भवन सुरक्षा का उपाय
• नींव पूजन के समय मिट्टी के कलश में तुलसी के पौधे की जड़ रख देने से बनने वाला भवन प्राकृतिक आपदाओं जैसे आकाशीय बिजली, तूफान आदि से सुरक्षित रहता है।
शीघ्र भवन निर्माण कराने का उपाय
• अगर आप के पास जमीन है या आपने खरीदी है और आप उस पर निर्माण कराना चाहते है परन्तु निर्माण के लिये धन की व्यवस्था नही हो पा रही हो। या बार बार निर्माण कार्य टल रहा हो तो ये उपाय करके देखें।
एक अनार का पौधा गुरू-पुष्य नक्षत्र के दिन उस भूमि पर ईशान कोण में रोप दिजिये। इससे निर्माण कार्य में आने वाली सभी विघ्न-बाधाएँ दूर हो जायेंगी और निर्माण हेतु धन की व्यवस्था भी हो जायेगी।
• शुक्ल पक्ष में (हस्त) नक्षत्र में अपने भूखण्ड़ के उत्तर दिशा में दाड़िम वृक्ष लगा दें और वहाँ पर श्री सूक्त का पाठ करें। आप कुछ ही समय में अनुभव करेंगे कि निर्माण के लिए धन की व्यवस्था स्वत: हो रही है।
• अपने भूखण्ड़ के पश्चिम के कोने में लाल वस्त्र में तीन प्रकार की चुम्बक और एक सुदर्शन यंत्र को बाँधकर रख दें। इससे भी भवन निर्माण में शीघ्रता आयेगी।
• भूखण्ड़ के ब्रह्मस्थल पर तुलसी का एक पौधा लगाये और प्रतिदिन उस पर जल चढ़ाये। बृहस्पतिवार के दिन तुलसी के पौधे में कच्चा दूध, धूप-दीप अर्पित करें और अपनी समस्या के निवारण की प्रार्थना करें। इससे भी भवन निर्माण में शीघ्रता आयेगी।
भूखण्ड प्राप्ति के उपाय
• यदि आपको भूमि – भवन से सम्बन्धित सौदें में कोई रूकावट आ रही हो तो उस बाधा को दूर करने के लिये वराह भगवान का ध्यान करें। स्नानादि नित्यक्रिया से निवृत्त होकर शुक्लपक्ष के शुक्रवार के दिन पूर्व की ओर मुख करके ईशान कोण में आसन लगाकर बैठ जायें। फिर भगवान वराह के द्वारा समुद्र से पृथ्वी के उद्धार करने के चित्र को ले या मन में उसका ध्यान करके धूप-दीप से पूजा करें और इस मंत्र के चार लाख जप करें। मंत्र है-
‘ॐ नमः श्री वाराहाय धरण्युद्धारणाय स्वाहा’
जप के बाद शहद और घी मिश्रित खीर से दशांश हवन करें। हवन के बाद श्री वराह भगवान से सुख, समृद्धि, प्रगति प्रदान करने वाले उत्तम भवन के लिये उत्तम भू-खण्ड की कामना करें। ऐसा करने पर आपकी मनोकामना पूर्ण होगी और भू-खण्ड प्राप्ति में आने वाली समस्त बाधाएँ दूर हो जायेंगी।
• भूखण्ड़ प्राप्ति के एक और सरल उपाय है स्कन्द पुराण में वर्णित भगवान वराह की स्तुति। इस स्तुति को करने से आपकी भूखण्ड़ पाने की इच्छा शीघ्र पूर्ण होगी।