संकट दूर करने के लिये हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) पर हनुमान जी की पूजा कैसे करें? जानियें हनुमान जयंती क्या महत्व है? इस दिन हनुमान जी की आराधना करने से क्या फल प्राप्त होता है? साथ ही पढ़ें हनुमान जयंती पर क्या करें और क्या ना करें?
Hanuman Jayanti (Chaitra Purnima)
हनुमान जयन्ती (चैत्र पूर्णिमा)
पौराणिक कथाओं के अनुसार चैत्र मास की पूर्णिमा के दिन श्री रामभक्त हनुमान का जन्म हुआ था। इसलिये उत्तर भारत में बहुत से स्थानों पर चैत्र मास की पूर्णिमा के दिन हनुमान जयन्ती (Hanuman Jayanti) का पर्व मनाया जाता है। हनुमान जी को ग्यारहवाँ रूद्र अवतार भी कहा जाता है। इस कलियुग में हनुमान जी की उपासना करने से साधक के सभी कष्टों का निवारण होता है और उसे समस्त सुखों की प्राप्ति होती है।
दक्षिण भारत में बहुत से स्थानों पर हनुमान जयंती मार्गशीर्ष मास की अमावस्या तिथि के दिन मनाई जाती है जब वो मूल नक्षत्र में हो। यदि ऐसा सन्योग ना हो तो फिर हनुमान जयंती पौष मास की अमावस्या के दिन मनाई जाती है। इसके अतिरिक्त कुछ स्थानों पर हनुमान जयंती का पर्व कई दिनों तक मनाया जाता है। जैसे तेलंगाना और आंध्रप्रदेश में हनुमान जयन्ती (Hanuman Jayanti) का उत्सव चैत्र मास की अमावस्या से प्रारम्भ होता है और वैसाख मास की कृष्णपक्ष की दशमी तिथि को समाप्त होता है। यह उत्सव पूरे 41 दिनों तक मनाया जाता है। दक्षिण भारत में कर्नाटक प्रदेश में हनुमान जयंती का पर्व मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन मनाया जाता है और इसे हनुमान व्रतम (Hanuman Vratam) कहा जाता है।
हनुमान जयन्ती (Hanuman Jayanti) के पावन पर्व पर मंदिरों में हनुमान जी का विशेष श्रुंगार किया जाता है और सुंदर झाँकियाँ सजाई जाती है।
Hanuman Jayanti Kab Hai?
हनुमान जयन्ती कब है?
इस वर्ष हनुमान जयन्ती (Hanuman Jayanti) का पर्व 23 अप्रैल, 2024 मंगलवार के दिन मनाया जायेगा।
Hanuman Jayanti Ka Mahatva
हनुमान जयंती का महत्व
इस कलियुग में हनुमान की उपासना अतिशुभफलदायिनी मानी जाती है। हनुमान जी सभी देवताओं में सबसे जल्दी प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर कृपा करते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) के दिन हनुमान जी उपासना करने से साधक को
- जीवन में आ रहे संकटों से मुक्ति मिलती है।
- परिवार में सुख शान्ति आती है।
- मंगल ग्रह व शनिदेव की अनुकूलता प्राप्त होती है। जिस जातक की कुंडली में शनि ग्रह अशुभ प्रभाव डाल रहा हो उसे पूर्ण श्रद्धा-भक्ति के साथ विधि-विधान से हनुमान जी की पूजा करनी चाहिये ऐसा करने से शनि देव के प्रभाव से आ रही समस्याएं दूर होती हैं।
- शनि की साढ़े-साती और ढ़ैया के दुष्प्रभाव को कम करने के लिये हनुमान जी की आराधना करनी चाहिये।
- नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है।
- भूत-प्रेत बाधा का निवारण होता है।
- नवग्रह की शुभता प्राप्त होती है।
- धन-समृद्धि में वृद्धि होती है।
- बाधाओं का नाश होता है।
- सफलतापूर्वक कार्य सिद्ध होते है।
- भय से मुक्ति मिलती है।
- रोगों और दोषों का निवारण होता है।
- शत्रु पर विजय प्राप्त होती है।
- प्रभु श्रीराम और माता जानकी की कृपा प्राप्त होती है।
- आयु और यश में वृद्धि होती है।
Hanuman Janmotsav Par Kya Kare Aur Kya Na Kare?
हनुमान जन्मोत्सव पर क्या करें और क्या ना करें?
- हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav) के दिन काले या सफेद रंग के वस्त्र धारण ना करें।
- भूलकर भी मांसाहार का सेवन ना करें।
- मदिरापान ना करें। व्यसनों से दूर रहें।
- हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) का व्रत करने वाला दिन में एक ही समय भोजन करें और उसे भोजन में नमक का सेवन नही करना चाहिये।
- सात्विक आचरण करें। प्रसन्न रहें, कम बोले और किसी पर क्रोध ना करें।
- जरूरतमंदों को अन्न-धन-वस्त्रादि का दान करें।
- इस बात का ध्यान रखें कि आप जिस भोजन की वस्तु (जैसे मिठाई आदि) का दान करें, उसका सेवन स्वयं ना करें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- स्त्रियाँ हनुमान जी पूजा करते समय उनकी प्रतिमा को स्पर्श ना करें।
Hanuman Janmotsav Puja Vidhi
हनुमान जन्मोत्सव पूजा की विधि
हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav) के दिन व्रत करने और हनुमान जी की पूजा करने से हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होते है। इस दिन व्रत करने वाले जातक को हनुमान जयंती से जुडे नियमों का पालन करना चाहिये। हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) के दिन हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिये विधि-विधान के साथ हनुमान जी की पूजा करनी चाहिये।
- प्रात:काल स्नानादि नित्यक्रिया से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इस बात का विशेष ध्यान रखें की वस्त्र काले या सफेद रंग के ना हो।
- हनुमानजी के मंदिर जाकर हनुमान जी की प्रतिमा पर सिंदूर से चौला चढ़ायें।
- हनुमान जी को जनेऊ चढ़ायें।
- फिर प्रतिमा के समक्ष घी का चौमुखी दीपक प्रज्वलित करें।
- हनुमान जी को फूल-फल अर्पित करें। फलों में केला, अमरूद आदि और फूलों मे गुलाब, गेंदा या कनेर के पुष्प या उनकी माला अर्पित करें।
- हनुमान जी को गुड-चने, हलवा और बेसन के लड्डू का भोग लगाये। पान का बीडा चढायें।
- तत्पश्चात् हनुमानजी की प्रतिमा के समक्ष आसन पर बैठकर 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। और रामरक्षास्त्रोत का पाठ करें।
- इस दिन सुंदरकाण्ड का पाठ करना अत्यन्त शुभ रहता है।
- दिन में एक समय भोजन करें। भोजन में नमक ना खायें।
- हनुमान जी का ध्यान करें और हनुमान जी के इन मंत्रों का जाप करें।
ऊँ हनुमते नम:।
ॐ भगवते आन्जनेयाय महाबलाय स्वाहा।