Sampoorn chalisa sanklan.
It is collection of chalisa’s of all lords.
चालीसा संकलन
सम्पूर्ण चालीसा का संग्रह

॥दोहा॥ विश्वेश्वरपदपदम की रज-निज शीश लगाय। अन्नपूर्णे! तव सुयश बरनौं कवि मतिलाय॥ ॥चौपाई॥ नित्य अनंद करिणी माता, वरअरु अभय भाव प्रख्याता। जय! सौंदर्य सिंधु जग-जननी, अखिल पाप हर भवभय हरनी।…

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॥ दोहा ॥ गणपति गिरजा पुत्र को सुमिरु बारम्बार ।हाथ जोड़ बिनती करू शारद नाम आधार ।। ॥ चौपाई ॥ जय जय जय गोरख अविनाशी । कृपा करो गुरुदेव प्रकाशी…

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॥ दोहा ॥ श्री गुरु चरण ध्यान धर, सुमिरि सच्चिदानन्द। श्याम चालीसा भणत हूँ, रच चौपाई छंद॥ ॥ चौपाई ॥ श्याम श्याम भजि बारम्बारा, सहज ही हो भवसागर पारा ॥…

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चौपाई श्री गणपति गुरुपद कमल, प्रेम सहित सिरनाय । नवग्रह चालीसा कहत, शारद होत सहाय ।। जय जय रवि शशि सोम बुध जय गुरु भृगु शनि राज । जयति राहु…

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॥दोहा॥ जय जय जय प्रभु रामदे, नमो नमो हरबार । लाज रखो तुम नंद की, हरो पाप का भार । दीनबंधु किरपा करो, मोर हरो संताप । स्वामी तीनो लोक…

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।।दोहा।। श्री राधे वुषभानुजा , भक्तनि प्राणाधार । वृन्दाविपिन विहारिणी , प्रानावौ बारम्बार ।। जैसो तैसो रावरौ, कृष्ण प्रिय सुखधाम । चरण शरण निज दीजिये सुन्दर सुखद ललाम ।। ।।चौपाई।।…

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॥ दोहा ॥ जयकाली कलिमलहरण, महिमा अगम अपार महिष मर्दिनी कालिका, देहु अभय अपार ॥ चौपाई अरि मद मान मिटावन हारी । मुण्डमाल गल सोहत प्यारी ॥ अष्टभुजी सुखदायक माता…

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।। दोहा ।। ह्रीं श्रीं क्लीं मेधा प्रभा जीवन ज्योति प्रचंड ।।शांति कांति जागृत प्रगति रचना शक्ति अखंड ।।जगत जननी मंगल करनि गायत्री सुखधाम ।।प्रणवों सावित्री स्वधा स्वाहा पूरन काम…

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।। दोहा ।। श्री गणपति गुरु गौरि पद प्रेम सहित धरि माथ । चालीसा वन्दन करौं श्री शिव भैरवनाथ ॥ श्री भैरव संकट हरण मंगल करण कृपाल । श्याम वरण…

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।।दोहा।। श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान । कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान ॥ ।। चौपाई ।। जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥…

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नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥ शशि ललाट मुख महाविशाला। नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥ रूप मातु को अधिक…

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।। दोहा ।। जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल । विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल ।। ।। चौपाई ।। जय जय जय गणपति गणराजू । मंगल भरण…

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