ॐ हनुमान पहलवान , वर्ष बारहा का जवान|
हाथ में लड्डू, मुख में पान| आओ आओ बाबा हनुमान|
न आओ तो दुहाई महादेव गौरा -पार्वती की| शब्द साँचा|
पिण्ड काँचा| फुरो मन्त्र इश्वरो वाचा||
विधि
हिंदु धर्म शास्त्रों के अनुसार जो भी भक्त हनुमान जी को प्रसन्न करना चाहता हो और उनके दर्शन का अभिलाषी हो उसे हनुमान दर्शन मंत्र का अनुष्ठान मंगलवार के दिन या शनिवार के दिन से प्रारम्भ करना चाहिये। प्रत्येक मंगलवार को व्रत रखें और हनुमान जी के विषयक नियम का पालन करते हुए सिन्दूर का चोला, जनेऊ, खड़ाऊँ, लंगोट, पाँच लड्डू और ध्वजा हनुमान जी के चढ़ावे। व्रत के दिन और मंत्र के जप के समय पर लाल कपडे ही पहने और लाल आसन पर बैठे। मंत्र के जप के लिये लाल चन्दन की माला का ही उपयोग करें। हर शनिवार के दिन गुड़ और चने का भोग लगाकर बाँटें। यह प्रक्रिया पूरे तीन महिने तक करते हुए हर दिन दस माला मंत्र का जप करे और पवित्रता का पूरा ध्यान रखें। इससे हनुमान जी प्रसन्न होकर आपकी मनोकामना पूर्ण करते हैं।