Shiva Sahasranamavali From Skanda Purana: सकल मनोरथ सिद्धि हेतु करें शिव सहस्रनामावलि (स्कन्द पुराण से उद्धृत) का पाठ। जानियें इसका पाठ करने की विधि और माहात्म्य…

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स्कन्दपुराणान्तर्गता शिव सहस्रनामावलिः (Shiva Sahasranamavali From Skanda Purana) अर्थात स्कन्द पुराण के अंतर्गत लिखें भगवान शिव के एक हजार नाम (1000 Names Of Lord Shiva)। यह देवाधिदेव भगवान शिव का एक महान स्तोत्र है, इसके द्वारा भगवान शिव की स्तुति करने से भोलेनाथ बहुत ही शीघ्र प्रसन्न होते है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव अपने भक्तों पर बहुत ही जल्दी प्रसन्न हो जाते है। सुख और मोक्ष की प्राप्ति की लिये नियमित रूप से शिव सहस्रनामावलिः (Shiva Sahasranamavali From Skanda Purana) का पाठ करें। जानियें कब और कैसे करें श्री शिव सहस्रनामावलिः (Shiva Sahasranamavali From Skanda Purana) का पाठ? पढ़ियें भगवान शिव के एक हजार नाम और साथ ही जानिये इनका पाठ करने का महत्व…

Significance Of Shiva Sahasranamavali From Skanda Purana
श्री शिव सहस्रनामावलिः का माहात्म्य

शिव सहस्रनामावलिः (Shiva Sahasranamavali From Skanda Purana) का उल्लेख स्कन्द पुराण में मिलता है। इस की महिमा अपरम्पार है। मनुष्य के जीवन के चारों उद्देश्यों धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति के लिए करें शिव सहस्रनामावलिः (Shiva Sahasranamavali From Skanda Purana) का पाठ। इस स्तोत्र में भगवान शिव के स्वरूप और गुणों का वर्णन उनके एक हजार नामों के द्वारा किया गया है। भगवान शिव के गुणों का बखान शब्दों में कर पाना किसी के लिये भी असम्भव है। वो आदि मध्य और अंत से रहित इस सृष्टि का सार है। इस शिव सहस्रनामावलिः (Shiva Sahasranamavali From Skanda Purana) का नियमित पाठ करने से

  • साधक की सभी इच्छाएँ पूर्ण होती है।
  • उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। काया निरोगी होती है।
  • रोगी को आरोग्यता प्राप्त होती है।
  • संतान की इच्छा करने वाले को उत्तम संतान की प्राप्ति होती है।
  • धन की कामना करने वाले को धन के प्राप्ति होती है।
  • कार्य क्षेत्र मे सफलता प्राप्त होती है।
  • सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
  • भगवान शिव की अनुपायनी भक्ति प्राप्त होती है जिससे साधक का जीवन सफल हो जाता है।
  • समस्त पापों का नाश होता है।
  • सौभाग्य में वृद्धि होती है।
  • दुष्ट ग्रहों का दुष्प्रभाव नही होता है।
  • साधक सभी प्रकार से भयों से मुक्त हो जाता है।
  • विपत्तियों का नाश होता है।
  • शत्रु पराजित होते है।
  • यश और बल में वृद्धि होती है।
  • मान-सम्मान में बढ़ोत्तरी होती है।
  • मनुष्य जीवन के समस्त सुख भोगकर अंत में मोक्ष को प्राप्त होता है।
  • राज्य, संतान, धन, इत्यादि ऐसी कोई भी चीज नही है जो भगवान शिव की भक्ति के द्वारा ना प्राप्त हो सके। सकल मनोरथों की सिद्धि हेतु कीजिये भगवान की उपासना।

How & When To Recite Shri Shiva Sahasranamavali?
कब और कैसे करें श्री शिव सहस्रनामावलिः का पाठ?

भगवान शिव अपने भक्तों पर बहुत जल्दी कृपा करते है। वे भक्तों के थोडे से प्रयास से ही प्रसन्न हो जाते है। स्कन्दपुराणान्तर्गता शिव सहस्रनामावलि (Shiva Sahasranamavali From Skanda Purana) का पाठ करने की विधि-

  • प्रात:काल स्नानादि नित्य क्रिया से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • फिर शिवालय जाकर भगवान शिव का अभिषेक करें।
  • पूर्ण श्रद्धा-भक्ति के साथ वही उनके समक्ष बैठकर नियमित रूप से शिव सहस्रनामावलिः (Shiva Sahasranamavali From Skanda Purana) का पाठ करें।
  • पाठ के बाद शिवजी की आरती करें।
  • अपनी त्रुटियों और गलतियों के लिये क्षमा माँगें। फिर भगवान महादेव से अपना मनोरथ कहें।

Shiva Sahasranamavali Lyrics (1000 Names Of Lord Shiva)
श्री शिवसहस्रनामावलिः

श्री गणेशाय नमः।
श्री भैरवाय नमः।
श्री उमा महेश्वराभ्यां नमः॥

अस्य श्रीशिवसहस्रनामस्तोत्रमहामन्त्रस्य नारद ऋषिः ।
अनुष्टुप् छन्दः । परमात्मा श्रीशिवो देवता ।
धर्मार्थकाममोक्ष चतुर्विधपुरुषार्थसिध्यर्थे सर्व कर्म(कामना)
सिध्यर्थे सर्व आधि व्याधि निवृत्यर्थे सहस्रनामजपे विनियोगः ॥

ॐ श्रीशिवाय नमः ।
ॐ शिवदाय नमः ।
ॐ भव्याय नमः ।
ॐ भावगम्याय नमः ।
ॐ वृषाकपये नमः ।
ॐ वृषध्वजाय नमः ।
ॐ वृषारूढाय नमः ।
ॐ वृषकाय नमः ।
ॐ वृषेश्वराय नमः ।
ॐ शिवाधिपाय नमः ।
ॐ शिताय नमः ।
ॐ शम्भवे नमः ।
ॐ स्वयम्भुवे नमः ।
ॐ आत्मविदे नमः ।
ॐ विभवे नमः ।
ॐ सर्वज्ञाय नमः ।
ॐ बहुहन्त्रे नमः ।
ॐ भवानीपतये नमः ।
ॐ अच्युताय नमः ।
ॐ तन्त्रशास्त्रप्रमोदिने नमः । २०

