यदि आप रोज-रोज के झगड़ों से परेशान हैं। और किसी भी तरह से इस ग्रह कलेश से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो एक बार यह उपाय अवश्य करके देखें।
शुक्लपक्ष के पहले शनिवार के दिन को सुबह जाकर लगभग बारह अंगुल लंबी पलाश के पेड़ की लकड़ी तोड़कर अपने घर पर लाऐ। उसको पानी से धोकर पहले साफ करलें फिर उसके बाद उसे पंचामृत से शुद्ध करें। फिर एक चौकी बिछाए और उस पर एक काला कपड़ा बिछाए। फिर उसके ऊपर एक मुठ्ठी साबुत उड़द, पांच लौंग, पांच जायफल और सवा रुपया (या एक रूपया) रख दें। इस पलाश की लकड़ी को उस पर रखकर सरसों के तेल का दीपक जलाएं। उसके बाद नीचे लिखे मंत्र का 1008 बार जाप करें।
मंत्र- ॐ शं शां शिं शीं शुं शूं शें शैं शों शौं शं श: स्व सं स्वाहा।
जब आपके 1008 जप पूरे हो जाए तो उसके उपरांत इस पलाश की लकड़ी को अपने घर के पश्चिम भाग में एक गड्ढा खोदकर दबा दें। बाकी सामग्री को काले कपड़े में बांधकर परिवार के हर सदस्य का हाथ लगवायें और उसके बाद उसे पीपल के पेड़ की जड़ में चढ़ा दें। ऐसा करने के बाद आप स्वयं अनुभव करेंगे की आपके घर में शांति आ गई है। आपको बहुत ही जल्द गृह क्लेश से मुक्ति मिल जाएगी और आपके पारिवारिक संबंधों में मधुरता बढ़ेगी। इससे पूरे परिवार को सुख की प्राप्ति होगी।