शीश के दानी के नाम से प्रसिद्ध श्याम बाबा (Shyam Baba) की भक्ति अत्यंत ही शुभ फल देने वाली है। श्याम बाबा को हारे का सहारा कहते है। श्री श्याम…
शीश के दानी के नाम से प्रसिद्ध श्याम बाबा (Shyam Baba) की भक्ति अत्यंत ही शुभ फल देने वाली है। श्याम बाबा को हारे का सहारा कहते है। श्री श्याम…
दादी चालीसा (Dadi Chalisa) रानी सती दादी को समर्पित है। देश के विभिन्न हिस्सों में रानी सती दादी सा के कई मन्दिर है और उनकी पूजा की जाती है। हजारों…
बृहस्पति देव को देवताओं के गुरू की उपाधि प्राप्त है। इन्हे ज्ञान और विद्या का दाता माना जाता है। इनकी कृपा से साधक को ज्ञान के साथ धन-समृद्धि की प्राप्ति…
बगलामुखी चालीसा का पाठ बहुत ही प्रभावशाली और चमत्कारिक फल प्रदान करता है। माता बगलामुखी को पीताम्बरा भी कहते है। जानियें कौन है माता बगलामुखी ?, क्या महत्व है बगलामुखी…
हनुमान साठिकाHanuman Sathika तुलसीदासजी कृत हनुमान चालीसा की ही भांति 'हनुमान साठिका' भी बहुत प्रभावशाली, चमत्कारी और प्रमाणित स्तोत्र हैं। हनुमान साठिका का प्रतिदिन नियमपूर्वक पाठ करने से जातक पर…
तुलसीदास जी द्वारा रचित हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का पाठ बहुत ही चमत्कारिक है। इसका नित्य पाठ करने से साधक भय मुक्त हो जाता है। उसके रोग-दोष का नाश होता…
॥ चौपाई ॥ पहले साई के चरणों में, अपना शीश नमाऊं मैं । कैसे शिरडी साई आए, सारा हाल सुनाऊं मैं ॥ कौन है माता, पिता कौन है, ये न…
॥ दोहा ॥ कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अङ्ग, पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के सङ्ग ॥ ॥ चौपाई ॥ जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर ॥…
॥ दोहा ॥ श्री गणपति पद नाय सिर, धरि हिय शारदा ध्यान। सन्तोषी मां की कला, कीरति सकल बखान। ॥ चौपाई ॥ जय संतोषी मां जग जननी, खल मति दुष्ट…
॥ दोहा ॥ जनक जननि पद्मरज, निज मस्तक पर धरि । बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि ॥ पूर्ण जगत में व्याप्त तव, महिमा अमित अनंतु । दुष्जनों के…
॥ दोहा ॥ जय जय माता शीतला तुमही धरे जो ध्यान । होय बिमल शीतल हृदय विकसे बुद्धी बल ज्ञान ॥ घट घट वासी शीतला शीतल प्रभा तुम्हार । शीतल…
॥ दोहा ॥ बन्दउ माँ शाकम्भरी चरणगुरू का धरकर ध्यान। शाकम्भरी माँ चालीसा का करे प्रख्यान॥ आनन्दमयी जगदम्बिका-अनन्त रूप भण्डार। माँ शाकम्भरी की कृपा बनी रहे हर बार॥ ॥ चौपाई…
॥ दोहा ॥ मूर्ति स्वयंभू शारदा, मैहर आन विराज। माला, पुस्तक, धारिणी, वीणा कर में साज॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय शारदा महारानी, आदि शक्ति तुम जग कल्याणी। रूप…
शनिदेव की कृपा पाने के लिये हर शनिवार को करें शनि चालीसा (Shani chalisa) का पाठ। शनि की साढ़े-साती और ढ़ैया का दुष्प्रभाव कम करने और शनि के शुभता पाने…
