हर व्यक्ति यही चाहता है कि विवाह के बाद उसका विवाहित जीवन आनंद से बीते। जीवन में किसी प्रकार का कोई क्लेश न हो। किन्तु ऐसा बहुत कम लोगों के जीवन में होता है। साधारणत: अधिकतर पति-पत्नियों की आपस में नही बनती और किसी न किसी बात पर लडाई – झगड़े होते रहते है और बात तलाक तक आ जाती है। उनका एक दूसरे के साथ रहना कठिन हो जाता है। ये कलह शादीशुदा जीवन के सुख को लील जाता हैं। पति पत्नि दोनों ही तनाव मे रहते है। हमारे हिंदु धर्म ग्रंथों मे ऐसे उपाय बताये गये है जिनके करने से विवाहित जीवन सुखमय हो जाता हैं। और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
नमक मिले पानी से घर में पौंछा लगवायें। अगर हर दिन ना लगवा सकें तो कम से कम सप्ताह में एक बार अवश्य लगवायें।
सप्ताह मे तीन दिन शनिवार, मंगलवार व गुरुवार को कभी भी बाल न कटवायें, न नाखून काटें और न ही हज़ामत बनायें।
यदि किसी दम्पति में आपस में न बनती हो तो थोड़ासा सिन्दूर और तीन टिकिया कपूर सिरहाने रखकर सोयें। प्रातःकाल स्नान करने के पश्चात कपूर को देहरी पर जला दें और तांबे के बर्तन में सिन्दूर, गुड़ और जल को मिलाकर सूर्यदेव को अर्पित करें। आप एक सप्ताह तक नियमित रूप से इस उपाय को करें। जिस सप्ताह यह उपाय करें उस पूरे सप्ताह पति-पत्नि आपस में संबध न बनायें। ध्यान रखें यह उपाय शुक्लपक्ष में ही करें। आप स्वयं बदलाव को अनुभव करेंगे।
घर में यदि पति-पत्नि में प्रेम की कमी हो या मतभेद हों अथवा आप घर-परिवार में और अधिक प्रेम और सौहार्द चाहते हो तो आप प्रत्येक मंगलवार को सुन्दर काण्ड का पाठ करें। प्रथम मंगलवार से यह पाठ आरम्भ करें। इस उपाय के करने से घर-परिवार सुरक्षित रहता है और साथ ही परिवार में प्यार भी बढ़ता है। यदि आपस में कोई मतभेद भी हो तो वो भी समाप्त हो जाता है।
पुरूष हमेशा दूध में केशर मिलाकर पीयें तथा काम के समय जीभ पर केशर लगायें। स्त्री दोनों हाथों में सोने की चूड़ियाँ पहनें। इससे परिवार मे सुख शान्ति बनी रहती हैं।
नियमित रूप से पत्नी सुबह उठते ही घर के मुख्य द्वार पर एक लोटा पानी डाले। स्नान करने के बाद पूजा-पाठ करे और मुख्य द्वार पर हल्दी से ॐ और स्वास्तिक बनायें। ऐसा करने से घर-परिवार में सुख-शान्ति रहती है। और पति की उन्नति होती है।