माँ जानकी की स्तुति से दुख-दारिद्रय और पापों का नाश होता हैं । स्कन्द पुराण में वर्णित जानकी स्तुति का पाठ बहुत ही शुभ फल देने वाला है। नित्य प्रतिदिन प्रात:काल श्रीराम स्तुति और जानकी स्तुति का पाठ करने से यथेष्ठ फल की प्राप्ति होती है।
Benefits Of Reciting Janaki Stuti
जानकी स्तुति का पाठ करने के लाभ
श्री जानकी स्तुति के नित्य पाठ से माता जानकी साधन पर प्रसन्न होती है। माँ जानकी की कृपा से
- मनुष्य के सभी दुखों का नाश होता हैं।
- उसके पाप नष्ट हो जाते हैं।
- ऐश्वर्य की प्राप्ति होती हैं।
- दरिद्रता का नाश होता है और धन-समृद्धि में वृद्धि होती हैं।
- शत्रु पर विजय प्राप्त होती हैं।
- देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती हैं।
श्री जानकी स्तुति
Shri Janaki Stuti
॥ श्री जानकी स्तुतिः ॥
जानकि त्वां नमस्यामि सर्वपापप्रणाशिनीम् ।
जानकि त्वां नमस्यामि सर्वपापप्रणाशिनीम् ॥1॥
दारिद्र्यरणसंहत्रीं भक्तानाभिष्टदायिनीम् ।
विदेहराजतनयां राघवानन्दकारिणीम् ॥2॥
भूमेर्दुहितरं विद्यां नमामि प्रकृतिं शिवाम् ।
पौलस्त्यैश्वर्यसन्त्री भक्ताभीष्टां सरस्वतीम् ॥3॥
पतिव्रताधुरीणां त्वां नमामि जनकात्मजाम् ।
अनुग्रहपरामृद्धिमनघां हरिवल्लभाम् ॥4॥
आत्मविद्यां त्रयीरूपामुमारूपां नमाम्यहम् ।
प्रसादाभिमुखीं लक्ष्मीं क्षीराब्धितनयां शुभाम् ॥5॥
नमामि चन्द्रभगिनीं सीतां सर्वाङ्गसुन्दरीम् ।
नमामि धर्मनिलयां करुणां वेदमातरम् ॥6॥
पद्मालयां पद्महस्तां विष्णुवक्षस्थलालयाम् ।
नमामि चन्द्रनिलयां सीतां चन्द्रनिभाननाम् ॥7॥
आह्लादरूपिणीं सिद्धि शिवां शिवकरी सतीम् ।
नमामि विश्वजननीं रामचन्द्रेष्टवल्लभाम् ।
सीतां सर्वानवद्याङ्गीं भजामि सततं हृदा ॥8॥
॥ इति श्रीस्कन्दमहापुराणे सेतुमाहात्म्ये श्रीजानकीस्तुतिः सम्पूर्णा ॥