रंगों के त्यौहार होली का ही एक भाग है रंग तेरस (Rang Teras)। इस होली के रंगों के साथ मेले आदि का आयोजन करके बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। जानियें कब है रंग तेरस? साथ ही पढ़ियें कैसे और कहाँ मनाया जाता है रंग तेरस का पर्व?
Rang Teras
रंग तेरस
चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को रंग तेरस (Rang Teras) कहा जाता है। यह एक रंगों से भरा हुआ त्यौहार है। रंग तेरस का यह पर्व भगवान श्रीनाथजी को समर्पित है। राजस्थान के उदयपुर के नाथद्वारा में रंग तेरस का त्यौहार बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है। वहाँ के स्थानीय लोग इस दिन अनेकोनेक आयोजन करते है। इस दिन भक्त अलग-अलग स्थानों से श्री नाथ जी के दर्शन के लिये आते है।
When is Rang Teras?
कब है रंग तेरस?
इस वर्ष रंग तेरस (Rang Teras) का त्यौहार 7 अप्रैल, 2024 रविवार के दिन मनाया जायेगा।
Whom we worship on Rang Teras?
रंग तेरस में किस भगवान की पूजा की जाती है?
रंग तेरस (Rang Teras) का यह त्यौहार भगवान श्री कृष्ण के श्रीनाथजी स्वरूप को समर्पित है। इस दिन इनकी पूजा एवं दर्शन किये जाने की परम्परा है। इस पर्व पर देशभर से भगवान श्री नाथ जी के भक्त उनके दर्शन पाने के लिये नाथद्वारा आते है। इस दिन यहाँ के स्थानीय लोग गेर के प्रदर्शन के साथ इस पर्व को हर्षोल्लास से मनाते हैं।
Significance of Rang Teras
रंग तेरस का महत्व
किसान धरती माँ के प्रति धन्यवाद व्यक्त करने के लिये इस दिन मेले आ आयोजन करते है। गेहूँ की फसल पर खुशी मनाने और पृथ्वी देवी के प्रति आभार प्रकट करने के लिये विशेषकर राजस्थान के मेवाड़ में रंग तेरस (Rang Teras) पर चैत्र मास में भव्य आदिवासी मेलों का आयोजन किया जाता है। रंग तेरस के दिन किसान देवी पृथ्वी की पूजा करते है और भोजन के साथ जीवन जीने के आवश्यक समस्त वस्तुए प्रदान करने के लिये उनका आभार व्यक्त करते है। यह त्यौहार मनाने की परम्परा 15वीं शताब्दी से चली आ रही है और समय के साथ इसका आयोजन और भव्य होता जा रहा है।
इस दिन समाज के बुजुर्ग लोग ‘नागदास’ जो की एक पारंपरिक संगीत वाद्ययंत्र है उसे बजाते है और युवा बांस की डंडियों और तलवारों से उस संगीत की ताल पर नृत्य करते है। इस कला को ‘गेर’ कहा जाता है और यह कला मेवाड़ क्षेत्र की विशेषता है। स्त्रियाँ इस दिन व्रत रखती है। रंगारंग जुलूस निकाला जाता है। रंग तेरस (Rang Teras) का त्यौहार विशेषकर भारत के मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और बिहार राज्य में बड़े हर्षोल्लास और आनन्द के साथ मनाया जाता है।