ॐ तन्त्रशास्त्रप्रदर्शकाय नमः ।
ॐ तन्त्रप्रियाय नमः ।
ॐ तन्त्रगम्याय नमः ।
ॐ तन्त्रोवानन्ततन्त्रकाय नमः ।
ॐ तन्त्रीनादप्रियाय नमः ।
ॐ देवाय नमः ।
ॐ भक्ताय तन्त्रविमोहिताय नमः ।
ॐ तन्त्रात्मने नमः ।
ॐ तन्त्रनिलयाय नमः ।
ॐ तन्त्रदर्शिने नमः ।
ॐ सुतन्त्रकाय नमः ।
ॐ महादेवाय नमः ।
ॐ उमाकान्ताय नमः ।
ॐ चन्द्रशेखराय नमः ।
ॐ ईश्वराय नमः ।
ॐ धूर्ज्जटये नमः ।
ॐ त्र्यम्बकाय नमः ।
ॐ धूर्ताय नमः ।
ॐ धूर्तशत्रवे नमः ।
ॐ अमावसवे नमः। ४०

ॐ वामदेवाय नमः ।
ॐ मृडाय नमः ।
ॐ शम्भवे नमः ।
ॐ सुरेशाय नमः ।
ॐ दैत्यमर्दनाय नमः ।
ॐ अन्धकारहराय नमः ।
ॐ दण्डाय नमः ।
ॐ ज्योतिष्मते नमः ।
ॐ हरिवल्लभाय नमः ।
ॐ गङ्गाधराय नमः ।
ॐ रमाकान्ताय नमः ।
ॐ सर्वनाथाय नमः ।
ॐ सुरारिघ्ने नमः ।
ॐ प्रचण्डदैत्यविध्वंसिने नमः ।
ॐ जम्भारातये नमः ।
ॐ अरिन्दमाय नमः ।
ॐ दानप्रियाय नमः ।
ॐ दानदाय नमः ।
ॐ दानतृप्ताय नमः ।
ॐ दानवान्तकाय नमः । ६०

ॐ करिदानप्रियाय नमः ।
ॐ दानिने नमः ।
ॐ दानात्मने नमः ।
ॐ दानपूजिताय नमः ।
ॐ दानगम्याय नमः ।
ॐ ययातये नमः ।
ॐ दयासिन्धवे नमः ।
ॐ दयावहाय नमः ।
ॐ भक्तिगम्याय नमः ।
ॐ भक्तसेव्याय नमः ।
ॐ भक्तिसन्तुष्टमानसाय नमः ।
ॐ भक्ताभयप्रदाय नमः ।
ॐ भक्ताय नमः ।
ॐ भक्ताभीष्टप्रदायकाय नमः ।
ॐ भानुमते नमः ।
ॐ भानुनेत्राय नमः ।
ॐ भानुवृन्दसमप्रभाय नमः ।
ॐ सहस्रभानवे नमः ।
ॐ स्वर्भानवे नमः ।
ॐ आत्मभानवे नमः । ८०

ॐ जयावहाय नमः ।
ॐ जयन्ताय नमः ।
ॐ जयदाय नमः ।
ॐ यज्ञाय नमः ।
ॐ यज्ञात्मने नमः ।
ॐ यज्ञविदे नमः ।
ॐ जयाय नमः ।
ॐ जयसेनाय नमः ।
ॐ जयत्सेनाय नमः ।
ॐ विजयाय नमः ।
ॐ विजयप्रियाय नमः ।
ॐ जाज्ज्वल्यमानाय नमः ।
ॐ ज्यायसे नमः ।
ॐ जलात्मने नमः ।
ॐ जलजाय नमः ।
ॐ जवाय नमः ।
ॐ पुरातनाय नमः ।
ॐ पुरारातये नमः ।
ॐ त्रिपुरघ्नाय नमः ।
ॐ रिपुघ्नकाय नमः । १००

ॐ पुराणाय नमः ।
ॐ पुरुषाय नमः ।
ॐ पुण्याय नमः ।
ॐ पुण्यगम्याय नमः ।
ॐ अतिपुण्यदाय नमः ।
ॐ प्रभञ्जनाय नमः ।
ॐ प्रभवे नमः ।
ॐ पूर्णाय नमः ।
ॐ पूर्णदेवाय नमः ।
ॐ प्रतापवते नमः ।
ॐ प्रबलाय नमः ।
ॐ अतिबलाय नमः ।
ॐ देवाय नमः ।
ॐ वेदवेद्याय नमः ।
ॐ जनाधिपाय नमः ।
ॐ नरेशाय नमः ।
ॐ नारदाय नमः ।
ॐ मानिने नमः ।
ॐ दैत्यमानविमर्दनाय नमः ।
ॐ अमानाय नमः । १२०

ॐ निर्ममाय नमः ।
ॐ मान्याय नमः ।
ॐ मानवाय नमः ।
ॐ मधुसूदनाय नमः ।
ॐ मनुपुत्राय नमः ।
ॐ मयारातये नमः ।
ॐ मङ्गलाय नमः ।
ॐ मङ्गलास्पदाय नमः ।
ॐ मालवाय नमः ।
ॐ मलयावासाय नमः ।
ॐ महोभये नमः ।
ॐ संयुताय नमः ।
ॐ अनलाय नमः ।
ॐ नलाराध्याय नमः ।
ॐ नीलवाससे नमः ।
ॐ नलात्मने नमः ।
ॐ नलपूजिताय नमः ।
ॐ नलाधीशाय नमः ।
ॐ नैगमिकाय नमः ।
ॐ निगमेन सुपूजिताय नमः । १४०

ॐ निगमावेद्यरूपाय नमः ।
ॐ धन्याय नमः ।
ॐ धेनवे नमः ।
ॐ अमित्रघ्ने नमः ।
ॐ कल्पवृक्षाय नमः ।
ॐ कामधेनवे नमः ।
ॐ धनुर्धारिणे नमः ।
ॐ महेश्वराय नमः ।
ॐ दामनाय नमः ।
ॐ दामिनीकान्ताय नमः ।
ॐ दामोदराय नमः ।
ॐ हरेश्वराय नमः ।
ॐ दमाय नमः ।
ॐ दान्त्रे नमः ।
ॐ दयावते नमः ।
ॐ दानवेशाय नमः ।
ॐ दनुप्रियाय नमः ।
ॐ दन्वीश्वराय नमः ।
ॐ दमिने नमः ।
ॐ दन्तिने नमः । १६०

