जैसा की आप सब जानते है कि हिंदु धर्म में दान - पुण्य पर विशेष बल दिया गया है। अभी तक आपने यही सुना होगा कि दान करने से पुण्य मिलता है। लेकिन ये जानकर आपको आश्चर्य होगा की दान करने से रोगों उपचार भी लाभ होता है। किस रोग के रोगी को क्या दान करना चाहिये ? जानने के लिये आगे पढ़े –
गुल्म रोग
यदि किसी को गुल्म रोग हो तो उसे लोहे के बर्तन का दान करना चाहिये।
कुष्ट रोग
यदि किसी को कुष्ट रोग हो तो उसे चाँदी की वस्तु का दान करना चाहिये।
वात रोग
यदि किसी को वात रोग हो तो उसे गाय के दूध का दान करना चाहिये।
नेत्र रोग
यदि किसी को नेत्र रोग हो तो उसे गाय का घी और स्वर्ण का दान करना चाहिये।
उदर रोग
यदि किसी को उदर रोग हो तो उसे उपजाऊ जमीन का दान करना चाहिये।
भगन्दर और बवासीर
यदि किसी को भगन्दर और बवासीर हो तो उसे रत्न या स्वर्ण का दान करना चाहिये।
और रुद्र सूक्त का पाठ करें।
व्यक्ति को कोई भी रोग हो उसे जल्द से जल्द ठीक होने के लिये विष्णु सहस्रनाम, शतरुद्रीय और रुद्रसूक्त का पाठ करना चाहिये। किसी धर्मार्थ अस्पताल मे दान करे और जरूरतमंद रोगियों की सहायता करें। ऐसा करने से बहुत लाभ होता है।
हमारे ज्योतिष के पराशीय मतानुसार देवोपासना, मंत्र-जाप, दान-पुण्य आदि अधिक लाभदायक है। इसलिये इसमें रत्न धारण के स्थान पर रत्न दान पर बल दिया गया है। क्योंकि यही हमारी (आर्य) पद्धति है।