It is collection of stotra’s of various hindu God & Goddess. Collection of sampoorn stotra.
स्तोत्र संकलन
सम्पूर्ण स्तोत्र का संग्रह

देवी महात्म्य (दुर्गा सप्तशती) के सभी तेरह अध्यायों का पाठ पूर्ण होने पर उपसंहारः (Upasamhara) करें। इसमें पहले नवार्ण जप करके फिर ऋग्वेदोक्तं देवीसूक्तम् का पाठ किये जाने का विधान…

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देवी महात्म्य के त्रयोदश अध्याय (Devi Mahatmyam Chapter 13) में पढ़ें राजा सुरथ और वैश्य को देवी के द्वारा क्या वरदान प्राप्त हुये? माँ अम्बिका के द्वारा असुर दल के…

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देवी महात्म्य के द्वादश अध्याय (Devi Mahatmyam Chapter 12) में देवी चरित्रों के पाठ के महात्म्य का वर्णन मिलता है। माँ अम्बिका के द्वारा असुर दल के संहार के पश्चात्…

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देवी महात्म्य के एकादश अध्याय (Devi Mahatmyam Chapter 11) में देवताओं के द्वारा देवी की स्तुति और देवी के द्वारा देवताओं को वरदान दिये जाने का वर्णन मिलता है। जब…

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बटुक भैरव को भगवान शिव का रूप माना जाता है। बटुक भैरव की आराधना से जीवन में आने वाली सभी प्रकार की समस्याओं का निवारण होता है। बटुक भैरव स्तोत्र…

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देवी महात्म्य के दशम अध्याय (Devi Mahatmyam Chapter 10) में शुम्भ के वध का वर्णन मिलता है। जब शुम्भ के द्वारा भेजें गये उसके महापराक्रमी भाई निशुम्भ का माँ अम्बिका…

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देवी महात्म्य के नवम अध्याय (Devi Mahatmyam Chapter 9) में निशुम्भ के वध का वर्णन किया गया है। जब शुम्भ के द्वारा भेजें गये अतिपराक्रमी असुर रक्तबीज को माँ अम्बिका…

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देवी महात्म्य के अष्टम अध्याय (Devi Mahatmyam Chapter 8) में रक्तबीज के वध का वर्णन किया गया है। जब शुम्भ के द्वारा भेजें गये चण्ड और मुण्ड को माँ अम्बिका…

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देवी महात्म्य के सप्तम अध्याय (Devi Mahatmyam Chapter 7) में चण्ड और मुण्ड के वध का वर्णन किया गया है। जब शुम्भ के द्वारा भेजें धूम्रलोचन को माँ अम्बिका ने…

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देवी महात्म्य के षष्टम अध्याय (Devi Mahatmyam Chapter 6) में धूम्रलोचन-वध का वर्णन किया गया। जब शुम्भ के द्वारा भेजें दूत निराश होकर वापस लौट गये तो क्रोध में आकर…

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देवी महात्म्य के पञ्चम अध्याय (Devi Mahatmyam Chapter 5) में शुम्भ के द्वारा भेजें दूत और देवी दुर्गा के बीच हुये संवाद का वर्णन है। जब चण्ड-मुण्ड के मुख से…

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जब माँ दुर्गा ने महिषासुर का वध कर दिया तब इन्द्रादि सभी देवताओं ने देवी दुर्गा की स्तुति की थी। देवी महात्म्य के चतुर्थ अध्याय (Devi Mahatmyam Chapter 4) में…

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