शनिदेव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिये संध्या के समय शनि चालीसा का पाठ करें। ॥ दोहा ॥ जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल । दीनन…
॥ दोहा ॥ गरुड़ वाहिनी वैष्णवी त्रिकूटा पर्वत धाम। काली, लक्ष्मी, सरस्वती शक्ति तुम्हें प्रणाम॥ ॥ चौपाई ॥ नमो: नमोः वैष्णो वरदानी, कलि काल में शुभ कल्याणी। मणि पर्वत पर…
॥ दोहा ॥ वन्दो वीरभद्र शरणों शीश नवाओ भ्रात । ऊठकर ब्रह्ममुहुर्त शुभ कर लो प्रभात ॥ ज्ञानहीन तनु जान के भजहौंह शिव कुमार । ज्ञान ध्यानन देही मोही देहु…
॥ दोहा ॥ विष्णु सुनिए विनय सेवक की चितलाय। कीरत कुछ वर्णन करूँ दीजै ज्ञान बताय॥ ॥ चौपाई ॥ नमो विष्णु भगवान् खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी। प्रबल जगत में…
॥ दोहा ॥ विनय करौं कर जोड़कर मन वचन कर्म संभारि। मोर मनोरथ पूर्ण कर विश्वकर्मा दुष्टारि॥ ॥ चौपाई ॥ विश्वकर्मा तव नाम अनूपा, पावन सुखद मनन अनरूपा। सुन्दर सुयश…
॥ दोहा ॥ नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदंब । संत जनों के काज में, करती नहीं बिलंब ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय विन्ध्याचल रानी । आदि शक्ति…
॥ दोहा ॥ मातु लक्ष्मी करि कृपा, करो हृदय में वास । मनोकामना सिद्ध करि, परुवहु मेरी आस ॥ ॥ सोरठा ॥ यही मोर अरदास, हाथ जोड़ विनती करुं ।…
जयति जयति जय ललिते माता, तब गुण महिमा है विख्याता। तू सुन्दरि, त्रिपुरेश्वरी देवी, सुर नर मुनि तेरे पद सेवी। त कल्याणी कष्ट निवारिणी, तू सख दायिनी, विपदा हारिणी। मोह…
॥ चौपाई ॥ श्री रघुवीर भक्त हितकारी । सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ॥ निशिदिन ध्यान धरै जो कोई । ता सम भक्त और नहिं होई ॥ ध्यान धरे शिवजी…
॥ दोहा ॥ श्री गुरु पद पंकज नमन, दूषित भाव सुधार। राणी सती सुविमल यश, बरणौं मति अनुसार। कामक्रोध मद लोभ में, भरम रह्यो संसार। शरण गहि करुणामयी, सुख सम्पत्ति…
॥ दोहा ॥ जय जय श्री महालक्ष्मी कर पात तब ध्यान। सिद्ध काज मम कीजिए निज शिशु सेवक जान॥ ॥ चौपाई ॥ नमो महा लक्ष्मी जय माता, तेरो नाम जगत…
॥ दोहा ॥ शीश नवा अरिहन्त को, सिद्धन करूँ प्रणाम। उपाध्याय आचार्य का, ले सुखकारी नाम॥ सर्व साधु और सरस्वती, जिन मन्दिर सुखकार। महावीर भगवान को, मन-मन्दिर में धार॥ ॥…
॥ दोहा ॥ बन्दौं वीणा पाणि को, देह आय मोहिं ज्ञान। पाय बुद्धि रविदास को, करौं चरित्र बखान॥ मातु की महिमा अमित है, लिखि न सकत है दास। ताते आयों…
॥दोहा॥ श्री गुरु चरण चितलाय के धरें ध्यान हनुमान। बालाजी चालीसा लिखे दास स्नेही कल्याण। विश्व विदित वर दानी संकट हरण हनुमान। मैंहदीपुर में प्रगट भये बालाजी भगवान। ॥चौपाई॥ जय…
॥दोहा॥ जय ब्रह्मा जय स्वयम्भू, चतुरानन सुखमूल। करहु कृपा निज दास पै, रहहु सदा अनुकूल॥ तुम सृजक ब्रह्माण्ड के, अज विधि घाता नाम। विश्वविधाता कीजिये, जन पै कृपा ललाम॥ ॥चौपाई॥…
