Chandra Grahan 2022: चंद्रग्रहण पर कब से लगेंगे सूतक, इस समय क्या करें? जानियें…

Chandra Grahan Lunar Eclipse 2022

चंद्रग्रहण कब है?, चन्द्रग्रहण में क्या करें? और क्या ना करें? ग्रहण के सूतक कब से लगेंगे और मोक्ष कब होगा? चंद्रग्रहण से किन राशियों को होगा फायदा? किन पर पड़ेगा ग्रहण का दुष्प्रभाव? और दुष्प्रभाव से बचने के लिए उन्हें क्या करना चाहिये? जानियें चन्द्रग्रहण से जुडी विशेष बातें

Lunar Eclipse
चंद्रग्रहण

हिन्दु पंचाग के अनुसार चंद्रग्रहण पूर्णिमा तिथि को ही होता है। इस वर्ष कार्तिक मास की पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। सिर्फ 15 दिनों पूर्व खण्ड़ग्रास सूर्यग्रहण के बाद अब चन्द्रग्रहण होने जा रहा है। जानिये इस चंद्रग्रहण से आपके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है। वैसे तो चन्द्रग्रहण एक खगोलिय घटना है लेकिन ज्योतिष शास्त्र में इसके शुभ-अशुभ प्रभावों का उल्लेख मिलता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह ग्रहण विशेष होने वाला है। इस ग्रहण के समय ग्रहों की जो स्थिति है ऐसी ग्रहस्थिति पूरे 200 वर्ष के बाद बन रही है। ग्रहों की इस स्थिति के के कारण इसका प्रभाव अधिक होगा। जन्मपत्री में ग्रहों की स्थिति के अनुसार कुछ लोगों को इस ग्रहण से लाभ होगा। और इसके विपरीत कुछ लोगों को चंद्रग्रहण के अशुभ परिणाम झेलने होंगें।

When Is Lunar Eclipse?
चंद्रग्रहण कब है?

8 नवम्बर 2022, दिन – मंगलवार, तिथि – कार्तिक पूर्णिमा, नक्षत्र – भरणी और राशि – मेष ।

How Long Is The Lunar Eclipse Period?
कितने समय का है चन्द्रग्रहण काल?

चन्द्रग्रहण 8 नवम्बर, 2022 मंगलवार को (भारतीय समय के अनुसार) दोपहर में 02:39 मिनट से आरम्भ होकर शाम को 06:19 तक रहेगा। भारत में चंद्र ग्रहण की शुरुआत शाम 05:29 पर चन्द्रोदय के साथ होगी और मोक्ष शाम को 06:19 बजे हो जाएगा।

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From When Will The Eclipse Sutaks Take Place?
कब से लगेंगे ग्रहण के सूतक?

चंद्र ग्रहण के सूतक ग्रहण से ठीक 9 घंटे पहले प्रारम्भ हो जाते है। जयपुर (राजस्थान) में सूतक काल की शुरुआत 8 नवंबर, 2022 मंगलवार के दिन (भारतीय समय के अनुसार) सुबह 8 बजकर 29 मिनट से होगी और मोक्ष शाम 06:19 पर ग्रहण के समाप्ति पर होगा।

Where Will The Eclipse Be Visible?
कहाँ पर दिखेगा ग्रहण?

यह पूर्ण (खग्रास) चंद्रग्रहण केवल भारत के पूर्वी भागों में दिखाई देगा जबकि भारत के अधिकांश हिस्सों में आंशिक चन्द्रग्रहण दिखाई देगा। बिहार, बंगाल, उड़ीसा तथा पूर्वोत्तर भारत में खग्रास रूप में तथा शेष भारत में खण्डग्रास रूप में ही चन्द्रोदय के समय पर ग्रसा हुआ दिखाई देगा। इस ग्रहण भारत के साथ-साथ उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, आस्ट्रेलिया, ऐशिया, उत्तरी अटलांटिक सागर, पेसिफिक सागर, पश्चिमी अर्जेन्टीना, चीली, बोलीविया, पश्चिम ब्राजील, चीन, पूर्वी रूस, भूटान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, श्रीलंका, म्यांमार, फिजी, थाईलैण्ड, जापान आदि देशा में भी देखा जा सकेगा।

What Is Special About This Eclipse? Why Is This Lunar Eclipse Special?
क्या खास है इस ग्रहण में? क्यूँ विशेष है यह चन्द्रग्रहण?

