Paush Purnima – जानियें पौष पूर्णिमा कब है? और इस दिन क्या करना चहिये?

Paush Purnima

धन-समृद्धि-आरोग्य एवं सौभाग्य प्रदान करने वाला हैं पौष पूर्णिमा (Paush Purnima) का व्रत एवं पूजन। पौष पूर्णिमा को शाकम्भरी पूर्णिमा (Shakambhari Purnima) भी कहा जाता हैं। जानिये पौष पूर्णिमा कब हैं? साथ ही पढ़िये पौष पूर्णिमा से जुड़ी विशेष बातें और पौष पूर्णिमा का पौराणिक महत्व ।

Paush Purnima
पौष पूर्णिमा

हिंदु धर्म में पौष पूर्णिमा (Paush Purnima) को अति विशेष माना जाता हैं। पौष पूर्णिमा को शाकम्भरी पूर्णिमा (Shakambhari Purnima) भी कहा जाता हैं। शास्त्रों में पौष मास को भगवान सूर्य का महीना माना गया हैं। पौष पूर्णिमा (Paush Purnima) के दिन जप, तप, स्नान एवं दान का विशेष महत्व होता हैं। पूर्णिमा पर चंद्रमा और भगवान सत्यनारायण का व्रत एवं पूजन किया जाता हैं। इस दिन व्रत एवं पूजन करने से जातक के सौभाग्य में वृद्धि होती हैं और उसे धन-धान्य की प्राप्ति होती हैं। पौष माह की पूर्णिमा को पूषी पूर्णिमा के नाम से भी पुकारा जाता हैं।

Paush Purnima Kab Hai?
पौष पूर्णिमा कब हैं?

इस बार पौष पूर्णिमा (Paush Purnima) का व्रत एवं पूजन 25 जनवरी, 2024 गुरूवार के दिन किया जाएगा।

Significance Of Paush Purnima
पौष पूर्णिमा का महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पौष मास की पूर्णिमा को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता हैं। हिंदु धर्म में इस दिन स्नान, दान, व्रत एवं पूजन का बहुत महत्व होता हैं।

  • पौष पूर्णिमा (Paush Purnima) पर पवित्र नदियों या तीर्थ स्थानों पर स्नान करने से बहुत पुण्य मिलता हैं।
  • जातक के रोगों का नाश होता है और उसे आरोग्य की प्राप्ति होती हैं।
  • मनुष्य अपने पापों से मुक्त होता हैं अर्थात उसके पापों का शमन होता हैं।
  • इस दिन भगवान विष्णु का पूजन एवं व्रत करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है और जातक को धन-समृद्धि की प्राप्ति होती हैं।
  • इस दिन का व्रत एवं पूजन करने से जातक इस लोक के सभी सुखों को भोगकर मरणोंपरांत मोक्ष को प्राप्त करता हैं।
  • चाँद पूर्णिमा का व्रत करने से जातक को चंद्र ग्रह की शुभता प्राप्त होती हैं।
  • इस दिन दान करने का भी बहुत महत्व होता हैं। जरूरतमंदों को दान देने से महान पुण्य की प्राप्ति होती हैं।
  • पौष पूर्णिमा (Paush Purnima) पर शाकंभरी जयंती मनायी जाती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन देवी शाकंभरी का अवतार हुआ था। इसी दिन शाकंभरी नवरात्रि (Shakambhari Navratri) भी पूर्ण होते हैं।

What To Do On Paush Purnima?
पौष पूर्णिमा पर क्या करें?

पौष पूर्णिमा (Paush Purnima) की यह विशेषता है कि इस दिन भगवान सूर्य और भगवान चंद्र दोनों की पूजा की जाती हैं। इस दिन दान का भी विशेष महत्व होता हैं।

  • पौष पूर्णिमा (Paush Purnima) के दिन जरूरतमंदों को गर्म कपड़े, कम्बल, ऊनी कपडें और भोजन सामग्री आदि दान करनी चाहियें।
  • इस दिन चावल दान करने से जातक को चंद्र ग्रह की अनुकूलता प्राप्त होती हैं।
  • इस दिन गंगा नदी में स्नान करना चाहिये और यदि ऐसा नही कर सकते हो तो स्नान के जल में गंगाजल मिलाकर नहाये और नहाते समय में कुशा रखें। ऐसा करने से जातक निरोगी होता है और साथ ही उसके पापों का नाश होता हैं।
  • पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण का व्रत एवं पूजन किया जाता हैं। ऐसा करने से जातक को सुख-सम्पत्ति की प्राप्ति होती हैं।
  • इस दिन घर के मुख्य द्वार पर आम के पत्तों की तोरण बांधने से घर में लक्ष्मी का वास होता हैं और जातक को देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती हैं।
  • इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से जातक को अत्यंत शुभ फलों की प्राप्ति होती हैं।
  • इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
  • पूर्णिमा के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  • इस दिन सात्विक भोजन करना चाहियें।
  • कम बोलना चाहिये और किसी की निंदा नही करनी चाहियें।

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