अपनी दिव्य प्रभाव के कारण रुद्राक्ष (Rudraksha) को अत्यंत ही मूल्यवान माना जाता है। इसे धारण करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। “रुद्राक्ष” शब्द का अर्थ है रुद्र (शिव) की आंखें और उनके आंसू (अक्ष)। जानियें आपकी राशि के अनुसार आपके लिये किस प्रकार का रूद्राक्ष धारण करना श्रेष्ठ रहेगा…
Importance Of Rudraksha
रुद्राक्ष का महत्व
हिंदू धर्म में रुद्राक्ष की माला (Rudraksha Mala) धारण करने का विशेष महत्व माना जाता है। पुराणों के अनुसार रूद्राक्ष का संबंध भगवान शिव से बताया गया है। रूद्राक्ष धारण करने का धार्मिक, आध्यात्मिक और ज्योतिषीय महत्व होता हैं। शास्त्रों में रुद्राक्ष धारण करने के कई लाभ बताये गये है। रुद्राक्ष धारण करने के कुछ नियम बताये गये है और इसका सम्पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिये उन नियमों की पालना का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। रूद्राक्ष (Rudraksha) धारण करने से पहले कुछ नियमों का पालन करना बहुत ही आवश्यंक होता है। यहाँ आप पढ़ियें कि आपकी राशि के आधार पर किस प्रकार का रुद्राक्ष आपके लिए उपयुक्त रहेगा। राशि अनुसार रुद्राक्ष की माला पहनने के विषय में यहाँ कुछेक सामान्य दिशानिर्देश बताये गये है। आशा हि कि यह आपके लिये फायदेमंद होंगे।
Wear Rudraksha according to your zodiac sign
अपनी राशि के अनुसार रुद्राक्ष धारण करें
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बारह राशियाँ (Zodiac Sign) होती है और हर राशि के जातक जो उसकी राशि के अनुसार ही रूद्राक्ष (Rudraksha) धारण करना उपयुक्त रहता है।
मेष (Aries)
मेष राशि के जातको को उन्हें पांच मुखी रुद्राक्ष (Panchmukhi Rudraksha) पहनने की सलाह दी जाती है। इस रुद्राक्ष का संबंध भगवान शिव से है। ऐसा माना जाता है कि इसको धारण करने से धारक में साहस और आत्मविश्वास बढ़ता है।
वृषभ (Taurus)
वृषभ राशि वालों को छह मुखी रुद्राक्ष (6 Mukhi Rudraksha) धारण करना चाहिए। यह रुद्राक्ष विशेषकर रिश्तों में स्थिरता और संतुलन लाता है।
मिथुन (Gemini)
मिथुन राशि के जातकों को चारमुखी रुद्राक्ष (4 Mukhi Rudraksha) धारण करना चाहिए। चारमुखी रुद्राक्ष को भगवान ब्रह्मा से संबंधित माना जाता है। यह धारक की बातचीत करने की कला और रचनात्मकता को बढ़ाता है।
कर्क (Cancer)
कर्क राशि वाले जातकों को दो मुखी रुद्राक्ष (2 Mukhi Rudraksha) धारण करना चाहिये। इससे जातक भावनात्मक रूप से सशक्त होता है और यह उसके जीवन में सद्भाव लाता है।
सिंह (Leo)
सिंह राशि वाले जातकों को एक मुखी रुद्राक्ष (1 Mukhi Rudraksha) धारण करने की सलाह दी जाती है। यह रुद्राक्ष व्यक्तित्व और नेतृत्व गुणों से जुड़ा है।
कन्या (Virgo)
कन्या राशि के जातकों को चार मुखी रुद्राक्ष (4 Mukhi Rudraksha) धारण करना श्रेयस्कर होता है। यह रुद्राक्ष जीवन में स्पष्टता लाता है और विश्लेषणात्मक क्षमताओं को बढ़ाता है।
तुला (Libra)
तुला राशि के जातकों को छह मुखी रुद्राक्ष (6 Mukhi Rudraksha) धारण करना चाहिए। माना जाता है कि इस रुद्राक्ष का संबंध शुक्र ग्रह से है और यह रिश्तों में संतुलन लाता है।
वृश्चिक (Scorpio)
वृश्चिक राशि वाले जातको को पांच मुखी रुद्राक्ष (5 Mukhi Rudraksha) धारण करने की सलाह दी जाती है। यह स्वास्थ्य, खुशी, समृद्धि और आध्यात्मिकता के लिए पहना जाता है।
धनु (Sagittarius)
धनु राशि के जातको को तीन मुखी रुद्राक्ष (3 Mukhi Rudraksha) धारण करना चाहिये। इससे ध्यान, एकाग्रता और आध्यात्मिकता का विकास होता है।
मकर (Capricorn)
मकर राशि वाले जातकों को सात मुखी रुद्राक्ष (7 Mukhi Rudraksha) धारण करने की सलाह दी जाती है। यह रुद्राक्ष शनि ग्रह से संबंधित है, ऐसा माना जाता है इसको धारण करने से यह सफलता और समृद्धि लाता है।
कुंभ (Aquarius)
कुंभ राशि के जातकों को चार मुखी रुद्राक्ष (4 Mukhi Rudraksha) धारण करना चाहिए। यह संचार कौशल और रचनात्मकता को बढ़ाता है।
मीन (Pisces)
मीन राशि के जातकों को पांच मुखी रुद्राक्ष (5 Mukhi Rudraksha) धारण करने की सलाह दी जाती है। यह रुद्राक्ष आमतौर पर समग्र कल्याण और आध्यात्मिक विकास के लिए पहना जाता है।
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