यह चन्द्रग्रहण कार्तिक पूर्णिमा के दिन 8 नवंबर 2022 को लगने वाला है। यह चंद्रग्रहण मेष राशि और भरणी नक्षत्र में होने जा रहा है। यह ग्रहण विशेष रूप से मेष राशि और भरणी नक्षत्र के लोगों के लिए विशेष रूप से गहन प्रभाव देने वाला होगा। विद्वानों के अनुसार इस चन्द्रग्रहण के समय जो ग्रहों की स्थिति है वो 200 वर्षों के पश्चात् बनी है। ग्रहों की युति से इस दिन षड़ाष्टक योग, नीचराज भंग योग और प्रीति योग जैसे योग बन रहें है। इसलिये यह चन्द्रग्रहण बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

What Will Be The Effect Of This Eclipse?
कैसा होगा इस ग्रहण का प्रभाव?

ज्योतिष शास्त्रियों का अनुमान है की इस ग्रहण के परिणाम स्वरूप यह चंद्रग्रहण सामरिक रूप से भारत को ध्यान देने योग्य स्थितियां उत्पन्न करेगा लेकिन साथ ही देश के लिए सुख-शांति और उन्नति एक अवसर भी प्रदान करेगा।

इस ग्रहण के प्रभाव से पूर्वी सीमांत क्षेत्रों में सीमा विवाद जैसी घटनाओं में बढ़ोतरी हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप भारत-चीन से संबंधों पर असर पड़ सकता है। देश के विदेशी व्यापार में बढ़ोतरी होने और विदेशों में भारत की साख बढ़ने के आसार है। विश्व पटल पर देश की ख्याति बढ़ेगी। सरकार में सत्तापक्ष को लाभ होगा और लोगों का रुझान सत्तापक्ष की ओर बढ़ता हुआ नजर आएगा।

Which Zodiac Signs Will Benefit From The Lunar Eclipse? Who Will Be Affected By The Eclipse? And What Should They Do To Avoid Side Effects?
चंद्रग्रहण से किन राशियों को होगा फायदा? किन पर पड़ेगा ग्रहण का दुष्प्रभाव? और दुष्प्रभाव से बचने के लिए उन्हें क्या करना चाहिये?

जैसा की आपको विदित है ज्योतिष के अनुसार यह यह चंद्रग्रहण मेष राशि और भरणी नक्षत्र में होने जा रहा है, इसलिये इस राशि और नक्षत्र में जन्में जातकों को विशेष ध्यान रखना चाहिये। जानिये यह ग्रहण किसके लिये शुभ और किसके लिये अशुभ फलदायी है।

  • मेष राशि :- ग्रहण फल – श्रेष्ठ : प्रभाव – स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं
  • वृष :- ग्रहण फल – मध्यम : प्रभाव – धन हानि और खर्चों में बढ़ोतरी
  • मिथुन :- ग्रहण फल – शुभ : प्रभाव – लाभदायक (आर्थिक लाभ एवं शारीरिक सुख)
  • कर्क :- ग्रहण फल – शुभ : प्रभाव – सुख में बढ़ोतरी होगी और कैरियर में उत्तम स्थिति
  • सिंह :- ग्रहण फल – मध्यम : प्रभाव – भाग्य में कमी और कार्यों में विघ्न
  • कन्या :- ग्रहण फल – मध्यम : प्रभाव – शत्रु भय, दुर्घटना, व्यय
  • तुला :- ग्रहण फल – मध्यम : प्रभाव – दाम्पत्य जीवन में कष्ट, विवाद
  • वृश्चिक :- ग्रहण फल – शुभ : प्रभाव – कर्ज से मुक्ति, भौतिक सुख, भोग विलास
  • धनु :- ग्रहण फल – श्रेष्ठ : प्रभाव – चिंता, व्यर्थ की भागदौड़
  • मकर :- ग्रहण फल – श्रेष्ठ : प्रभाव – सुख-समृद्धि में वृद्धि, मानसिक तनाव
  • कुंभ :- ग्रहण फल – शुभ : प्रभाव – धनलाभ का प्रबल योग, प्रगति
  • मीन :- ग्रहण फल – श्रेष्ठ : प्रभाव – पारिवारिक जीवन में तनाव और धन हानि