ॐ दन्वाराध्याय नमः ।
ॐ जनुप्रदाय नमः ।
ॐ आनन्दकन्दाय नमः ।
ॐ मन्दारये नमः ।
ॐ मन्दारसुमपूजिताय नमः ।
ॐ नित्यानन्दाय नमः ।
ॐ महानन्दाय नमः ।
ॐ रमानन्दाय नमः ।
ॐ निराश्रयाय नमः ।
ॐ निर्जराय नमः ।
ॐ निर्जरप्रीताय नमः ।
ॐ निर्जरेश्वरपूजिताय नमः ।
ॐ कैलासवासिने नमः ।
ॐ विश्वात्मने नमः ।
ॐ विश्वेशाय नमः ।
ॐ विश्वतत्पराय नमः ।
ॐ विश्वम्भराय नमः ।
ॐ विश्वसहाय नमः ।
ॐ विश्वरूपाय नमः ।
ॐ महीधराय नमः । १८०

ॐ केदारनिलयाय नमः ।
ॐ भर्त्रे नमः ।
ॐ धर्त्रे नमः ।
ॐ हर्त्रे नमः ।
ॐ हरीश्वराय नमः ।
ॐ विष्णुसेव्याय नमः ।
ॐ जिष्णुनाथाय नमः ।
ॐ जिष्णवे नमः ।
ॐ कृष्णाय नमः ।
ॐ धरापतये नमः ।
ॐ बदरीनायकाय नमः ।
ॐ नेत्रे नमः ।
ॐ रामभक्ताय नमः ।
ॐ रमाप्रियाय नमः ।
ॐ रमानाथाय नमः ।
ॐ रामसेव्याय नमः ।
ॐ शैब्यापतये नमः ।
ॐ अकल्मषाय नमः ।
ॐ धराधीशाय नमः ।
ॐ महानेत्राय नमः । २००

ॐ त्रिनेत्राय नमः ।
ॐ चारुविक्रमाय नमः ।
ॐ त्रिविक्रमाय नमः ।
ॐ विक्रमेशाय नमः ।
ॐ त्रिलोकेशाय नमः ।
ॐ त्रयीमयाय नमः ।
ॐ वेदगम्याय नमः ।
ॐ वेदवादिने नमः ।
ॐ वेदात्मने नमः ।
ॐ वेदवर्द्धनाय नमः ।
ॐ देवेश्वराय नमः ।
ॐ देवपूज्याय नमः ।
ॐ वेदान्तार्थप्रचारकाय नमः ।
ॐ वेदान्तवेद्याय नमः ।
ॐ वैष्णवाय नमः ।
ॐ कवये नमः ।
ॐ काव्यकलाधराय नमः ।
ॐ कालात्मने नमः ।
ॐ कालहृते नमः ।
ॐ कालाय नमः । २२०

ॐ कलात्मने नमः ।
ॐ कालसूदनाय नमः ।
ॐ केलीप्रियाय नमः ।
ॐ सुकेलये नमः ।
ॐ कलङ्करहिताय नमः ।
ॐ क्रमाय नमः ।
ॐ कर्मकर्त्रे नमः ।
ॐ सुकर्मणे नमः ।
ॐ कर्मेशाय नमः ।
ॐ कर्मवर्जिताय नमः ।
ॐ मीमांसाशास्त्रवेत्त्रे नमः ।
ॐ शर्वाय नमः ।
ॐ मीमांसकप्रियाय नमः ।
ॐ प्रकृतये नमः ।
ॐ पुरुषाय नमः ।
ॐ पञ्चतत्त्वज्ञाय नमः ।
ॐ ज्ञानिनां वराय नमः ।
ॐ साङ्ख्यशास्त्रप्रमोदिने नमः ।
ॐ सङ्ख्यावते नमः ।
ॐ पण्डिताय नमः । २४०

ॐ प्रभवे नमः ।
ॐ असङ्ख्यातगुणग्रामाय नमः ।
ॐ गुणात्मने नमः ।
ॐ गुणवर्जिताय नमः ।
ॐ निर्गुणाय नमः ।
ॐ निरहङ्काराय नमः ।
ॐ रसाधीशाय नमः ।
ॐ रसप्रियाय नमः ।
ॐ रसास्वादिने नमः ।
ॐ रसावेद्याय नमः ।
ॐ नीरसाय नमः ।
ॐ नीरजप्रियाय नमः ।
ॐ निर्मलाय नमः ।
ॐ निरनुक्रोशिने नमः ।
ॐ निर्दन्ताय नमः ।
ॐ निर्भयप्रदाय नमः ।
ॐ गङ्गाख्यतोयाय नमः ।
ॐ मीनध्वजविमर्दनाय नमः ।
ॐ अन्धकारिबृहद्दंष्ट्राय नमः ।
ॐ बृहदश्वाय नमः । २६०

ॐ बृहत्तनवे नमः ।
ॐ बृहस्पतये नमः ।
ॐ सुराचार्याय नमः ।
ॐ गीर्वाणगणपूजिताय नमः ।
ॐ वासुदेवाय नमः ।
ॐ महाबाहवे नमः ।
ॐ विरूपाक्षाय नमः ।
ॐ विरूपकाय नमः ।
ॐ पूष्णः दन्तविनाशिने नमः ।
ॐ मुरारये नमः ।
ॐ भगनेत्रघ्ने नमः ।
ॐ वेदव्यासाय नमः ।
ॐ नागहाराय नमः ।
ॐ विषघ्ने नमः ।
ॐ विषनायकाय नमः ।
ॐ विरजसे नमः ।
ॐ सजलाय नमः ।
ॐ अनन्ताय नमः ।
ॐ वासुकये नमः ।
ॐ अपराजिताय नमः । २८०

ॐ बालाय नमः ।
ॐ वृद्धाय नमः ।
ॐ यूने नमः ।
ॐ मृत्यवे नमः ।
ॐ मृत्युघ्ने नमः ।
ॐ भालचन्द्रकाय नमः ।
ॐ बलभद्राय नमः ।
ॐ बलारातये नमः ।
ॐ दृढधन्वने नमः ।
ॐ वृषध्वजाय नमः ।
ॐ प्रमथेशाय नमः ।
ॐ गणपतये नमः ।
ॐ कार्तिकेयाय नमः ।
ॐ वृकोदराय नमः ।
ॐ अग्निगर्भाय नमः ।
ॐ अग्निनाभाय नमः ।
ॐ पद्मनाभाय नमः ।
ॐ प्रभाकराय नमः ।
ॐ हिरण्यगर्भाय नमः ।
ॐ लोकेशाय नमः । ३००

