Chandra Grahan 2023: चंद्रग्रहण कब है?, चन्द्रग्रहण में क्या करें? और क्या ना करें? ग्रहण के सूतक कब से लगेंगे और मोक्ष कब होगा? चंद्रग्रहण से किन राशियों को होगा फायदा? किन पर पड़ेगा ग्रहण का दुष्प्रभाव? और दुष्प्रभाव से बचने के लिए उन्हें क्या करना चाहिये? जानियें चन्द्रग्रहण (Chandra Grahan) से जुडी विशेष बातें
Chandra Grahan 2023
चंद्रग्रहण 2023
हिन्दु पंचाग के अनुसार चंद्रग्रहण पूर्णिमा तिथि को ही होता है। इस वर्ष शरद पूर्णिमा अर्थात आश्विन मास की पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण (Chandra Grahan 2023) लगने जा रहा है। सिर्फ 15 दिनों पूर्व कंकणाकृति सूर्यग्रहण (भारत में अदृश्य) के बाद अब चन्द्रग्रहण होने जा रहा है। जानियें इस चंद्रग्रहण से आपके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है। वैसे तो चन्द्रग्रहण एक खगोलिय घटना है लेकिन ज्योतिष शास्त्र में इसके शुभ-अशुभ प्रभावों का उल्लेख मिलता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह ग्रहण विशेष होने वाला है। इस बार ग्रहण शरद पूर्णिमा के दिन होने से इसका प्रभाव भिन्न होगा। जन्मपत्री में ग्रहों की स्थिति के अनुसार कुछ लोगों को इस ग्रहण से लाभ होगा। और इसके विपरीत कुछ लोगों को चंद्रग्रहण के अशुभ परिणाम झेलने होंगें।
When Is Lunar Eclipse?
चंद्रग्रहण कब है?
वर्ष 2023 का अंतिम चन्द्र ग्रहण (Chandra Grahan 2023) तारीख – 28 अक्टूबर 2023, दिन – शनिवार, तिथि – आश्विन पूर्णिमा, नक्षत्र – अश्विनी और राशि – मेष ।
How Long Is The Chandra Grahan Period?
कितने समय का है चन्द्रग्रहण काल?
चन्द्रग्रहण 28 अक्टूबर, 2023 शनिवार को (भारतीय समय के अनुसार) मध्यरात्रि उपरांत में 01:05 मिनट से आरम्भ होकर 02:24 तक रहेगा।
From When Will The Grahan Sutaks Take Place?
कब से लगेंगे ग्रहण के सूतक?
चंद्र ग्रहण के सूतक ग्रहण से ठीक 9 घंटे पहले प्रारम्भ हो जाते है। जयपुर (राजस्थान) में सूतक काल की शुरुआत 28 अक्टूबर, 2023 शनिवार के दिन (भारतीय समय के अनुसार) शाम 4 बजकर 5 मिनट से होगी और मोक्ष रात्रि 02:24 पर ग्रहण के समाप्ति पर होगा।
Where Will The Eclipse Be Visible?
कहाँ पर दिखेगा ग्रहण?
यह खण्डग्रास चंद्रग्रहण (Chandra Grahan 2023) भारत के सभी शहरों में दिखाई देगा। यह चन्द्रग्रहण भारत के साथ-साथ श्रीलंका, नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, अफगानिस्तान, चीन, मंगोलिया, कजाकिस्तान, रूस, ईरान, ईराक, सऊदी अरब, सूडान, तुर्की, दक्षिण अफ्रीका, अल्जीरिया, नाईजीरिया, पौलेण्ड, जर्मन, यूक्रेन, स्पेन, इटली, ब्रिटेन, फ्रांस, स्वीडन, नार्वे समेत सम्पूर्ण यूरोप, मलेशिया, थाईलैण्ड, इण्डोनेशिया, फिलीपींस, जापान, कोरिया, आस्ट्रेलिया और ब्राजील के पूर्वी भाग से दृश्य होगा।
इस चन्द्रग्रहण (Chandra Grahan) में चन्द्रमा की दक्षिण कोर सूक्ष्म रूप से ग्रसित होगी।
What Is Special About This Eclipse? Why Is This Chandra Grahan Special?
क्या खास है इस ग्रहण में? क्यूँ विशेष है यह चन्द्रग्रहण?
