदा जयंती (Yashoda Jayanti) का त्यौहार 1 मार्च, 2024 शुक्रवार के दिन मनाया जायेगा।
Yashoda Jayanti Ka Mahatva
यशोदा जयंती का महत्व
पौराणिक कथा के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण के बालस्वरूप का लालन-पालन करने का सौभाग्य माता यशोदा को प्राप्त हुआ था। भगवान श्री कृष्ण को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता हैं। पृथ्वी पर अधर्म के विनाश और धर्म की स्थापना के लिये भगवान विष्णु समय-समय पर अवतार लेते रहते हैं। द्वापर युग में जब धरती पर कंस का अत्याचार बहुत बढ़ गया तब उसके अंत के लिये भगवान कृष्ण ने कंस की ही बहन देवकी के गर्भ से जन्म लिया। उनके पिता वसुदेव ने उनके प्राणों की रक्षा के लिये श्री कृष्ण को अपने मित्र नंद के पास छोड दिया था। यशोदा जी नंद जी पत्नी थी। श्री कृष्ण का बाल्यकाल नंदगॉव और गोकुल में निकला।
माता यशोदा ने श्रीकृष्ण का पालन पोषण बहुत स्नेह के साथ किया था। वो उनको बहुत स्नेह करती थी। श्री कृष्ण भी अपनी माता यशोदा के प्रति बहुत अनुराग रखते थे। श्री कृष्ण की बाललीला से सारे ब्रजवासी मोहित थे। भगवान श्रीकृष्ण को यशोदानंदन के नाम से भी पुकारा जाता हैं।
माना जाता है इस दिन माता यशोदा के साथ श्री कृष्ण की पूजा करने से
- साधक के सभी दुख दूर हो जाते हैं।
- विशेषकर संतान की कामना से इस दिन पूजन करने से उत्तम संतान की प्राप्ति होती हैं।
- घर-परिवार में खुशी का माहौल रहता हैं।
- परिवार में स्नेह रहता हैं।
- धन-धान्य में वृद्धि होती हैं।
- साधक को भगवान श्री कृष्ण की कृपा प्राप्त होती हैं।
Yashoda Jayanti Ki Puja Vidhi
यशोदा जयंती की पूजा विधि
यशोदा जयंती (Yashoda Jayanti) के दिन श्रीकृष्ण को गोद में लिये माता यशोदा के चित्र की पूजा किये जाने का विधान हैं।
- इस दिन पूजन करने वाले को प्रात:काल जल्दी स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिये।
- फिर पूजास्थान पर श्रीकृष्ण को गोद में लिये माता यशोदा का चित्र लगायें।
- धूप-दीप जलाकर, रोली-चावल से तस्वीर का तिलक करें। चंदन लगाये।
- फल-फूल अर्पित करें।
- पान-सुपारी चढ़ायें।
- मक्खन-मिश्री का भोग लगायें।
- फिर आरती करें।