विभिन्न पुराणों और शास्त्रों में इस प्रकार के तथ्य वर्णित हैं कि किस प्रकार से लक्ष्मी का लोप हो जाता है। किन कार्यों के करने से और किस प्रकार के व्यक्ति के पास माँ लक्ष्मी वास नहीं करती। इसलिए लक्ष्मी की कामना करने वाले व्यक्ति को इस प्रकार के कार्य नही करने चाहिये।
- जो व्यक्ति आलसी होते हैं, जो ईश्वर में विश्वास नहीं करते, जो आचारभ्रष्ट, चोर तथा कपटी होते हैं, उनके पास लक्ष्मी नहीं रहती है।
- जो व्यक्ति गुरु के प्रति अनादर व्यक्त करता है, जो गुरु के घर में चोरी करता है, जो गुरु पत्नि पर बुरी नजर रखता है, उसके घर में लक्ष्मी नहीं रहती और हमेशा के लिए चली जाती है।
- जो व्यक्ति देवताओं पर बासी पुष्पों का प्रयोग करता है, मलीन और दुर्गन्धयुक्त बना रहता है, जो टूटे-फूटे और मलीन आसन पर बैठता है। ऐसे व्यक्तियों के घर लक्ष्मी नहीं रहती है।
- जो व्यक्ति ब्राह्मण को, अग्नि को, भस्म को, गुरु को या माता-पिता को पांव से स्पर्श करता है या पांव लगाता है, उसके घर से लक्ष्मी हमेशा के लिए चली जाती है।
- जो व्यक्ति एक पांव से दूसरा पांव रगड़ कर धोता है, जो गंदे स्थान पर सोता है, जो संध्या के समय स्त्री के साथ सहवास करता है, जो दिन में सोता है। उसके घर में लक्ष्मी कभी नहीं रहती।
- जो व्यक्ति घर में आया हुआ और घर में बनाया हुआ मिष्ठान घर में रहने वालों को दिये बिना ही खा लेता है और जो घर की रसोई में भेद-भाव रखता है। उसको लक्ष्मी छोड़ देती है।
- जो व्यक्ति अपने शरीर को बाजे की तरह बजाता है, या टेबल कुर्सी को अंगुलियों से बजाता है, सिर या पैर को गंदा रखता है उसका लक्ष्मी त्याग कर देती है।
- जो व्यक्ति मैले कपड़े पहनता है, अंधेरे घर में रहता है, असुन्दर वेशभूषा या विचित्र वेशभूषा धारण करता है, रूखा-सूखा खाना खाता है लक्ष्मी उसका त्याग कर देती है।
- जो व्यक्ति अपने गले में पहनी हुई माला को दाँतों से चबाता है या स्वंय तोड़ देता है या आलसी होता है या शरीर पर धूल जमाए रखता है, उसको लक्ष्मी छोड़ देती है।
- जो व्यक्ति पराया धन हड़पता है, जो परस्त्री गमन करता है, जो व्यक्ति सूर्योदय के बाद भी सोया रहता है। जो नाखून, कोयला, कांटा या तिनके से पृथ्वी पर बेकार लिखता है, उसके घर में लक्ष्मी नहीं रहती।
- जो व्यक्ति देवताओं की पूजा नहीं करता, जिनके बाल बेतरतीब होते हैं, जो ब्राह्मणों की निन्दा करते हैं, जो व्यर्थ में अपनी उगंलियों को नचाते हैं, जो व्यर्थ भाषण करते हैं, जो नग्न स्त्री को देखते हैं, लक्ष्मी उसका परित्याग कर देती है।
- जो व्यक्ति व्यर्थ ही हंसता रहता है, जो खाते-खाते हंसता है, जो चलते-चलते पानी पीता है, जो बीती हुई बातों पर चिन्ता या दुःख प्रकट करता है,
- जो उपकारी के प्रति कृतज्ञता प्रकट नहीं करता। जब दो व्यक्ति बात कर रहे हों, तब बिना पूछे उनके पास चला जाता हो उसके पास लक्ष्मी नहीं रहती।
- जो व्यक्ति बुद्धिमान नहीं होते, धन प्राप्ति के लिए प्रयत्न नहीं करते उनके घर में भी लक्ष्मी कभी नहीं रहती है।
- जो स्त्री गंदी रहती है, पाप कर्म में रत होती है, जो परपुरुषों में मन लगाती है, जिनका स्वभाव दूषित होता है, जो बात-बात पर क्रोध करती है, जो अपने पती को दबाने के लिए रोष, प्रदर्शन, छल या मिथ्या भाषण करती है उसके घर में लक्ष्मी नहीं रहती है।
- जो स्त्री अपने घर को सजा कर नहीं रखती, जिसके विचार उत्तम नहीं होते जो दूसरों के घर में भटकती रहती है या अपना घर छोड़कर दूसरी के घर नित्य जाती रहती है और जिनको लज्जा नहीं आती उनके घर लक्ष्मी कभी नहीं रहती।
- जो स्त्री दयाहीन होती है, स्वभाव से निर्दयी होती है, दूसरों की चुगली करने को तत्पर रहती है, दूसरों की लड़ा-भिड़ा कर स्वयं को चतुर समझती है ऐसे घर में लक्ष्मी नहीं रहती।
- जो स्त्री अपने पति को प्रिय नहीं होती, उसके घर में लक्ष्मी नहीं रहती है।
- जो स्त्री अपने घर में पूजा का स्थान नहीं रखती, जो देवताओं के सामने आरती धूप नहीं करती और जो आरती नहीं गाती उसके घर में लक्ष्मी नहीं रहती है।
- जो स्त्री अपने गुरु के प्रति अनादर रखती है उसके घर में लक्ष्मी एक क्षण के लिए भी नहीं रहती है।
- जिस व्यक्ति का कोई गुरु नहीं होता उस व्यक्ति के घर लक्ष्मी नहीं रहती है।
- जो स्त्री अधिक भोजन करने वाली, भोजन पकाते समय ही खाने वाली, झूठा भोजन परोसने वाली होती है उसके घर में लक्ष्मी नहीं रहती।
- जो स्त्री दिन में सोती रहती है, माता-पिता व सास-ससुर का आदर नहीं करती उसके घर में लक्ष्मी नहीं रहती।
- जिसके मन में ममत्व नहीं होता, जो दूसरों के दुख में दुखी नहीं होती, उसके घर में लक्ष्मी नहीं रहती।।
- जो व्यक्ति पुरुषार्थहीन और अकर्मण्य होता है, उसके घर में लक्ष्मी नहीं रहती।
- जो व्यक्ति अपने घर में शिव, विष्णु, गणपति और शालिग्राम को स्थापित नहीं करता और इनकी नित्य पूजा नहीं करता उसके घर में लक्ष्मी नहीं रहती।
- जो व्यक्ति लक्ष्मी से सम्बन्धित स्तोत्र, मंत्र आदि का पाठ नहीं करता, अनावश्यक व्यय करता है या जो केवल भोग में ही सुख समझता है उसके घर में लक्ष्मी नहीं रहती है।
- जिसके घर में कलह होती है, जो अपनी पत्नी का बात-बात पर अपमान करता है, जो पत्नी को नौकर के समान रामझता है, जो सख-दु:ख में सहायक नहीं होता, उसके घर में लक्ष्मी कभी स्थाई रूप से नही रहती।