ॐ वेणुनादाय नमः ।
ॐ प्रतर्दनाय नमः ।
ॐ वायवे, भगाय नमः ।
ॐ वसवे, भर्गाय नमः ।
ॐ दक्षाय नमः ।
ॐ प्राचेतसे नमः ।
ॐ मुनये नमः ।
ॐ नादब्रह्मरताय नमः ।
ॐ नादिने नमः ।
ॐ नन्दनावास अम्बराय नमः ।
ॐ अम्बरीषाय नमः ।
ॐ अम्बुनिलयाय नमः ।
ॐ जामदग्न्याय नमः ।
ॐ परात्पराय नमः ।
ॐ कृतवीर्यसुत-राजा-कार्तवीर्यप्रमर्दनाय नमः ।
ॐ जमदग्नये नमः ।
ॐ जातरूपाय नमः ।
ॐ जातरूपपरिच्छदाय नमः ।
ॐ कर्पूरगौराय नमः ।
ॐ गौरीशाय नमः । ३२०

ॐ गोपतये नमः ।
ॐ गोपनायकाय नमः ।
ॐ प्राणीश्वराय नमः ।
ॐ प्रमाणज्ञाय नमः ।
ॐ अप्रमेयाय नमः ।
ॐ अज्ञाननाशनाय नमः ।
ॐ हंसाय नमः ।
ॐ हंसगतये नमः ।
ॐ मीर्मीनाय नमः ।
ॐ ब्रह्मणे नमः ।
ॐ लोकपितामहाय नमः ।
ॐ यमुनाधीश्वराय नमः ।
ॐ याम्याय नमः ।
ॐ यमभीतिविमर्दनाय नमः ।
ॐ नारायणाय नमः ।
ॐ नारपूज्याय नमः ।
ॐ वसुवर्णाय नमः ।
ॐ वसुप्रियाय नमः ।
ॐ वासवाय नमः ।
ॐ बलघ्ने नमः । ३४०

ॐ वृत्रहन्त्रे नमः ।
ॐ यन्त्रे नमः ।
ॐ पराक्रमिणे नमः ।
ॐ बृहदीशाय नमः ।
ॐ बृहद्भानवे नमः ।
ॐ वर्द्धनाय नमः ।
ॐ बालवाय नमः ।
ॐ पराय नमः ।
ॐ शरभाय नमः ।
ॐ नरसंहारिणे नमः ।
ॐ कोलशत्रवे नमः ।
ॐ विभाकराय नमः ।
ॐ रथचक्राय नमः ।
ॐ दशरथाय नमः ।
ॐ रामाय नमः ।
ॐ शस्त्रभृतां वराय नमः ।
ॐ नारदीयाय नमः ।
ॐ नरानन्दाय नमः ।
ॐ नायकाय नमः ।
ॐ प्रमथारिघ्ने नमः । ३६०

ॐ रुद्राय नमः ।
ॐ रौद्रौ रुद्रमुख्याय नमः ।
ॐ रौद्रात्मने नमः ।
ॐ रोमवर्जिताय नमः ।
ॐ जलन्धरहराय नमः ।
ॐ हव्याय नमः ।
ॐ हविषे नमः ।
ॐ धाम्ने नमः ।
ॐ बृहद्धविषे नमः ।
ॐ रवये नमः ।
ॐ सप्तार्चषे नमः ।
ॐ अनघाय नमः ।
ॐ द्वादशात्मने नमः ।
ॐ दिवाकराय नमः ।
ॐ प्रद्योतनाय नमः ।
ॐ दिनपतये नमः ।
ॐ सप्तसप्तये नमः ।
ॐ मरीचिमते नमः ।
ॐ सोमाय नमः ।
ॐ अब्जाय नमः । ३८०

ॐ ग्लावे नमः ।
ॐ रात्रीशाय नमः ।
ॐ कुजाय नमः ।
ॐ जैवात्रिकाय नमः ।
ॐ बुधाय नमः ।
ॐ शुक्राय नमः ।
ॐ दैत्यगुरवे नमः ।
ॐ भौमाय नमः ।
ॐ भीमाय नमः ।
ॐ भीमपराक्रमाय नमः ।
ॐ शनये नमः ।
ॐ पङ्गवे नमः ।
ॐ मदान्धाय नमः ।
ॐ भङ्गाभक्षणतत्पराय नमः ।
ॐ राहवे नमः ।
ॐ केतवे नमः ।
ॐ सैंहिकेयाय नमः ।
ॐ ग्रहात्मने नमः ।
ॐ ग्रहपूजिताय नमः ।
ॐ नक्षत्रेशाय नमः । ४००

ॐ अश्विनीनाथाय नमः । ॐ मैनाकनिलयाय नमः । ॐ शुभाय नमः । ॐ विन्ध्याटवीसमाच्छन्नाय नमः । ॐ सेतुबन्धनिकेतनाय नमः । ॐ कूर्मपर्वतवासिने नमः । ॐ वागीशाय नमः । ॐ वाग्विदां वराय नमः । ॐ योगेश्वराय नमः । ॐ महीनाथाय नमः । ॐ पातालभुवनेश्वराय नमः । ॐ काशिनाथाय नमः । ॐ नीलकेशाय नमः । ॐ हरिकेशाय नमः । ॐ मनोहराय नमः । ॐ उमाकान्ताय नमः । ॐ यमारातये नमः । ॐ बौद्धपर्वतनायकाय नमः । ॐ तटासुरनिहन्त्रे नमः । ॐ सर्वयज्ञसुपूजिताय नमः । ४२०

ॐ गङ्गाद्वारनिवासाय नमः । ॐ वै वीरभद्राय नमः । ॐ भयानकाय नमः । ॐ भानुदत्ताय नमः । ॐ भानुनाथाय नमः । ॐ जरासन्धविमर्दनाय नमः । ॐ यवमालीश्वराय नमः । ॐ पाराय नमः । ॐ गण्डकीनिलयाय नमः । ॐ हराय नमः । ॐ शालग्रामशिलावासिने नमः । ॐ नर्मदातटपूजिताय नमः । ॐ बाणलिङ्गाय नमः । ॐ बाणपित्रे नमः । ॐ बाणधये नमः ।
ॐ बाणपूजिताय नमः । ॐ बाणासुरनिहन्त्रे नमः । ॐ रामबाणाय नमः । ॐ भयापहाय नमः ।
ॐ रामदूताय नमः । ४४०

