एक माह में दो ग्रहण, एक सूर्य ग्रहण और एक चंद्र ग्रहण। कैसा होगा इस खण्डग्रास सूर्य ग्रहण का प्रभाव? सूतक कब से लगेंगे? ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचने के लिये क्या करें? यह ग्रहण किस पर भारी है? ग्रहण का किस राशि पर कैसा प्रभाव रहेगा ? जानने के लिये नीचे पढ़े।
When is Solar Eclipse?
सूर्य ग्रहण कब है?
25 अक्टूबर 2022, दिन – मंगलवार, तिथि – कार्तिक अमावस्या, नक्षत्र – स्वाति और राशि – तुला ।
How long is the Solar Eclipse period?
कितने समय का है सूर्य ग्रहण काल?
- सूर्य ग्रहण लगभग 4 घंटे 4 मिनट तक रहेगा।
- खण्डग्रास सूर्य ग्रहण भारतीय मानक समयानुसार दिन में 14:28 ( 02:28 PM) पर आरम्भ होगा।
- सूर्य ग्रहण का मध्य समय दिन में 16:30 बजे (04:30 PM) रहेगा।
- ग्रहण शाम को 18:32 बजे (06:32 PM) समाप्त होगा।
- भारत में सूर्यग्रहण का मोक्ष होने से पहले ही सूर्यास्त हो जाएगा। इसलिए भारत में सूर्यास्त ही सूर्यग्रहण का मोक्ष माना जाएगा।
- जयपुर (राजस्थान) में सूर्यग्रहण शाम 4.32 बजे प्रारंभ होगा और शाम 5.50 बजे सूर्यास्त होगा। सूर्यास्त ही सूर्यग्रहण का मोक्ष माना जाएगा। 52 प्रतिशत सूर्यग्रहण होने से शाम 5.33 बजे आधा बिंब 50 प्रतिशत ही चमकीला दिखेगा।
From When Will The Solar Eclipse Sutaks take place?
कब से लगेंगे सूर्य ग्रहण के सूतक?
सूतक काल ग्रहण से 12 घंटे पहले 25 अक्टूबर’2022 को रात्रि 02:28 से ही आरम्भ हो जाएगा। जयपुर (राजस्थान) में सूतक प्रात: 4:30 से आरभ होकर सूर्यास्त तक रहेगें। सूर्यास्त ही सूर्यग्रहण का मोक्ष माना जाएगा। सूर्य ग्रहण का प्रारम्भ और समाप्तिकाल हर स्थान पर अलग- अलग होता है।
Where Will The Solar Eclipse Be Visible?
कहाँ पर दिखेगा सूर्य ग्रहण?
सूर्यग्रहण भारत के सुदूरवर्ती पूर्वी राज्य ( अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैण्ड, पूर्वी असम, पूर्वी मेघालय) को छोड़कर सम्पूर्ण भारत में दिखाई देगा। यूरोप, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, अफ्रीका के कुछ भागों में, उत्तरी हिन्द महासागर, पश्चिमी एशिया आदि में अधिक समय तक रहेगा।
What Is Special About This Solar Eclipse? Why Is This Solar Eclipse Special?
क्या खास है इस ग्रहण में? क्यूँ विशेष है यह सूर्य ग्रहण?
यह ग्रहण इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण है और इससे 15 दिन बाद एक चंद्र ग्रहण होगा। यह ग्रहण तब लग रहा है जब सूर्य तुला राशि में है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य तुला राशि में नीच के माने जाते है इसके अलावा इस ग्रहण के परिणामस्वरूप चतुर्ग्रही योग बन रहा है जिससे कुछ राशियों पर अशुभ प्रभाव पडेगा।
यह खण्डग्रास सूर्यग्रहण है, यह ग्रहण दीवाली के अगले दिन ही है और इसका सूतक दीवाली की रात से लग जायेंगा और साथ ही मंगलवार का दिन होने से यह ग्रहण अधिक प्रभावशाली हो गया है।
Who Will Be Affected By The Solar Eclipse? And What Should They Do To Avoid Its Side Effects?
किन पर पड़ेगा ग्रहण का दुष्प्रभाव? और उन्हें क्या करना चाहिये इसके दुष्प्रभाव से बचने के लिए?
