अम्बे तू है जगदम्बे काली जय दुर्गे खण्पर वाली, तेरे ही गुन गायें भारती ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती। माता तेरे भक्त जनों पर भीड़ पड़ी है भारी।…
सम्पूर्ण आरतियोँ का संग्रह
प्रभु भक्ति (Prabhu bhakti) में आरती (Aarti) का विशेष महत्व होता है। कोई भी पूजा बिना आरती के समपूर्ण नही होती। आरती संकलन में बहुत से देवी-देवताओं की आरतियों का सन्ग्रह किया गया है। हमने ये प्रयास किया है की भक्तों को सभी आरतियाँ एक ही जगह पर उपलब्ध हो सकें।
It is collection of aarti’s of various hindu God & Goddess.
अम्बे तू है जगदम्बे काली जय दुर्गे खण्पर वाली, तेरे ही गुन गायें भारती ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती। माता तेरे भक्त जनों पर भीड़ पड़ी है भारी।…
ओ३म् जय श्री कृष्ण हरे प्रभु जय श्री कृष्ण हरे। भगतन के दुःख टारे पल में दूर करे ! जय श्री कृष्ण हरे।। परमानन्द मुरारी मोहन गिरधारी, जै रस रास…
आरती कुंजबिहारी की, गिरधर कृष्ण मुरारी की। गले में बैजन्ती माला, बजाये मुरली मधुर बाला। श्रवण में कुण्डल झल काला, नन्द के आनन्द नन्द लाला। ॐ नैनन बीच, बसहि उर…
जय शिव ओंकारा, स्वामी हर शिव ओंकारा।ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्धांगी धारा ॥ जय शिव ओंकारा एकानन चतुरानन पंचानन राजे,हंसासन गरुड़ासन वृषवाहन साजे॥ जय शिव ओंकारा दो भुज चार चतुर्भुज दस…
आ गई महाशिवरात्रि पधारो शंकर जी, हो पधारो शंकर जी आरती उतारें पार। उतारो शंकर जी हो उतारो शंकर जी, तुम नयन-नयन में हो मन मन में धाम तेरा।। हे…
जय जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी, सूर्य पुत्र प्रभुछाया महतारी॥ जय जय जय शनि देव.॥ श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी, नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥ जय.॥ क्रीट…
हे मात मेरी, हे मात मेरी, कैसी यह देर लगाई है दुर्गे॥हे" भवसागर में गिरा पड़ा हूँ काम आदि ग्रह में घिरा पड़ा हूँ। मोह आदि जाल में जकड़ा पड़ा…
ओ३म जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता तुमको निशदिन सेवत, हर विष्णु धाता।। ओ३म।। उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता।। ओ३म्।। दुर्गा रूप निरंंजनि,…
जय श्री बालाजी, महाराज, अनोखी तिहारी झांकी। जय श्री घाटे वाले हनुमान, अनोखी तिहारी झांकी।। टेक।। तिहारे सिर पै मुकुट बिराजे, कानों में कुण्डल साजै। गले बिराजै अनुपम हार, अनोखी…
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे भक्त जनन के संकट, छिन में दूर करे ।।ॐ।। जो ध्यावे फल पावे, दुःख बिनसे मन का, सुख-सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे…
ॐ जय श्री जीण माता, जय श्री जीण माता। जो ध्यावत जग झंझट, उसका कट जाता ।। ॐ जय।। रत्न जड़ित सिंहासन, अद्भुत छवि न्यारी। सिर पर छत्र लसत है,…