ॐ रामनाथाय नमः । ॐ रामनारायणाय नमः । ॐ अव्ययाय नमः । ॐ पार्वतीशाय नमः । ॐ
परामृष्टाय नमः । ॐ नारदाय नमः । ॐ नारपूजिताय नमः । ॐ पर्वतेशाय नमः । ॐ पार्वतीशाय नमः । ॐ पार्वतीप्राणवल्लभाय नमः । ॐ सर्वेश्वराय नमः । ॐ सर्वकर्त्रे नमः । ॐ लोकाध्यक्षाय नमः । ॐ महामतये नमः । ॐ निरालम्बाय नमः । ॐ हठाध्यक्षाय नमः । ॐ वननाथाय नमः । ॐ वनाश्रयाय नमः । ॐ श्मशानवासिने नमः । ॐ दमनाय नमः । ४६०

ॐ मदनारये नमः । ॐ मदालयाय नमः । ॐ भूतवेतालसर्वस्वाय नमः । ॐ स्कन्दाय नमः । ॐ
स्कन्दजनये, जनाय नमः । ॐ वेतालशतनाथाय नमः । ॐ वेतालशतपूजिताय नमः । ॐ
वेतालाय नमः । ॐ भैरवाकाराय नमः । ॐ वेतालनिलयाय नमः । ॐ बलाय नमः । ॐ भुवे नमः । ॐ भुवाय नमः । ॐ स्वस्मै नमः । ॐ वषट्काराय नमः । ॐ भूतभव्यविभवे नमः । ॐ महाय नमः । ॐ जनाय नमः । ॐ महाय नमः । ॐ तपाय नमः । ४८०

ॐ सत्याय नमः । ॐ पातालनिलयाय नमः । ॐ लयाय नमः । ॐ पत्रिणे नमः । ॐ पुष्पिणे नमः। ॐ फलिने नमः । ॐ तोयिने नमः । ॐ महीरूपसमाश्रिताय नमः । ॐ स्वधायै नमः । ॐ स्वाहायै नमः । ॐ नमस्काराय नमः । ॐ भद्राय नमः । ॐ भद्रपतये नमः । ॐ भवाय नमः । ॐ उमापतये नमः । ॐ व्योमकेशाय नमः । ॐ भीमधन्वने नमः । ॐ भयानकाय नमः । ॐ पुष्टाय नमः । ॐ तुष्टाय नमः । ५००

ॐ धराधाराय नमः । ॐ बलिदाय नमः । ॐ बलिभृते नमः । ॐ बलिने नमः । ॐ ओङ्काराय नमः। ॐ नृमयाय नमः । ॐ मायिने नमः । ॐ विघ्नहर्त्रे नमः । ॐ गणाधिपाय नमः । ॐ ह्रीं ह्रौं गम्याय नमः । ॐ हौं जूँ तस्मै नमः । ॐ हौं शिवाय नमः नमः । ॐ ज्वराय नमः । ॐ द्राँ द्राँ रूपाय नमः । ॐ दुराधर्षाय नमः । ॐ नादबिन्द्वात्मकाय नमः । ॐ अनिलाय नमः । ॐ रस्ताराय नमः । ॐ नेत्रनादाय नमः । ॐ चण्डीशाय नमः । ५२०

ॐ मलयाचलाय नमः । ॐ षडक्षरमहामन्त्राय नमः । ॐ शस्त्रभृते नमः । ॐ शस्त्रनायकाय नमः । ॐ शास्त्रवेत्त्रे नमः । ॐ शास्त्रीशाय नमः । ॐ शस्त्रमन्त्रप्रपूजिताय नमः । ॐ निर्वपवे नमः । ॐ सुवपवे नमः । ॐ कान्ताय नमः । ॐ कान्ताजनमनोहराय नमः । ॐ भगमालिने नमः । ॐ भगाय नमः । ॐ भाग्याय नमः । ॐ भगघ्ने नमः । ॐ भगपूजिताय नमः । ॐ गपूजनसन्तुष्टाय नमः । ॐ महाभाग्यसुपूजिताय नमः । ॐ पूजारताय नमः । ॐ विपाप्माय नमः । ५४०

ॐ क्षितिबीजाय नमः । ॐ धरोप्तिकृते नमः । ॐ मण्डलाय नमः । ॐ मण्डलाभासाय नमः । ॐ
मण्डलार्द्धाय नमः । ॐ विमण्डलाय नमः । ॐ चन्द्रमण्डलपूज्याय नमः । ॐ रविमण्डलमन्दिराय नमः । ॐ सर्वमण्डलसर्वस्वाय नमः । ॐ पूजामण्डलमण्डिताय नमः । ॐ पृथ्वीमण्डलवासाय नमः । ॐ भक्तमण्डलपूजिताय नमः । ॐ मण्डलात्परसिद्धये नमः । ॐ महामण्डलमण्डलाय नमः । ॐ मुखमण्डलशोभाढ्याय नमः । ॐ राजमण्डलवर्जिताय नमः । ॐ निष्प्रभाय नमः । ॐ प्रभवे नमः । ॐ ईशानाय नमः । ॐ मृगव्याधाय नमः । ५६०

ॐ मृगारिघ्ने नमः । ॐ मृगाङ्कशोभाय नमः । ॐ हेमाढ्याय नमः । ॐ हिमात्मने नमः । ॐ
हिमसुन्दराय नमः । ॐ हेमहेमनिधये नमः । ॐ हेमाय नमः । ॐ हिमानीशाय नमः । ॐ हिमप्रियाय नमः । ॐ शीतवातसहाय नमः । ॐ शीताय नमः । ॐ अशीतिगणसेविताय नमः । ॐ आशाश्रयाय नमः । ॐ दिगात्मने नमः । ॐ जीवाय नमः । ॐ जीवाश्रयाय नमः । ॐ पतये नमः । ॐ पतिताशिने नमः । ॐ पतये नमः । ॐ पान्थाय नमः । ५८०

ॐ निःपान्थाय नमः । ॐ अनर्थनाशकाय नमः । ॐ बुद्धिदाय नमः । ॐ बुद्धिनिलयाय नमः । ॐ
बुद्धाय नमः । ॐ बुद्धपतये नमः । ॐ धवाय नमः । ॐ मेधाकराय नमः । ॐ मेधमानाय नमः । ॐ मध्याय नमः । ॐ मध्याय repeat नमः । ॐ मधुप्रियाय नमः । ॐ मधुव्याय नमः । ॐ मधुमते नमः । ॐ बन्धवे नमः । ॐ धुन्धुमाराय नमः । ॐ धवाश्रयाय नमः । ॐ धर्मिणे नमः । ॐ धर्मप्रियाय नमः । ॐ धन्याय नमः । ६००