जैसा की आपको विदित है ज्योतिष के अनुसार यह सूर्य ग्रहण स्वाति नक्षत्र और तुला राशि में पड़ रहा है, इसलिये इस राशि और नक्षत्र में जन्में जातकों को विशेष ध्यान रखना चाहिये। जानिये यह ग्रहण किसके लिये शुभ और किसके लिये अशुभ फलदायी है।
- मेष राशि :- ग्रहण फल – मध्यम : प्रभाव – जीवनसाथी को कष्ट
- वृष :- ग्रहण फल – श्रेष्ठ : प्रभाव – कार्य में सिद्धि, व्यापार में लाभ
- मिथुन :- ग्रहण फल – नेष्ट : प्रभाव – चिन्ता, पीड़ा
- कर्क :- ग्रहण फल – नेष्ट : प्रभाव – रोग और किसी बात को लेकर भय
- सिंह :- ग्रहण फल – श्रेष्ठ : प्रभाव – आर्थिक लाभ के योग
- कन्या :- ग्रहण फल – मध्यम : प्रभाव – खर्चों में बढ़ोतरी
- तुला :- ग्रहण फल – नेष्ट : प्रभाव – शारीरिक कष्ट और दुर्घटना के योग
- वृश्चिक :- ग्रहण फल – नेष्ट : प्रभाव – धन की हानि और मानसिक तनाव
- धनु :- ग्रहण फल – श्रेष्ठ : प्रभाव – लाभ व प्रगति
- मकर :- ग्रहण फल – श्रेष्ठ : प्रभाव – सुख-समृद्धि में वृद्धि
- कुंभ :- ग्रहण फल – मध्यम : प्रभाव – गुप्त चिंता
- मीन :- ग्रहण फल – नेष्ट : प्रभाव – दुर्घटना का भय
सूर्य ग्रहण के समय दान और जप का विशेष महत्व है। विशेषकर जिन राशियों के लिये यह ग्रहण अशुभ फलदायी है उन्हे ग्रहण के दौरान अनाज का दान करना चाहिये। साथ ही सूर्य के मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र, आदित्य हृदय स्तोत्र एवं सूर्याष्टक स्तोत्र का पाठ करें या श्रवण करें। सूर्य ग्रहण से पूर्व तुलसी के पत्ते तोड़ करे रखलें और ग्रहण के समय उसका सेवन करने से भी ग्रहण का दुष्प्रभाव नही पड़ता।सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती स्त्रियों को भी विशेष ध्यान रखना चाहिये। गर्भवती स्त्रियों पर ग्रहण का अशुभ प्रभाव ना हो इसके लिये उन्हे यह उपाय करने चाहिये।
- गर्भवती स्त्रियाँ घर पर रहे और ग्रहण के समय संतान गोपाल मंत्र का जाप करे।
- ग्रहण काल में न तो कुछ खायें-पीयें और न ही भोजन पकाये।
- गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण के दौरान सोना नहीं चाहिए।
- गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण के दौरान कुछ कैंची, चाकू या छुरी आदि फल, सब्जी, कपड़े आदि नही काटने चाहिये और ना ही सिलाई करनी चाहिये।
- सूर्य ग्रहण में क्या सावधानियाँ रखनी चाहिये? ग्रहण में क्या करें और क्या न करें?
- सूर्य ग्रहण को नंगी आँखों से नही देखना चाहिये। यदि ग्रहण को देखना हो तो काला चश्मा लगाकर देंखे।
- सूतक लगने के बाद से कोई शुभ काम न करें। धर्मग्रंथों के अनुसार सूतक काल में मंदिरों के पट बंद कर दिये जाते है। सूतक काल में पूजा और देवी देवताओं की मूर्तियों को नही छूना चाहिये।
- सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य के उपासना के मंत्रों का जप करें। महामृत्युंजय मंत्र, आदित्य हृदय स्तोत्र, सूर्याष्टक स्तोत्र का पाठ या श्रवण करें।
- ग्रहण के समय भोजन न करें और न ही पकायें।
- ग्रहण से पहले कुशा (ड़ाब) घास को भोजन, जल, बर्तन, आदि में डाल दें और ग्रहण काल में उन सब चीजों को स्पर्श न करें।
- ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करें।
What Will Be The Effect Of This Solar Eclipse?
कैसा होगा इस ग्रहण का प्रभाव?
ज्योतिष शास्त्रियों का अनुमान है की इस ग्रहण के परिणाम स्वरूप अग्निकाण्ड, चोरी, डकैती जैसी घटनाएं देश में बढ़ सकती हैं। वहीं राजनेताओं में परस्पर विरोध व तालमेल का अभाव होने से विकास की गति मन्द देखने को मिल सकती है। वहीं वर्षा के कारण जौ, गेंहू, चना, मटर, तिलहन और दलहन आदि में तेजी आ सकती है। साथ ही साधु, सन्यासियों व धार्मिक जनों को कष्ट-पीड़ा हो सकती है।
वैसे तो ग्रहण एक सामान्य सी खगोलिय घटना है परंतु ज्योतिष शास्त्र में सूर्यग्रहण और चंद्र ग्रहण के प्रभावों पर विस्तार से बताया गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण का मनुष्य के जीवन पर बहुत प्रभाव होता है। इसीलिये शास्त्रों में ग्रहण के शुभ-अशुभ प्रभाव के विषय में विस्तृत रूप से लिखा गया है। गहण के अशुभ फल को नष्ट करने या कम करने के उपाय भी बतायें गयें है।