॥ दोहा ॥ जय जय सीताराम के मध्यवासिनी अम्ब। देह दर्श जगदम्ब अब, करो न मातु विलम्ब॥ जय तारा जय कालिका जय दश विद्या वृन्द। काली चालीसा रचत एक सिद्धि…
॥दोहा॥ विश्वनाथ को सुमिर मन, धर गणेश का ध्यान। भैरव चालीसा रचूं, कृपा करहु भगवान॥ बटुकनाथ भैरव भजं, श्री काली के लाल। छीतरमल पर कर कृपा, काशी के कुतवाल॥ ॥चौपाई॥…
बगलामुखी चालीसा का नित्य पाठ करने से माँ बगलामुखी की कृपा प्राप्त होती है। इस चालीसा का पाठ सभी शत्रुओं पर विजय दिलाने वाला और हर मनोकामना को पूर्ण करने…
॥ दोहा ॥ जय गिरी तनये दक्षजे शंभु प्रिये गुणखानि। गणपति जननी पार्वती अम्बे! शक्ति! भवानि॥ ॥ चौपाई ॥ ब्रह्मा भेद न तुम्हरो पावे, पंच बदन नित तुमको ध्यावे। षड्मुख…
॥ दोहा ॥ हे पितरेश्वर आपको दे दियो आशीर्वाद, चरणाशीश नवा दियो रखदो सिर पर हाथ। सबसे पहले गणपत पाछे घर का देव मनावा जी, हे पितरेश्वर दया राखियो करियो…
॥ दोहा ॥ गणपति की कर वंदना, गुरू चरनन चितलाय। प्रेतराज जी का लिखू, चालीसा हरषाय॥ जय जय भूताधिप प्रबल, हरण सकल दुःख भार। वीर शिरोमणि जयति, जय प्रेतराज सरकार॥…
॥ दोहा ॥ श्री गुरु चरण सरोज छवि, निज मन मन्दिर धारि। सुमरि गजानन शारदा, गहि आशिष त्रिपुरारि॥ बुद्धिहीन जन जानिये, अवगुणों का भण्डार। बरणों परशुराम सुयश, निज मति के…
॥ दोहा ॥ देवि पूजिता नर्मदा, महिमा बड़ी अपार। चालीसा वर्णन करत, कवि अरु भक्त उदार। इनकी सेवा से सदा, मिटते पाप महान। तट पर कर जप दान नर, पाते…
॥दोहा॥ सुवन केहरी जेवर सुत महाबली रनधीर। बन्दौं सुत रानी बाछला विपत निवारण वीर॥ जय जय जय चौहान वन्स गूगा वीर अनूप। अनंगपाल को जीतकर आप बने सुर भूप॥ ॥चौपाई॥…
॥ दोहा ॥ श्री गरु पद समरण करी,गोरी नंदन ध्याय । वरनों माता जीण यश, चरणों शीश नवाय ॥ झाकी की अद्भत छवि, शोभा कही नजय । जो नित समरे…
॥ दोहा ॥ जय जय जल देवता, जय ज्योति स्वरूप ।अमर उडेरो लाल जय, झुलेलाल अनूप ।। ॥ चौपाई ॥ रतनलाल रतनाणी नंदन । जयति देवकी सुत जग वंदन ।।दरियाशाह…
॥ दोहा ॥ श्री तुलसी महारानी, करूँ विनय सिरनाय। जो मम हो संकट विकट, दीजै मात नशाय॥ ॥ चौपाई ॥ नमो नमो तुलसी महारानी, महिमा अमित न जाय बखानी। दियो…
॥ दोहा ॥ सुमिर चित्रगुप्त ईश को, सतत नवाऊ शीश । ब्रह्मा विष्णु महेश सह, ऋणिया भए जगदीश ।। करो कृपा करिवर वदन, जो सरशुती सहाय । चित्रगुप्त जस विमलयश,…
॥दोहा॥ बन्दहुँ वीणा वादिनी, धरि गणपति को ध्यान। महाशक्ति राधा सहित, कृष्ण करौ कल्याण। सुमिरन करि सब देवगण, गुरु पितु बारम्बार। बरनौ श्रीगिरिराज यश, निज मति के अनुसार। ॥चौपाई॥ जय…
॥दोहा॥ श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल। वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल॥ ॥चौपाई॥ जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी, दुष्ट दलन लीला अवतारी। जो कोई तुम्हरी लीला गावै,…