ॐ धान्यराशये नमः । ॐ धनावहाय नमः । ॐ धरात्मजाय नमः । ॐ धनाय नमः । ॐ
धान्याय नमः । ॐ मान्यनाथाय नमः । ॐ मदालसाय नमः । ॐ लम्बोदराय नमः । ॐ लङ्करिष्णवे नमः । ॐ लङ्कानाथसुपूजिताय नमः । ॐ लङ्काभस्मप्रियाय नमः । ॐ लङ्काय नमः । ॐ लङ्केशरिपुपूजिताय नमः । ॐ समुद्राय नमः । ॐ मकरावासाय नमः । ॐ मकरन्दाय नमः । ॐ मदान्विताय नमः । ॐ मथुरानाथकाय नमः । ॐ तन्द्राय नमः । ॐ मथुरावासतत्पराय नमः । ६२०

ॐ वृन्दावनमनसे नमः । ॐ प्रीतये नमः । ॐ वृन्दापूजितविग्रहाय नमः । ॐ यमुनापुलिनावासाय नमः । ॐ कंसचाणूरमर्दनाय नमः । ॐ अरिष्टघ्ने नमः । ॐ शुभतनवे नमः । ॐ माधवाय नमः । ॐ माधवाग्रजाय नमः । ॐ वसुदेवसुताय नमः । ॐ कृष्णाय नमः । ॐ कृष्णाप्रियतमाय नमः । ॐ शुचये नमः । ॐ कृष्णद्वैपायनाय नमः । ॐ वेधसे नमः । ॐ सृष्टिसंहारकारकाय नमः । ॐ चतुर्विधाय नमः । ॐ विश्वहर्त्रे नमः । ॐ धात्रे नमः । ॐ धर्मपरायणाय नमः । ६४०

ॐ यातुधानाय नमः । ॐ महाकायाय नमः । ॐ रक्षःकुलविनाशनाय नमः । ॐ घण्टानादाय नमः । ॐ महानादाय नमः । ॐ भेरीशब्दपरायणाय नमः । ॐ परमेशाय नमः । ॐ पराविज्ञाय नमः । ॐ ज्ञानगम्याय नमः । ॐ गणेश्वराय नमः । ॐ पार्श्वमौलये नमः । ॐ चन्द्रमौलये नमः । ॐ धर्ममौलये नमः । ॐ सुरारिघ्ने नमः । ॐ जङ्घाप्रतर्दनाय नमः । ॐ जम्भाय नमः । ॐ जम्भारातये नमः । ॐ अरिन्दमाय नमः । ॐ ओङ्कारगम्याय नमः । ॐ नादेशाय नमः । ६६०

ॐ सोमेशाय नमः । ॐ सिद्धिकारणाय नमः । ॐ अकाराय नमः । ॐ अमृतकल्पाय नमः । ॐ आनन्दाय नमः । ॐ वृषभध्वजाय नमः । ॐ आत्मने नमः । ॐ रतये नमः । ॐ आत्मगम्याय नमः । ॐ यथार्थात्मने नमः । ॐ नरारिघ्ने नमः । ॐ इकाराय नमः । ॐ कालाय नमः । ॐ होतिप्रभञ्जनाय नमः । ॐ ईशितारिभवाय नमः । ॐ ऋक्षाय नमः । ॐ ऋकारवरपूजिताय नमः । ॐ ऌवर्णरूपाय नमः । ॐ ऌकाराय नमः । ॐ ऌवर्णस्थाय नमः । ६८०

ॐ ऌरात्मवते लरात्मवते नमः । ॐ ऐरूपाय नमः । ॐ महानेत्राय नमः । ॐ जन्ममृत्युविवर्जिताय नमः । ॐ ओतवे नमः । ॐ औतवे नमः । ॐ अन्डजस्थाय नमः । ॐ हन्तहन्त्रे नमः । ॐ कलाकराय नमः । ॐ कालीनाथाय नमः । ॐ खञ्जनाक्षाय नमः । ॐ खण्डाय नमः । ॐ खण्डिताय नमः । ॐ विक्रमाय नमः । ॐ गन्धर्वेशाय नमः । ॐ गणारातये नमः । ॐ घण्टाभरणपूजिताय नमः । ॐ ङकाराय नमः । ॐ ङीप्रत्ययाय नमः । ॐ चामराय नमः । ७००

ॐ चामराश्रयाय नमः । ॐ चीराम्बरधराय नमः । ॐ चारवे नमः । ॐ चारुचञ्चुश्वरेश्वराय नमः । ॐ छत्रिणे नमः । ॐ छत्रपतये नमः । ॐ छात्राय नमः । ॐ छत्रेशाय नमः । ॐ छात्रपूजिताय नमः । ॐ झर्झराय नमः । ॐ झङ्कृतये नमः । ॐ झञ्जसे नमः । ॐ झञ्झेशाय नमः । ॐ झम्पराय नमः । ॐ झराय नमः । ॐ झङ्केशाण्डधराय नमः । ॐ झारिष्टाय नमः । ॐ कष्टाय नमः । ॐ कारपूजिताय नमः । ॐ रोमहारये नमः । ७२०

ॐ वृषारये नमः । ॐ ढुण्ढिराजाय नमः । ॐ झलात्मजाय नमः । ॐ ढोलशब्दरताय नमः । ॐ ढक्काय नमः । ॐ ढकारेणप्रपूजिताय नमः । ॐ तारापतये नमः । ॐ तन्तवे नमः । ॐ तारेशाय नमः । ॐ स्तम्भसंश्रिताय नमः । ॐ थवर्णाय नमः । ॐ थूत्कराय नमः । ॐ स्थूलाय नमः । ॐ दनुजाय नमः । ॐ दनुजान्तकृते नमः । ॐ दाडिमीकुसुमप्रख्याय नमः । ॐ दान्तारये नमः । ॐ दर्दरातिगाय नमः । ॐ दन्तवक्त्राय नमः । ॐ दन्तजिह्वायै नमः । ७४०

ॐ दन्तवक्त्रविनाशनाय नमः । ॐ धवाय नमः । ॐ धवाग्रजाय नमः । ॐ धुन्धवे नमः । ॐ धौन्धुमारये नमः । ॐ धराधराय नमः । ॐ धम्मिल्लिनीजनानन्दाय नमः । ॐ धर्माधर्मविवर्जिताय नमः । ॐ नागेशाय नमः । ॐ नागनिलियाय नमः । ॐ नारदादिभिरर्चिताय नमः । ॐ नन्दाय नमः । ॐ नन्दीपतये नमः । ॐ नन्दिने नमः । ॐ नन्दीश्वरसहायवते नमः । ॐ पणाय नमः । ॐ प्रणीश्वराय नमः । ॐ पान्थाय नमः । ॐ पाथेयाय नमः । ॐ पथिकार्चिताय नमः । ७६०

