• दायें हाथ में चाँदी का कढा पहनने से व्यवसाय में सफलता प्राप्त होती हैं ।
• गाय को हरी घास प्रतिदिन नियमित रूप से खिलायें।
• आप अपने सामर्थ्य के अनुसार अपने इष्टदेव को अपने व्यवसाय में होने वाले लाभ के कुछ प्रतिशत का साझेदार बनायें।
• अभिमंत्रित श्रीयंत्र और धनदा यंत्र को अपने व्यवसाय के स्थल पर अवश्य स्थापित करें।
• व्यवसाय स्थल पर महिने में एक बार पानी में नमक ड़ालकर पौंछा अवश्य लगायें।
• व्यवसाय जब अच्छा चलने लगें तो हर अमावस्या को खीर और नारियल से उसारा करें।
• आपको जब भी कोई किन्नर दिखे तो उसे अवश्य कुछ धन दें।
• व्यवसाय की जब शुरूआत करे तो पहले दिन मुख्यद्वार पर हल्दी से स्वास्तिक का चिन्ह बनायें।
• व्यापार शुरु करने से लेकर सवा महिने तक नियमित रूप से प्रातःकाल मुख्यद्वार पर ताँबे के पात्र से जल छिड़के।
• अपने व्यवसाय को तेज गति से बढ़ाने के लिये व्यवसाय स्थल के मुख्यद्वार पर एक पीले कपड़े में तीन अभिमंत्रित छोटे नारियल बॉधकर लटका दें। नारियल अभिमंत्रित कराने के लिये किसी योग्य पन्डित से सम्पर्क करें।
• व्यवसाय स्थल पर धन रखने का स्थान ऐसा हो की वो खोलने पर उत्तर दिशा में खुले। वहाँ पर 125 ग्राम साबुत नमक व 300 ग्राम हल्दी की गाँठ को एक पीले वस्त्र में बाँधकर रखें।