॥दोहा॥ जय जय जय जग पावनी, जयति देवसरि गंग। जय शिव जटा निवासिनी, अनुपम तुंग तरंग॥ ॥चौपाई॥ जय जय जननी हरण अघखानी। आनंद करनी गंगा महारानी।। जय भगीरथी सुरसरि माता।…
।। दोहा ।। जय जय कैला मात है तुम्हे नमाउ माथ ।।शरण पडू में चरण में जोडू दोनों हाथ ।। ।। चौपाई ।। जय जय जय कैला महारानी । नमो…
॥ दोहा ॥ बंशी शोभित कर मधुर, नील जलद तन श्याम । अरुण अधर जनु बिम्बफल, नयन कमल अभिराम ॥ पूर्ण इन्द्र, अरविन्द मुख, पीताम्बर शुभ साज । जय मनमोहन…
॥ दोहा ॥ जैसे अटल हिमालय और जैसे अडिग सुमेर । ऐसे ही स्वर्ग द्वार पै, अविचल खड़े कुबेर ॥ विघ्न हरण मंगल करण, सुनो शरणागत की टेर । भक्त…
॥दोहा॥ विश्वेश्वरपदपदम की रज-निज शीश लगाय। अन्नपूर्णे! तव सुयश बरनौं कवि मतिलाय॥ ॥चौपाई॥ नित्य अनंद करिणी माता, वरअरु अभय भाव प्रख्याता। जय! सौंदर्य सिंधु जग-जननी, अखिल पाप हर भवभय हरनी।…
॥ दोहा ॥ गणपति गिरजा पुत्र को सुमिरु बारम्बार ।हाथ जोड़ बिनती करू शारद नाम आधार ।। ॥ चौपाई ॥ जय जय जय गोरख अविनाशी । कृपा करो गुरुदेव प्रकाशी…
॥ दोहा ॥ श्री गुरु चरण ध्यान धर, सुमिरि सच्चिदानन्द। श्याम चालीसा भणत हूँ, रच चौपाई छंद॥ ॥ चौपाई ॥ श्याम श्याम भजि बारम्बारा, सहज ही हो भवसागर पारा ॥…
चौपाई श्री गणपति गुरुपद कमल, प्रेम सहित सिरनाय । नवग्रह चालीसा कहत, शारद होत सहाय ।। जय जय रवि शशि सोम बुध जय गुरु भृगु शनि राज । जयति राहु…
॥दोहा॥ जय जय जय प्रभु रामदे, नमो नमो हरबार । लाज रखो तुम नंद की, हरो पाप का भार । दीनबंधु किरपा करो, मोर हरो संताप । स्वामी तीनो लोक…
।।दोहा।। श्री राधे वुषभानुजा , भक्तनि प्राणाधार । वृन्दाविपिन विहारिणी , प्रानावौ बारम्बार ।। जैसो तैसो रावरौ, कृष्ण प्रिय सुखधाम । चरण शरण निज दीजिये सुन्दर सुखद ललाम ।। ।।चौपाई।।…
॥ दोहा ॥ जयकाली कलिमलहरण, महिमा अगम अपार महिष मर्दिनी कालिका, देहु अभय अपार ॥ चौपाई अरि मद मान मिटावन हारी । मुण्डमाल गल सोहत प्यारी ॥ अष्टभुजी सुखदायक माता…
।। दोहा ।। ह्रीं श्रीं क्लीं मेधा प्रभा जीवन ज्योति प्रचंड ।।शांति कांति जागृत प्रगति रचना शक्ति अखंड ।।जगत जननी मंगल करनि गायत्री सुखधाम ।।प्रणवों सावित्री स्वधा स्वाहा पूरन काम…
।। दोहा ।। श्री गणपति गुरु गौरि पद प्रेम सहित धरि माथ । चालीसा वन्दन करौं श्री शिव भैरवनाथ ॥ श्री भैरव संकट हरण मंगल करण कृपाल । श्याम वरण…
।।दोहा।। श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान । कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान ॥ ।। चौपाई ।। जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥…
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥ शशि ललाट मुख महाविशाला। नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥ रूप मातु को अधिक…
।। दोहा ।। जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल । विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल ।। ।। चौपाई ।। जय जय जय गणपति गणराजू । मंगल भरण…