ॐ पानीयाधिपतये नमः । ॐ पाथाय नमः । ॐ फलवते नमः । ॐ फलसंस्कृताय नमः । ॐ फणीशतविभूषाय नमः । ॐ फणीफूत्कारमण्डिताय नमः । ॐ फालाय नमः । ॐ फल्गुरथाय नमः । ॐ फान्ताय नमः । ॐ वेणुनाथाय नमः । ॐ वनेचराय नमः । ॐ वन्यप्रियाय नमः । ॐ वनानन्दाय नमः । ॐ वनस्पतये नमः । ॐ गणेश्वराय नमः । ॐ वालीनिहन्त्रे नमः । ॐ वल्मीकाय नमः । ॐ वृन्दावनकुतूहलिने नमः । ॐ वेणुनादप्रियाय नमः । ॐ वैद्याय नमः । ७८०

ॐ भगणाय नमः । ॐ भगणार्चिताय नमः । ॐ भेरूण्डाय नमः । ॐ भासकाय नमः । ॐ भासिने नमः । ॐ भास्कराय नमः । ॐ भानुपूजिताय नमः । ॐ भद्राय नमः । ॐ भाद्रपदाय नमः । ॐ भाद्राय नमः । ॐ भद्रदाय नमः । ॐ भाद्रतत्पराय नमः । ॐ मेनकापतये नमः । ॐ मन्द्राश्वाय नमः । ॐ महामैनाकपर्वताय नमः । ॐ मानवाय नमः । ॐ मनुनाथाय नमः । ॐ मदघ्ने नमः । ॐ मदलोचनाय नमः । ॐ यज्ञाशिने नमः । ८००

ॐ याज्ञिकाय नमः । ॐ यामिणे नमः । ॐ यमभीतिविमर्दनाय नमः । ॐ यमकाय नमः । ॐ यमुनावासाय नमः । ॐ यमसंयमदायकाय नमः । ॐ रक्ताक्षाय नमः । ॐ रक्तदन्ताय नमः । ॐ राजसाय नमः । ॐ राजसप्रियाय नमः । ॐ रन्तिदेवाय नमः । ॐ रत्नमतीरामनाथाय नमः । ॐ रमाप्रियाय नमः । ॐ लक्ष्मीकराय नमः । ॐ लाक्षणिकाय नमः । ॐ लक्षेशाय नमः । ॐ लक्षपूजिताय नमः । ॐ लम्बोदराय नमः । ॐ लाङ्गलिकाय नमः । ॐ लक्षलाभपितामहाय नमः । ८२०

ॐ बालकाय नमः । ॐ बालकप्रीताय नमः । ॐ वरेण्याय नमः । ॐ बालपूजिताय नमः । ॐ शर्वाय नमः । ॐ शर्विने नमः । ॐ शरिणे नमः । ॐ शस्त्रिणे नमः । ॐ शर्वरीगणसुन्दराय नमः । ॐ शाकम्भरीपीठसंस्थाय नमः । ॐ शाकद्वीपनिवासकाय नमः । ॐ षोढासमासनिलयाय नमः । ॐ षण्ढाय नमः । ॐ षाढवमन्दिराय नमः । ॐ षाण्डवाडम्बराय नमः । ॐ षाण्ड्याय नमः । ॐ षष्ठीपूजनतत्पराय नमः । ॐ सर्वेश्वराय नमः । ॐ सर्वतत्त्वाय नमः । ॐ सामगम्याय नमः । ८४०

ॐ समानकाय नमः । ॐ सेतवे नमः । ॐ संसारसंहर्त्रे नमः । ॐ साराय नमः । ॐ सारस्वतप्रियाय नमः । ॐ हर्म्यनाथाय नमः । ॐ हर्म्यकर्त्रे नमः । ॐ हेतुघ्ने नमः । ॐ निहनाय नमः । ॐ हराय नमः । ॐ हालाप्रियाय नमः । ॐ हलापाङ्गाय नमः । ॐ हनुमते नमः । ॐ पतये नमः । ॐ अव्ययाय नमः । ॐ सर्वायुधधराभीष्टाय नमः । ॐ भयाय नमः । ॐ भास्वते नमः । ॐ भयान्तकृते नमः । ॐ कुब्जाम्रकनिवासाय नमः । ८६०

ॐ झिण्टीशाय नमः । ॐ वाग्विदां वराय नमः । ॐ रेणुकादुःखहन्त्रे नमः । ॐ विराटनगरस्थिताय नमः । ॐ जमदग्नये नमः । ॐ भार्गवाय नमः । ॐ पुलस्त्याय नमः । ॐ पुलहाय नमः । ॐ क्रतवे नमः । ॐ क्रान्तिराजाय नमः । ॐ द्रोणपुत्राय नमः । ॐ अश्वत्थाम्ने नमः । ॐ सुरथिने नमः । ॐ कृपाय नमः । ॐ कामाख्यनिलयाय नमः । ॐ विश्वनिलयाय नमः । ॐ भुवनेश्वराय नमः । ॐ रघूद्वहाय नमः । ॐ राज्यदात्रे नमः । ॐ राजनीतिकरोव्रणाय नमः । ८८०

ॐ राजराजेश्वरीकान्ताय नमः । ॐ राजराजसुपूजिताय नमः । ॐ सर्वबन्धविनिर्मुक्ताय नमः । ॐ सर्वदारिद्र्यनाशनाय नमः । ॐ जटामण्डलसर्वस्वाय नमः । ॐ गङ्गाधारासुमण्डिताय नमः । ॐ जीवदाताशयाय नमः । ॐ धेनवे नमः । ॐ यादवाय नमः । ॐ यदुपुङ्गवाय नमः । ॐ मूर्खवागीश्वराय नमः । ॐ भर्गाय नमः । ॐ मूर्खविद्यायै नमः । ॐ दयानिधये नमः । ॐ दीनदुःखनिहन्त्रे नमः । ॐ दीनदात्रे नमः । ॐ दयार्णवाय नमः । ॐ गङ्गातरङ्गभूषाय नमः । ॐ गङ्गाभक्तिपरायणाय नमः । ॐ भगीरथप्राणदात्रे नमः । ९००

