Holika Dahan 2024 – जानियें होलिका दहन कब है? और होलिका दहन पर क्या करना चाहिये?

Holika Dahan

सभी प्रकार के भय और विपत्तियों पर विजय पाने के लिये करें होलिका पूजन। होलिका दहन (Holika Dahan) कब है?, होलिका दहन की पूजा विधि, होलिका दहन की पौराणिक कथा, होलिका दहन पर सुख-शान्ति और धन प्राप्ति के लिये कौन से उपाय करें?

Holika Dahan
होलिका दहन

होली हिंदुओं का बहुत प्रसिद्ध त्यौहार है। पूरे भारतवर्ष में होली का पर्व बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं। होली को रंगों का त्यौहार भी कहा जाता है। फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन (Holika Dahan) किया जाता हैं। होलिका दहन के अगले दिन धुलण्ड़ी का पर्व मनाया जाता हैं, जिसमें लोग एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाकर खुशी और प्रेम के साथ त्यौहार मनाते हैं। हिंदु धर्म में होली के त्यौहार को विशेष महत्व दिया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार होलिका पूजन करने से साधक को सभी प्रकार से भय से मुक्ति मिलती और सभी जगह विजय प्राप्त होती है।

Holika Pujan (Holika Dahan) Kab Hai?
होलिका पूजन (होलिका दहन) कब है?

इस वर्ष होलिका दहन (Holika Dahan) 24 मार्च, 2024 रविवार (राजस्थान में) के दिन किया जायेगा।

Holika Dahan Ki Puja Vidhi
होलिका दहन की पूजा विधि

फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन (Holika Dahan) किया जाता है। होलिका दहन करने से पूर्व होलिका पूजन भी किया जाता है। होलिका पूजन कि विधि इस प्रकार है-

  • होलिका दहन (Holika Dahan) के दिन स्नानादि नित्य क्रिया से निवृत्त होकर होलिका दहन से पूर्व होलिका पूजन के लिये होलिका के पास जाकर (लकडी, गोबर के उपले, आदि को खुले स्थान पर होलिका के रूप में रखा जाता है) पूर्व दिशा की ओर मुख करके जल के छींटे लगायें।
  • फिर अक्षत और रोली चढ़ायें।
  • पुष्प अर्पित करें।
  • गुड, साबुत हल्दी, मूंग, गुलाल और बताशे के साथ गेहूं और चने की पकी बालियाँ चढ़ायें।
  • होलिका पर गाय के गोबर से बनी ढाल रखें।
  • मौली में पिरोकर गाय के गोबर से बनी ढाल की चार मालायें लेकर, एक माला पितरों के निमित्त निकाले, दूसरी हनुमान जी के निमित्त, तीसरी माता शीतला के निमित्त और चौथी माला परिवार के नाम से रखें।
  • इसके बाद होलिका की परिक्रमा करते हुये उसपर सूत लपेटें। होलिका की 3, 5 या 7 परिक्रमा लगाये।
  • फिर जल चढ़ायें।
  • जब होलिका दहन हो तब गेहूं और चने की पकी बालियाँ उसमें सेंकें।

Holika Pujan (Holika Dahan) Ki Katha
होलिका दहन की पौराणिक कथा

धर्मशास्त्रों में होलिका दहन (Holika Dahan) की जिस कथा का उल्लेख है उसके अनुसार अतिप्राचीन काल में प्रहलाद नाम का एक बालक भगवान विष्णु का अनन्य भक्त था। प्रह्लाद राक्षसराज हिरण्यकश्यप का पुत्र था। प्रह्लाद की माता का नाम कयाधु था। हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु के प्रति शत्रुता का भाव रखता था। उसने कठिन तपस्या से ब्रह्मा जी को प्रसन्न करके वरदान प्राप्त किया था। उस वरदान के बल पर उसने स्वयं को ईश्वर घोषित कर दिया था। वो स्वयं को ईश्वर मानता था और बलपूर्वक सभी से यह बात मनवाना चाहता था। प्रह्लाद ने अपने पिता को भगवान मानने से मना कर दिया। प्रह्लाद भगवान विष्णु का अनन्य भक्त था।

हिरण्यकश्यप यह नहीं चाहता था कि उसका पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु की पूजा करें। इसके लिये उसने प्रहलाद को बहुत समझाया और भय दिखाया किंतु प्रह्लाद नही माना। हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र को मारने का प्रयास किया किंतु वो असफल रहा और भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित रहा। इस सबसे क्रोधित होकर हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका के साथ मिलकर प्रह्लाद को मारने की योजना बनाई। होलिका ने ब्रह्मा जी से आशीर्वाद स्वरूप एक दिव्य शॉल प्राप्त की थी। उस दिव्य शॉल को ओढने से उसके प्रभाव से होलिका अग्नि से सुरक्षित रह सकती थी। हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को प्रह्लाद को लेकर अग्नि में प्रवेश करने को कहा जिससे उस शॉल के प्रभाव से होलिका तो सुरक्षित रहे और प्रह्लाद जलकर भस्म हो जावें।

