जब भी ईश्वर को भोग लगाये तब इस मंत्र का उच्चारण अवश्य करें।
त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये ।
गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।
भावार्थ:- हे ईश्वर मेरे पास जो भी है वो आपका ही दिया हुआ है। आपका दिया आपको समर्पित करता हूँ। कृपा करके इसे ग्रहण करे और मुझ पर प्रसन्न हो।