ॐ ककुत्स्थनृपपूजिताय नमः । ॐ मान्धातृजयदाय नमः । ॐ वेणवे नमः । ॐ पृथवे नमः । ॐ पृथुयशसे नमः । ॐ स्थिराय नमः । ॐ जाल्मपादाय नमः । ॐ जाल्मनाथाय नमः । ॐ जाल्मप्रीतिविवर्द्धनाय नमः । ॐ सन्ध्याभर्त्रे नमः । ॐ रौद्रवपवे नमः । ॐ महानीलशिलास्थिताय नमः । ॐ शम्भलग्रामवासाय नमः । ॐ प्रियानूपमपत्तनाय नमः । ॐ शाण्डिल्याय नमः । ॐ ब्रह्मशौण्डाख्याय नमः । ॐ शारदाय नमः । ॐ वैद्यजीवनाय नमः । ॐ राजवृक्षाय नमः । ॐ ज्वरघ्नाय नमः । ९२०

ॐ निर्गुण्डीमूलसंस्थिताय नमः । ॐ अतिसारहराय नमः । ॐ जातीवल्कबीजाय नमः । ॐ जलाय नमः । ॐ नभसे नमः । ॐ जाह्नवीदेशनिलयाय नमः । ॐ भक्तग्रामनिकेतनाय नमः । ॐ पुराणगम्याय नमः । ॐ गम्येशाय नमः । ॐ स्कान्दादिप्रतिपादकाय नमः । ॐ अष्टादशपुराणानां कर्त्रे नमः । ॐ काव्येश्वराय नमः । ॐ प्रभवे नमः । ॐ जलयन्त्राय नमः । ॐ जलावासाय नमः । ॐ जलधेनवे नमः । ॐ जलोदराय नमः । ॐ चिकित्सकाय नमः । ॐ भिषजे नमः । ॐ वैद्याय नमः । ९४०

ॐ निर्लोभाय नमः । ॐ लोभतस्कराय नमः । ॐ चिदानन्दाय नमः । ॐ चिदाभासाय नमः । ॐ चिदात्मने नमः । ॐ चित्तवर्जिताय नमः । ॐ चित्स्वरूपाय नमः । ॐ चिरायवे नमः । ॐ चिरायुरभिदायकाय नमः । ॐ चीत्कारगुणसन्तुष्टाय नमः । ॐ अचलाय नमः । ॐ आनन्दप्रदायकाय नमः । ॐ मासाय नमः । ॐ पक्षाय नमः । ॐ अहोरात्रमृतुस्त्वयनरूपकाय नमः । ॐ संवत्सराय नमः । ॐ पराय नमः । ॐ कालाय नमः । ॐ कलाकाष्ठात्मकाय नमः । ॐ कलये नमः । ९६०

ॐ सत्याय नमः । ॐ त्रेत्रे नमः । ॐ द्वापराय नमः । ॐ स्वायम्भुवाय नमः । ॐ स्मृताय नमः । ॐ स्वारोचिषाय नमः । ॐ तामसाय नमः । ॐ औत्तमिणे नमः । ॐ रैवताय नमः । ॐ चाक्षुषाय नमः । ॐ वैवस्वताय नमः । ॐ सावर्णये नमः । ॐ सूर्यसम्भवाय नमः । ॐ दक्षसावर्णिकाय नमः । ॐ मेरुसावर्णिकाय नमः । ॐ इतिप्रभाय नमः । ॐ रौच्याय नमः । ॐ भौत्याय नमः । ॐ गव्याय नमः । ॐ भूतिदाय नमः । ९८०

ॐ दराय नमः । ॐ रागज्ञानप्रदाय नमः । ॐ रागिने नमः । ॐ रागपरायणाय नमः । ॐ नारदाय नमः । ॐ प्राणनिलयाय नमः । ॐ नीलाम्बरधराय नमः । ॐ अव्ययाय नमः । ॐ अनेकनाम्ने नमः । ॐ गङ्गेशाय नमः । ॐ गङ्गातीरनिकेतनाय नमः । ॐ गङ्गाजलनिवासाय नमः । ॐ गङ्गाजलपरायणाय नमः । ९९३

वसिष्ठ उवाच ।

नाम्नोमेतत्सहस्रं वै नारदेनोदितं तु यत् ।
तत्तेद्य कथितं देवि सर्वापत्तिनिवारणम् ॥

पठतः स्तोत्रमेतद्वै नाम्नां साहस्रमीशितुः ।
दारिद्र्यं नश्यते क्षिप्रं षड्भिर्मासैर्वरानने ॥

यस्येदं लिखितं गेहे स्तोत्रं वै परमात्मनः ।
नित्यं सन्निहतस्तत्र महादेवः शिवान्वितः ॥

स एव त्रिषु लोकेषु धन्यः स्याच्छिवभक्तितः ।
शिव एव परं ब्रह्म शिवान्नास्त्यपरः क्वचित् ॥

ब्रह्मरूपेण सृजति पाल्यते विष्णुरूपिणा ।
रुद्ररूपेण नयति भस्मसात् स चराचरम् ॥

तस्मात्सर्वप्रयत्नेन मुमुक्षुः शिवमभ्यसेत् ।
स्तोत्रं सहस्रनामाख्यं पठित्वा श्रीशिवो भवेत् ॥

यं यं चिन्तयते कामं तं तं प्राप्नोत्यसंशयम् ।
पुत्रार्थी लभते पुत्रान्धनार्थी लभते धनम् ॥

राज्यार्थी लभते राज्यं यस्त्विदं नियतः पठेत् ।
दुःस्वप्ननाशनं पुण्यं सर्वपापप्रणाशनम् ॥

नास्मात्किञ्चिन्महाभागे ह्यन्यदस्ति महीतले ।
तावद्गर्जन्ति पापानि शरीरस्थान्यरुन्धति ॥

यावन्नपठते स्तोत्रं श्रीशिवस्य परात्मनः ।
सिंहचौरग्रहग्रस्तो मुच्यते पठनात्प्रिये ॥

सर्वव्याधिविनिर्मुक्तो लभते परमं सुखम् ।
प्रातरुत्थाय यः स्तोत्रं पठेत भक्तितत्परः ॥

सर्वापत्तिविनिर्मुक्तो धनधान्यसुतान्वितः ।
जायते नात्र सन्देह शिवस्य वचनं यथा ॥

इति स्कन्दपुराणान्तर्गता श्रीशिवसहस्रनामावलिः नमः ।

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