होलिका ने योजना के अनुसार शॉल ओढकर प्रह्लाद को गोद में लेकर प्रचण्ड अग्नि में प्रवेश कर लिया। किंतु भगवान विष्णु की कृपा से उस शॉल से प्रह्लाद उस प्रचण्ड अग्नि में सुरक्षित रहा होलिका जलकर राख हो गई। प्रह्लाद अग्नि से सुरक्षित बाहर आ गया। तभी से इस दिन होलिका दहन किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि जिस प्रकार भगवान विष्णु ने भक्त प्रह्लाद की रक्षा की उसी प्रकार इस दिन होलिका दहन (Holika Dahan) और पूजन करने वाले की सभी विपत्तियों से रक्षा होती है।

Do These Remedies On Holika Dahan
होलिका दहन पर करें यह उपाय

होलिका दहन (Holika Dahan) के अवसर पर यह आसान से उपाय करने से जातक अपनी विभिन्न समस्याओं का निवारण करके अपने जीवन को सुखी बना सकता है।

गृहक्लेश से मुक्ति के लिये उपाय

यदि घर में अशांति रहती है, पति-पत्नी में अनबन रहती है और घर में नकारात्मक आ रही हो तो इस सब से मुक्ति पाने के लिये होलिका दहन (Holika Dahan) के बाद अर्थात जब होली जल जाए तो होली की अग्नि में आटा और जौ चढ़ाएं। ऐसा करने से गृहक्लेश शांत होगा और घर में सुख-शांति हो जाएगी।

व्यापार में वृद्धि का उपाय

यदि किसी का व्यापार अच्छा नही चल रहा हो या उसमें लगातार गिरावट आ रही तो होली के दिन पीले कपड़े में काली हल्दी बांधे, 11 गोमती चक्र और एक सिक्का चांदी लेकर इन सब को एक काले कपड़े में बांधकर होली की अग्नि की 11 बार परिक्रमा करके ईश्वर का ध्यान करते हुये उनसे प्रार्थना करके उस पोटली को अग्नि में चढ़ा दें। इस उपाय को करने से जातक के व्यापार में वृद्धि होने लगेगी।

व्यापार में वृद्धि का एक उपाय यह भी है कि एक वृक्ष ढूंढ लें जिसपर चमगादड़ों का वास हो। फिर होली के पहले पड़ने वाले शनिवार को सूर्योदय से पूर्व उस पेड़ की डाली को तोड़ लें और होलिका दहन (Holika Dahan) की रात में पूजन के कुछ समय बाद उस टहनी के पत्तों को तोड़कर अपनी गद्दी या तिजोरी के नीचे रखें। ऐसा करने से व्यवसाय में बहुत तेजी से वृद्धि होने लगेगी और अपार धन की प्राप्ति होगी।

रोग मुक्ति का उपाय

जिस किसी की सेहत खराब रहती हो और उपचार के बाद भी रोगों से मुक्ति नहीं मिल रही हो तो वो या उसके परिवार का कोई सदस्य होलिका दहन (Holika Dahan) के बाद बची हुई राख से थोड़ी राख घर लेकर आए और उसे रोगी के तकिए (सिर की तरफ) के नीचे रख दें। इस उपाय के करने से पुराने से पुराना रोग भी सही हो जायेगा और रोगी को आरोग्य की प्राप्ति होगी।

अनावश्यक धन व्यय रोकने का उपाय

यदि किसी के घर पर बचत नहीं हो रही हो और अनावश्यक रूप से धन खर्च हो रहा हो तो इसे रोकने के लिये होलिका दहन (Holika Dahan) के दूसरे दिन बची हुई राख को लेकर एक लाल कपड़े में बांधे और उसे अपने धन स्थान या अपने अपने पर्स में रखें। ऐसा करने से अनावश्यक धन व्यय से मुक्ति मिलेगी और धन की बचत होगी।

पढ़ाई में मन लगाने का उपाय

आजकल हम देखते है कि बच्चों का पढ़ाई में मन नही लगता और माता-पिता इस बात से उनके भविष्य को लेकर परेशान रहते है। जिस बच्चे का मन पढ़ाई में नहीं लगता हो या मेहनत करने के बाद भी सफलता नहीं मिल रहा हो तो उस बच्चे के हाथों से होलिका दहन के स्थान पर नारियल, पान, सुपारी का दान कराएं अर्थात यह वस्तुएं होलिका में अर्पित करवायें। ऐसा करने से बच्चा मन लगाकर पढ़ाई करेगा और उसे सफलता प्राप्त होगी।

वास्तु दोष से मुक्ति का उपाय

जिस भी मनुष्य के घर में वास्तु दोष हो, तो वो उस वास्तु दोष से मुक्ति पाने के लिए होलिका दहन के अगले दिन सबसे पहले प्रातकाल उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करके अपने इष्टदेव को निवास स्थान के ईशान कोण में रखकर पूजन करें और इष्टदेव को गुलाल अर्पित करें। इस उपाय को करने से वास्तु दोष का निवारण होगा और घर में सुख-शांति-सुविधा और समृद्धि की वर्षा होगी।