Lunar Eclipse Remedies
चंद्र ग्रहण के उपाय

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है। चन्द्रमा जल तत्व पर प्रतिनिधित्व रखता है। चंद्रग्रहण (Chandra Grahan 2022) के दौरान चंद्रमा को मजबूत बनाने के लिए यह कार्य करें –

  • भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र और शिव पंचाक्षरी मंत्र का जाप करे। इससे रोगमुक्ति और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
  • चंद्रमा के मंत्र का यथाशक्ति जाप करें।
  • शास्त्रों के अनुसार यदि आप अपने घर पर मंत्र जाप करते हैं तो 1 गुना, किसी मंदिर में करते हैं तो 10 गुना, किसी तीर्थ स्थान या नदी किनारे करते हैं तो 100 गुना और यदि ग्रहण काल में कोई जाप किया जाए तो हजार गुना फल प्राप्त होता है। इसलिए ग्रहण काल में अपने इष्ट देव के मंत्र का जाप करने से संतुष्टि मिलती है और लाभ प्राप्त होता है।
  • ग्रहण काल में दान पुण्य और जप करने से उसका फल कई गुणा अधिक हो जाता है इसलिए ग्रहण काल में मंत्र जाप करें। उसके बाद दान की सामग्री इकट्ठा करके उसके दान का संकल्प लें और ग्रहण समाप्ति पर वह दान देकर, पुण्य पावन नदी में स्नान करें। ऐसा करने से अत्यंत शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
  • चन्द्रग्रहण में सफेद वस्तु का दान करने से चन्द्रमा की शुभता प्राप्त होती है।
  • चंद्र ग्रहण के दौरान भगवान शिव के साथ माता पार्वती अर्थात दुर्गा जी की पूजा करना भी अत्यंत लाभदायक होता है।

What Precautions Should Be Taken During Lunar Eclipse? Do’s And Don’ts In Eclipse?
चन्द्रग्रहण में क्या सावधानियाँ रखनी चाहिये? ग्रहण में क्या करें और क्या न करें?

चन्द्रग्रहण के दौरान गर्भवती स्त्रियों को भी विशेष ध्यान रखना चाहिये। गर्भवती स्त्रियों पर ग्रहण का अशुभ प्रभाव ना हो इसके लिये उन्हे यह उपाय करने चाहिये।

  • गर्भवती स्त्रियाँ घर पर रहे और ग्रहण के समय संतान गोपाल मंत्र का जाप करे।
  • ग्रहण काल में न तो कुछ खायें-पीयें और न ही भोजन पकाये।
  • गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण के दौरान सोना नहीं चाहिए।
  • गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण के दौरान कुछ कैंची, चाकू या छुरी आदि फल, सब्जी, कपड़े आदि नही काटने चाहिये और ना ही सिलाई करनी चाहिये।
  • सूतक लगने के बाद से कोई शुभ काम न करें। धर्मग्रंथों के अनुसार सूतक काल में मंदिरों के पट बंद कर दिये जाते है। सूतक काल में पूजा और देवी देवताओं की मूर्तियों को नही छूना चाहिये।
  • सूतकों में बाल, वृद्ध रोगी, आसक्तजनों को छोड़कर अन्य किसी को भोजन शयनादि नहीं करना चाहिए।
  • ग्रहण के समय भोजन न करें और न ही पकायें।
  • ग्रहण से पहले कुशा (ड़ाब) घास को भोजन, जल, बर्तन, आदि में डाल दें और ग्रहण काल में उन सब चीजों को स्पर्श न करें।
  • ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करें।

वैसे तो ग्रहण एक सामान्य सी खगोलिय घटना है परंतु ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रहण और सूर्यग्रहण के प्रभावों पर विस्तार से बताया गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण का मनुष्य के जीवन पर बहुत प्रभाव होता है। इसीलिये शास्त्रों में ग्रहण के शुभ-अशुभ प्रभाव के विषय में विस्तृत रूप से लिखा गया है। गहण के अशुभ फल को नष्ट करने या कम करने के उपाय भी बतायें गयें है।