मनोवांछित फल पाने के लिये करें फाल्गुन अमावस्या (Phalguna Amavasya) पर दान-धर्म। जानें फाल्गुन अमावस्या का क्या महत्व हैं? साथ ही पढ़ें पूजन की विधि, फाल्गुन अमावस्या के नियम और कुछ उपाय।
Phalguna Amavasya
फाल्गुन अमावस्या
फाल्गुन मास हिंदु पंचाग का अंतिम मास माना जाता हैं। वर्ष में आने वाली सभी अमावस्याओं में फाल्गुन अमावस्या (Phalguna Amavasya) को बहुत महत्व दिया जाता हैं। महाशिवरात्रि के अगले दिन आने के कारण इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता हैं। इस दिन शिव खप्पर पूजा किये जाने का विधान हैं। अमावस्या के दिन तीर्थ स्नान, पवित्र नदी में स्नान, दान-धर्म और श्राद्ध-तर्पण आदि किये जाने का विधान हैं।
Phalguna Amavasya Kab Hai?
फाल्गुन अमावस्या कब हैं?
इस वर्ष फाल्गुन अमावस्या (Phalguna Amavasya) 10 मार्च, 2024 रविवार के दिन है।
Significance Of Phalguna Amavasya
फाल्गुन अमावस्या का महत्व
हिंदु पंचाग के अंतिम माह अर्थात फाल्गुन माह की अमावस्या का बहुत महत्व है। महाशिवरात्रि के बाद आने वाली इस अमावस्या के दिन शिव खप्पर पूजा किये जाने का विधान हैं। जो भी जातक महाशिवरात्रि का व्रत एवं पूजन करता है उसे फाल्गुन अमावस्या (Phalguna Amavasya) के दिन सुबह शिव खप्पर पूजन अवश्य करना चाहिये। तभी उसका महाशिवरात्रि का व्रत पूर्ण होता हैं।
अमावस्या के दिन पितर पूजन व पितरों का श्राद्ध-तर्पण करना उत्तम होता हैं। इस दिन तीर्थ स्थान, पवित्र नदी जैसे गंगा, यमुना, गोदावरी, आदि, या नदियों के संगम या पवित्र सरोवर में स्नान का बहुत महत्व होता है। अमावस्या पर दानधर्म करने से उसका कई गुणा पुण्य प्राप्त होता है।
- अमावस्या (Amavasya) के दिन पितरों के निमित्त श्राद्ध व तर्पण करने से उनकी आत्मा को शान्ति मिलती हैं।
- अकाल मृत्यु को प्राप्त हुये मनुष्य की मुक्ति के लिये अमावस्या के दिन श्राद्ध व पिंडदान करने से उसे सद्गति प्राप्त होती है।
- इस दिन गंगा स्नान करने से मनुष्य के सभी पापों का नाश हो जाता है।
- इस अमावस्या पर पूजा अर्चना करने से घर परिवार में शांति रहती है।
- धन-समृद्धि व कुल में वृद्धि होती है।
- इस दिन किये दान धर्म का कई गुणा पुण्य प्राप्त होता है।
- नौकरी में उन्नति होती है।
- व्यवसाय में प्रगति होती है।
- जीवन की सभी समस्याओं और कष्टों का निवारण होता है।
- पितृ-दोष से मुक्ति मिलती है।
- जन्मकुण्ड़ली के दोषों जैसे कालसर्प दोष, शनि दोष आदि का निवारण होता है।
How to worship Falgun Amavasya?
फाल्गुन अमावस्या की पूजा कैसे करें?
हिन्दु मान्यता के अनुसार फाल्गुन अमावस्या (Phalguna Amavasya) के दिन गंगा स्नान करना बहुत शुभ फल प्रदान करने वाला माना जाता हैं।
- अमावस्या (Amavasya) के दिन प्रात:काल जल्दी गंगा नदी या तीर्थ स्थान या पवित्र नदी या पवित्र सरोवर या कुंड में स्नान करें। यदि ऐसा सम्भव ना हो तो गंगाजल पानी में डाल कर स्नान करें। स्नानादि नित्यक्रिया से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- फिर सूर्योदय के समय भगवान सूर्य को अर्ध्य दें।
- धूप-दीप जलाकर भगवान विष्णु की पूजा करें। उन्हे फल-फूल व भोग अर्पित करें।
- शिव खप्पर पूजा के लिये मंदिर जाकर खप्पर भरें (पूजें) फिर किसी साधू को भोजन करायें और दक्षिणा देकर संतुष्ट करें।
- गरीबों को अन्न-वस्त्र आदि का दान करें।
- ब्राह्मणों को भोजन करायें।
- अपने पितरों की शान्ति के लिय उनके निमित्त तर्पण व पिंडदान करें।
- इस दिन यदि कोई गाय, भूमि या स्वर्ण का दान करता है, तो उसे इसका कई गुणा पुण्य प्राप्त होता हैं।
- इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करनी चाहिये। पीपल के वृक्ष को जल से सींचना चाहिये, दीपक जलाकर, मिठाई अर्पित करनी चाहिये। धार्मिक मान्यता के अनुसार पीपल के वृक्ष में ब्रह्मा जी, विष्णु जी और भगवान शिव का वास होता है, इसलिये पीपल की पूजा करने से जातक को त्रिदेव की कृपा प्राप्त होती हैं।
- हनुमान जी के मंदिर जाकर दर्शन करें। हनुमान जी के सिंदूर चढ़ायें। हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- अमावस्या के दिन पीपल और शमी के पेड़ की पूजा करने और पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से जातक के जीवन की सारी बाधाएँ दूर हो जाती है।
Amavasya Ke Din Kare Yeh Upay
अमावस्या के दिन यह उपाय करें
- इस दिन मछलियों को आटे की छोटी-छोटी गोलियां बनाकर खिलाएं। ऐसा करने से महान पुण्य की प्राप्ति होती है और साथ ही जातक को धन की प्राप्ति भी होती है।
- इस दिन गंगा स्नान करने से समस्त पापों का नाश होता हैं।
- हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिये इस दिन प्रात:काल स्नानादि नित्यक्रिया से निवृत्त होकर धूप व चमेली के तेल का दीपक जलाकर, लड्डुओं का भोग रखकर हनुमान बीज मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से साधक को हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है।
- इस दिन गरीबों को अन्नदान करने बहुत पुण्य मिलता है और घर में सुख-समृद्धि आती हैं।
- शनि अमावस्या के दिन शनि देव को तेल का दान करें। साथ ही काले उड़द (साबुत) और लोहे की वस्तु दान करने से शनि की पीडा कम होती हैं।