हर व्यक्ति अपने घर परिवार में शान्ति की कामना करता है। परन्तु ऐसा हो नही पाता। घर की अशांति घर की सुख-समृद्धि का नाश कर देती है। जहाँ पर शांति होती है वही उन्नति होती है। इसीलिये अपने घर परिवार में शांति बनाये रखने और सुख समृद्धि मे वृद्धि के लिये ये उपाय करें।
घर के अन्दर घर के पूर्व या उत्तर में गुन्जा की लता लगाने से बहुत ही सकारात्मक परिणाम मिलते हैं। घर की सीमा में किसी भी प्रकार की गुन्जा की लता होना बहुत ही शुभ होता है। कहा जाता है कि जिस घर में लता पनपती है वहाँ सुख समृद्धि का वास होता है।
अगर आपके घर में किसी भी प्रकार का कोई कलेश रहता हो तो आप गेहूँ हमेशा शनिवार के दिन ही पिसवायें। उसमें सौ ग्राम काले चने भी मिला दें। इससे घर का कलेश समाप्त होगा और घर परिवार में आर्थिक स्थिरता आयेगी।
जब आप सोने जाये तो एक सफेद कागज में थोड़ा सा कपूर रखें। और उसे अपने तकिये के नीचे रख कर हो जाये। प्रात: उठकर उसे कपूर को घर से बाहर जला दें। इससे आपके घर में शान्ति रहेगी और आर्थिक सम्पन्नता आयेगी।
अगर आपके घर में किसी भी प्रकार का कोई क्लेश हो या आपको आपकी मेहनत का पूरा फल नही मिला रहा तो यह उपाय अवश्य करे।
शुक्लपक्ष के पहले शुकवार से इस उपाय को शुरू करें। इस दिन सुबह स्नान करने के बाद सफेद कपड़े पहने। थोड़े सफेद चावल बनायें। उन्हें किसी बर्तन में निकाल कर उसमें थोड़ा खाँड़ या बूरा और थोड़ा शुद्ध घी मिलाकर सफेद गाय को खिलायें। इस प्रकार इस उपाय को नियमित रूप से इक्कीस शुक्रवार तक करें। कुछ ही समय में आप अनुभव करेंगे कि आपके घर के सारे क्लेश समाप्त हो गये हैं और घर का प्रत्येक सदस्य उन्नति कर रहा है।
जब भी घर में कोई भी नई वस्तु अथवा सामिग्री आती है तो उसे पहले मन्दिर में प्रभु को अर्पित करना चाहिए।
शाम के समय किसी को भी बिस्तर पर नहीं होना चाहिए। घर के प्रत्येक कमरें में रोशनी अवश्य करें। किंतु घर में अगर कोई बीमार हो और वो बिस्तर से उठ नही सकता हो तो वो बिस्तर पर बैठ जाये।परंतु लेटा ना रहे।
घर में बनने वाली पहली रोटी गाय के लिये निकालें। पहली थाली भगवान को भोग लगायें और दूसरी थाली पितरों को अर्पित करके गाय को खिला दें। ऐसा करने से ईश्वर की कृपा के साथ आप पर पितरों की कृपा भी बनी रहेगी।
अगर आपको अपने घर में किसी अशुभ हवा का एहसास हो रहा हो तो, आप शुक्लपक्ष के पहले मंगलवर को घर के पूजा स्थल में बैठ कर तांबे के बर्तन में गंगाजल को रखकर इस मंत्र का 108 बार जप करें।
श्री हनुमतये नम:।
जप के बाद उस जल से पूरे घर में छीटें मारें। अगले दिन इसी प्रकार से तांबे के बर्तन में गंगाजल को रखकर इस मंत्र का 108 बार जप करें।
ऊँ दुं दुर्गायै नम:।
जप करने के बाद जल को घर में छिड़क दें। अगले दिन फिर यानी गुरुवार को जल में थोड़ी सी हल्दी व धनिया मिलाकर इस मंत्र का 108 बार जप करें
श्री गुरुदेवाय नम:।
जप करने के बाद जल तो पूरे घर में छिड़क दें। इस उपाय के करने से आप स्वयं अनुभव करेंगे कि आपके घर में प्रेम और शांति हो गई है। और आप उन्नति कर रहे हैं।
रविवार को छोड़ कर आप घर में हर संक्रान्ति (जब सूर्यदेव अगली राशि में प्रवेश करते हैं) के समय गोमूत्र का छिड़काव करें। ऐसा करने से घर हर प्रकार से सुरक्षित रहता है। और सभी सदस्यों में प्रेम बना रहता है।