Mahakal Stotram – महाकाल स्तोत्र के पाठ से जीवन बनेगा सफल और सुखमय…

Mahakal Stotra Lyrics; benefits of reading Mahakal Stotra; How and when to recite Mahakal Stotra;

महाकाल स्तोत्र के नित्य पाठन अथवा श्रवण करने से साधक में नवीन ऊर्जा और शक्ति का संचार होता है। यह स्तोत्र बहुत ही प्रभावशाली है। इसका प्रभाव बहुत ही जल्दी दिखने लगता है। जीवन को सुखमय और सफल बनाने के लिये श्रद्धा-भक्ति और पूर्ण विश्वास के साथ महाकाल स्तोत्र का नित्य पाठ करें।

Significance Of Mahakal Stotram
महाकाल स्तोत्र का महत्व

महाकाल अर्थात काल को जीतने वाला। भगवान शिव आदि-मध्य और अंत से परे है। भगवान शिव का एक स्वरूप महाकाल भी है। शास्त्रों में महाकाल को समय, माया, निर्माण, विनाश और शक्ति के देवता के रूप में जाना जाता है। भगवान शिव देवता और असुरों दोनो के द्वारा पूजित है। भोलेनाथ बहुत ही शीघ्र प्रसन्न हो जाते है और अपने भक्त को मनोवांछित वरदान प्रदान करते है।

धर्मग्रंथो के अनुसार स्वयं भगवान् महाकाल ने यह स्तोत्र भैरवी को सुनाया था। भगवान महाकाल के विभिन्न रूपों की स्तुति इस स्तोत्र में की गई है। इस स्तोत्र की महिमा अपार है। भगवान शिव अपने भक्तों पर बहुत ही शीघ्रता से प्रसन्न हो जाते है और उन्हे इच्छानुसार वर प्रदान करते है। महाकाल स्तोत्र का नित्य पाठ करने से

  • जीवन में सकारत्मकता आती है।
  • मनोरथ सिद्ध होता है।
  • धन-धान्य में वृद्धि होती है।
  • यश और कीर्ति बढ़ती है।
  • अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है।
  • साधक दीर्धायु होता है।
  • रोगों एवं दोषों का निवारण होता है।
  • किसी प्रकार यदि कोई तंत्र का प्रभाव हो तो वो भी दूर होता है।
  • जन्मपत्रिका में उपस्थित ग्रह दोषों का शमन होता है।

How And When to Recite Mahakal Stotram?
महाकाल स्तोत्र का पाठ कब और कैसे करें?

  • प्रात:काल प्रतिदिन स्नानादि नित्य क्रिया से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करके शिवालय जाकर भगवान शिव को जल चढ़ायें।
  • आसन पर बैठकर भगवान महाकाल का ध्यान करके महाकाल स्तोत्र का पाठ करें। यदि शिवालय ना जा सके तो घर पर ही पूजास्थान पर बैठकर इस स्तोत्र का पाठ करें।

नोट : शीघ्र परिणाम पाने हेतु महाकाल मंत्र से संपुटित करके महाकाल स्तोत्र का पाठ करें। सर्वप्रथम महाकाल मंत्र को कम से कम 11 बार जाप करें। श्रद्धा अनुसार 21 या 108 बार भी मंत्र का जाप कर सकते हैं। फिर इसके बाद महाकाल स्तोत्र का पाठ करें।

महाकाल मंत्र – “हूं हूं महाकाल प्रसीद प्रसीद ह्रीं ह्रीं स्वाहा ।“

Shri Mahakal Stotram Lyrics
श्रीमहाकालस्तोत्रम्

ॐ महाकाल महाकाय महाकाल जगत्पते ।
महाकाल महायोगिन् महाकाल नमोऽस्तु ते ॥ १॥

महाकाल महादेव महाकाल महाप्रभो ।
महाकाल महारुद्र महाकाल नमोऽस्तु ते ॥ २॥

महाकाल महाज्ञान महाकाल तमोऽपहन् ।
महाकाल महाकाल महाकाल नमोऽस्तु ते ॥ ३॥

भवाय च नमस्तुभ्यं शर्वाय च नमो नमः ।
रुद्राय च नमस्तुभ्यं पशूनां पतये नमः ॥ ४॥

उग्राय च नमस्तुभ्यं महादेवाय वै नमः ।
भीमाय च नमस्तुभ्यं ईशानाय नमो नमः ॥ ५॥

ईश्वराय नमस्तुभ्यं तत्पुरुषाय वै नमः ॥ ६॥

सद्योजात नमस्तुभ्यं शुक्लवर्ण नमो नमः ।
अधः कालाग्निरुद्राय रुद्ररूपाय वै नमः ॥ ७॥

स्थित्युत्पत्तिलयानां च हेतुरूपाय वै नमः ।
परमेश्वररूपस्त्वं नील एवं नमोऽस्तु ते ॥ ८॥

पवनाय नमस्तुभ्यं हुताशन नमोऽस्तु ते ।
सोमरूप नमस्तुभ्यं सूर्यरूप नमोऽस्तु ते ॥ ९॥

यजमान नमस्तुभ्यं आकाशाय नमो नमः ।
सर्वरूप नमस्तुभ्यं विश्वरूप नमोऽस्तु ते ॥ १०॥

ब्रह्मरूप नमस्तुभ्यं विष्णुरूप नमोऽस्तु ते ।
रुद्ररूप नमस्तुभ्यं महाकाल नमोऽस्तु ते ॥ ११॥

स्थावराय नमस्तुभ्यं जङ्गमाय नमो नमः ।
नमः स्थावरजङ्गमाभ्यां शाश्वताय नमो नमः ॥ १२॥

हुं हुङ्कार नमस्तुभ्यं निष्कलाय नमो नमः ।
अनाद्यन्त महाकाल निर्गुणाय नमो नमः ॥ १३॥

प्रसीद मे नमो नित्यं मेघवर्ण नमोऽस्तु ते ।
प्रसीद मे महेशान दिग्वासाय नमो नमः ॥ १४॥

ॐ ह्रीं मायास्वरूपाय सच्चिदानन्दतेजसे ।
स्वाहा सम्पूर्णमन्त्राय सोऽहं हंसाय ते नमः ॥ १५॥

॥ फलश्रुति ॥

इत्येवं देव देवस्य महाकालस्य भैरवि ।
कीर्तितं पूजनं सम्यक् साधकानां सुखावहम् ॥ १६॥

॥ श्रीमहाकालस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