पाप व बाधाएँ मिटाने वाला, धन एवं वंश वृद्धि करने वाला हैं माघ पूर्णिमा (Magh Purnima) का व्रत एवं पूजन । हिंदु धर्म में माघ माह की पूर्णिमा को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता हैं। इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व हैं। माघ पूर्णिमा व्रत कब हैं, इसके नियम, विधि जानने के लिये पढ़ें।
Magh Purnima
माघ पूर्णिमा
हिंदु धर्म में माघ पूर्णिमा (Magh Purnima) को अति विशेष माना जाता हैं। इस पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा (Maghi Purnima) भी कहा जाता हैं। माघ पूर्णिमा के ही दिन महाविद्या ललिता देवी, जिन्हे शास्त्रों में देवी सरस्वती का स्वरूप माना जाता है और संत रविदास दोनों की जयंती मनाई जाती है। माघी पूर्णिमा के साथ इस दिन ललिता जयंती एवं रविदास जयंती पूरे हर्षोल्लास से मनायी जाती हैं। साथ ही इसी दिन से होली का डांडा लगाया जाता हैं, जो की होली से ठीक एक महीने पूर्व लगाया जाता है। इसलिए इसे होलिका डांडा रोपणी पूर्णिमा के नाम से भी पुकारा जाता हैं।
माघ मास में दान-पुण्य, जप-तप और तीर्थ स्नान का बहुत महत्व होता हैं। माघ पूर्णिमा के दिन यह माघ स्नान पूर्ण होते हैं। शास्त्रों में माघी पूर्णिमा भगवान विष्णु को बहुत अधिक प्रिय बताई गयी है। इस दिन चंद्रमा, देवी सरस्वती, देवी लक्ष्मी और भगवान सत्यनारायण का व्रत एवं पूजन किया जाता हैं। माघी पूर्णिमा के दिन व्रत एवं पूजन करने से जातक को भगवान विष्णु की कृपा सहज ही प्राप्त होती हैं, उसके सौभाग्य में वृद्धि होती हैं, धन-धान्य की प्राप्ति होती और उसके जीवन की सभी बाधाएँ नष्ट हो जाती हैं।
Magh Purnima Kab Hai?
माघ पूर्णिमा कब हैं?
इस बार माघी पूर्णिमा (Maghi Purnima) का व्रत एवं पूजन 24 फरवरी, 2024 शनिवार के दिन किया जाएगा। इसी दिन संत रविदास जयंती भी मनायी जायेगी।
इस वर्ष ललिता जयंती का पर्व 22 फरवरी, 2024 गुरूवार के दिन मनाया जायेगा।
Significance of Maghi Purnima
माघी पूर्णिमा का महत्व
पौराणिक मान्यता के अनुसार माघी पूर्णिमा (Maghi Purnima) के दिन भगवान विष्णु स्वयं गंगा नदी में निवास करते है, इसलिये विशेषकर इस दिन गंगा स्नान करने से मनुष्य के जीवन की समस्त बाधाओं का नाश हो जाता हैं। इस दिन स्नान, दान, व्रत एवं पूजन का बहुत महत्व होता हैं
- माघ पूर्णिमा (Magh Purnima) पर पवित्र नदियों या तीर्थ स्थानों पर स्नान करने से बहुत पुण्य मिलता हैं।
- जातक के रोगों का नाश होता है और उसे आरोग्य की प्राप्ति होती हैं।
- मनुष्य अपने पापों से मुक्त होता हैं अर्थात उसके पापों का शमन होता हैं।
- इस दिन भगवान विष्णु का पूजन एवं व्रत करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है और जातक को धन-समृद्धि की प्राप्ति होती हैं।
- इस दिन का व्रत एवं पूजन करने से जातक इस लोक के सभी सुखों को भोगकर मरणोंपरांत मोक्ष को प्राप्त करता हैं।
- चाँद पूर्णिमा का व्रत करने से जातक को चंद्र ग्रह की शुभता प्राप्त होती हैं।
- इस दिन दान करने का भी बहुत महत्व होता हैं। जरूरतमंदों को दान देने से महान पुण्य की प्राप्ति होती हैं।
- वंश की वृद्धि होती हैं।
- माघी पूर्णिमा (Maghi Purnima) पर महाविद्या ललिता की पूजा भी किये जाने का विधान हैं। इस दिन देवी सरस्वती की पूजा करके उन्हे श्वेत पुष्प अर्पित करें और खीर का भोग लगाये। ऐसा करने से साधक को देवी सरस्वती की कृपा प्राप्त होती हैं।
Magh Purnima Par kya kare?
माघ पूर्णिमा पर क्या करें?
माघ पूर्णिमा (Magh Purnima) की यह विशेषता है कि इस दिन भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी, देवी सरस्वती और चंद्र देव की पूजा की जाती हैं। इस दिन दान का भी विशेष महत्व होता हैं।
- माघ पूर्णिमा (Magh Purnima) के दिन जरूरतमंदों को गर्म कपड़े, कम्बल, ऊनी कपडें और भोजन सामग्री आदि दान करनी चाहियें।
- इस दिन चावल दान करने से जातक को चंद्र ग्रह की अनुकूलता प्राप्त होती हैं।
- इस दिन गंगा नदी में स्नान करना चाहिये और यदि ऐसा नही कर सकते हो तो स्नान के जल में गंगाजल मिलाकर नहाये और नहाते समय में कुशा रखें। ऐसा करने से जातक निरोगी होता है और साथ ही उसके पापों का नाश होता हैं।
- पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण का व्रत एवं पूजन किया जाता हैं। ऐसा करने से जातक को सुख-सम्पत्ति की प्राप्ति होती हैं।
- इस दिन घर के मुख्य द्वार पर आम के पत्तों की तोरण बांधने से घर में लक्ष्मी का वास होता हैं और जातक को देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती हैं।
- इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से जातक को अत्यंत शुभ फलों की प्राप्ति होती हैं।
- इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
- पूर्णिमा के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- इस दिन सात्विक भोजन करना चाहियें।
- कम बोलना चाहिये और किसी की निंदा नही करनी चाहियें।
Magh Purnima Snan Aur Pujan Vidhi
माघ पूर्णिमा पर स्नान व पूजन विधि
पौराणिक मान्यता के अनुसार माघी पूर्णिमा (Maghi Purnima) के दिन गंगा नदी में भगवान विष्णु का वास होता हैं, इसलिये इस दिन गंगा स्नान का महत्व बहुत बढ़ जाता हैं। इस दिन गंगा स्नान करने से जातक के सभी पाप नष्ट हो जाते है और वो इस लोक के सभी सुखों को भोगकर मरणोपरांत वैकुण्ठ धाम को चला जाता हैं। इस दिन गंगा स्नान के अतिरिक्त अन्य पवित्र नदियों व सरोवर में स्नान करना भी बहुत शुभ फल देने वाला माना जाता हैं।
- इस दिन गंगा स्नान के लिये सूर्योदय से पूर्व गंगा तट पर जाकर स्नान करें। स्नान करते समय इस मंत्र का जाप करते रहें।
मंत्र – ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः।
- इसके बाद सूर्यदेव को अर्ध्य दें।
- फिर भगवान विष्णु की विधि-विधान के साथ पूजा करें।
- इस दिन दान का विशेष महत्व हैं। गंगा स्नान के बाद गरम वस्त्र के साथ एक बर्तन में काले तिल भरकर किसी जरूरतमंद को दान करने से धन-धान्य में वृद्धि होती है और जातक के वंश में वृद्धि होती हैं। दान करते समय भी उपरोक्त मंत्र का जाप करते रहें।