बन्दीमोचन स्तोत्रम् (Bandi Mochan Stotra)

Bandi mochan stotra

जो व्यक्ति अकारण ही जेल में बंद हो, किसी के द्वारा फंसाया गया हो, जमानत नहीं
हो रही हो । उसे विधि अनुसार योग्य पण्डितों के द्वारा बन्दीमोचन स्तोत्रम् का अनुष्ठान कराने से शीघ्र सफलता
मिलती है।

ॐ अस्य श्रीवन्दी मोचनमय कषिः ,
त्रिष्टुप्छन्दः, ही बीजम्, हे कीलकम्, मम वन्दीमोचनार्थ जपे विनियोगः ।
ॐ हीं हं वन्दी देव्यै नमः । इति मन्त्रं अष्टोत्तरशतं जपः ।।

इस मंत्र को १०८ बार जप करके निम्न स्तोत्र पढे ।।

स्तोत्र

बन्दी देवी नमस्कृत्य वरदाभयशोभिताम् ।
तदग्रयां शरणं गच्छे शीघ्रं मोक्षं ददातु मे ||१||
बन्दी कमलपत्राची लोहश्रृंखलभजिनी ।।
प्रसादं कुरु मे देवि शीघ्रं मोक्ष ददातु मे ।।२।।
त्वं बन्दी त्वं महामाया त्वं दुर्गा त्वं सरस्वती ।।
| त्वं देवी रजनी चैव शीघ्रं मोक्षं ददातु में ।।३।।
संसारतारिणी बन्दी सर्वकामप्रदायिनी ।।
सर्वलोकेश्वरी देवी शीघ्रं मोक्ष ददातु मे ।।४।।
त्वं ही स्त्वमीश्वरी देवी ब्रह्माणी ब्रह्मवादिनी ।।
त्वं वै कल्पक्षयं कत्र शीघ्रं मोक्षं ददातु मे ।।७।।
देवी धात्री धरित्री च धर्मशास्त्रार्थभाषिणी ।।
। दुःश्वाम्बररागिणी देवी शीघ्र मोक्षं ददातु मे ।।६।।
नमोऽस्तु ते महालक्ष्मि रत्नकुंडलभूषिते ।।
। शिवस्यार्धागिनी चैव शीघ्रं मोक्षं ददातु मे ।।७।।
नमस्कृत्य महादुर्गा भयादुत्तारिणीं शिवाम् ।।
| महादु:खहरां चैव शीघ्रं मोक्षं ददातु मे ।।८।।
इदं स्तोत्रं महापुण्यं यः पठेन्नित्यमेव च ।।
सर्वबन्धविनिर्मुक्तो मोक्षं च लभते क्षणात् ॥९॥
पं.राधेश्याम शास्त्री