पढ़ियें माता बगलामुखी की आरती (Baglamukhi Aarti)

baglamukhi aarti; maa baglamukhi aarti; mata baglamukhi;

माँ बगलामुखी जिन्हे देवी के दस महाविद्या स्वरुप में से एक माना जाता है उनकी उपासना करने से साधक की समस्त समस्याओं का समाधान होता है। देवी बगलामुखी के दो और नाम भी है, एक है पीताम्बरा और दूसरा है बह्मास्त्र। माता बगलामुखी की पूजा के उपरांत उनकी आरती करना बहुत ही कल्याणकारी होता है। बगलामुखी चालीसा का पाठ करने के बाद माँ बगलामुखी की आरती (Baglamukhi Aarti) अवश्य करनी चाहिये। पढ़ियें माता बगलामुखी की आरती…

माँ बगलामुखी की आरती (Baglamukhi Aarti)

जय जय श्री बगलामुखी माता. आरति करहूँ तुम्हारी॥ टेक॥
पीत वसन तन पर तव सोहै, कुण्डल की छबि न्यारी॥जय-जय”
कर-कमलों में मुद्गर धारै, अस्तुति करहिं सकल नर-नारी॥जय-जय”
चम्पक माल गले लहरावे, सुर नर मुनि जय जयति उचारी॥जय-जय”
त्रिविध ताप मिटि जात सकल सब, भक्ति सदा तव है सुखकारी॥जय-जय”
पालत हरत सृजत तुम जग को, सब जीवन की हो रखवारी॥जय-जय”
मोह निशा में भ्रमत सकल जन, करहु हृदय महँ, तुम उजियारी॥जय-जय”
तिमिर नशावहु ज्ञान बढ़ावहु, अम्बे तुमही हो असुरारी॥जय-जय”
सन्तन को सुख देत सदा ही, सब जन की तुम प्राण पियारी॥जय-जय”
तव चरणन जो ध्यान लगावै, ताको हो सब भव-भयहारी॥जय-जय”
प्रेम सहित जो करहिं आरती, ते नर मोक्षधाम अधिकारी॥जय-जय”

दोहा-बगलामुखी की आरती, पढ़े सुनै जो कोय।
विनती कुलपति मिश्र की, सुख-सम्पति सब होय॥

Benefits of Singing Baglamukhi Aarti
माँ बगलामुखी की आरती के लाभ

माता बगलामुखी की आरती करने से मोह-माया का नाश होता है, सुख-सम्पत्ति का प्राप्ति होती है, उसके जीवन की रक्षा होती है, समस्त भयों का नाश होता है, मनुष्य सभी सुखों का आनन्द लेने के बाद मोक्ष का अधिकारी होता है। माता की आरती के बाद माता का जयकारा लगायें। बोलो माता बगलामुखी की जय, दुर्गा मैया की जय…