यह चन्द्रग्रहण शरद पूर्णिमा के दिन 28 अक्टूबर 2023 (Chandra Grahan 2023) को लगने वाला है। यह चंद्रग्रहण मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में होने जा रहा है। यह ग्रहण विशेष रूप से मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र के लोगों के लिए विशेष रूप से गहन प्रभाव देने वाला होगा। ज्योतिषीय दृष्टि से विद्वानों के अनुसार यह चन्द्रग्रहण जिस समय लगेगा, उस समय गुरु और राहु एक साथ युति कर रहे होंगे एवं शनि, मंगल, सूर्य आदि की इन पर दृष्टि होगी, इसलिए यह ग्रहण अनिष्टकारी सिद्ध हो सकता है। इससे कहीं अति वर्षा और कहीं जनहानि तथा कहीं अकाल जैसी स्थिति निर्मित हो सकती है। विभिन्न देशों के बीच युद्ध का भय बढने की सम्भावना होगी। धातुओं के भाव में तेजी और महंगाई में बढ़ोतरी हो सकती है।
यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा और इसलिये भारत में इसका सूतक भी प्रभावी होगा। मेष राशि वाले जातकों को और अश्विनी नक्षत्र में जन्म लेने वालों को इस ग्रहण का दुष्प्रभाव परेशान कर सकता है।
इस चंद्रग्रहण के दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए और सुख समृद्धि की प्राप्ति के लिए नीचे हमने कुछ उपाय दिए हैं। उन्हें करने से आपको अवश्य ही लाभ होगा।
What Will Be The Effect Of This Eclipse?
कैसा होगा इस ग्रहण का प्रभाव?
ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार आश्विन मास में यह ग्रहण घटित होने से प्राकृतिक प्रकोप होने की सम्भावना है। चिकित्सा क्षेत्र से संबंधित लोगों को परेशानियाँ हो सकती है। चीन, ईरान जैसे देशों में समस्या उत्पन्न हो सकती है। चंद्र ग्रहण 2023 (Chandra Grahan 2023) मेष राशि में होने से अग्नि, शस्त्र, गैस आदि से जुड़े लोगों को पीड़ा हो सकती है। इसके अतिरिक्त भारत में आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश का कुछ भाग और पंजाब आदि में कुछ परेशानियाँ होने की सम्भावना है।
अश्विनी नक्षत्र में चंद्रग्रहण होने से डॉक्टर, वैद्य, हकीम, किसी भी तरह की थेरेपी देने वाले अर्थात चिकित्सा से जुड़े लोग, नौकरी करने वाले, अश्वों तथा व्यापारी वर्ग को कष्ट का सामना करना पड़ सकता है।
शनिवार के दिन चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2023) होने से मंत्रिमंडल के सदस्यों को समस्या होने के योग बन रहें हैं। देश के विभिन्न भागों में चोरी जैसी घटनाओं में वृद्धि होने की आशंका है। इसके अतिरिक्त मूंग, तांबा, चावल, अरंडी, काली मिर्च, सरसों आदि का काम करने वालों को अच्छा लाभ मिलने के योग बनते दिख रहे हैं।
Which Zodiac Signs Will Benefit From The Chandra Grahan? Who Will Be Affected By The Eclipse? And What Should They Do To Avoid Side Effects?
चंद्रग्रहण से किन राशियों को होगा फायदा? किन पर पड़ेगा ग्रहण का दुष्प्रभाव? और दुष्प्रभाव से बचने के लिए उन्हें क्या करना चाहिये?
जैसा की आपको विदित है ज्योतिष के अनुसार यह चंद्रग्रहण (Chandra Grahan 2023) मेष राशि और भरणी नक्षत्र में होने जा रहा है, इसलिये इस राशि और नक्षत्र में जन्में जातकों को विशेष ध्यान रखना चाहिये। जानिये यह ग्रहण किसके लिये शुभ और किसके लिये अशुभ फलदायी है।
- मेष राशि :- ग्रहण फल – नेष्ट : प्रभाव – जल्दबाजी में लिये निर्णय से भविष्य में नुकसान
- वृष :- ग्रहण फल – मध्यम : प्रभाव – शत्रुओं से पीड़ा और स्वास्थ्य खराब
- मिथुन :- ग्रहण फल – श्रेष्ठ : प्रभाव – लाभदायक (आर्थिक लाभ एवं कार्यक्षेत्र में उन्नति )
- कर्क :- ग्रहण फल – नेष्ट : प्रभाव – कार्यक्षेत्र में परेशानी
- सिंह :- ग्रहण फल – श्रेष्ठ : प्रभाव – भाग्य का साथ, करियर में तरक्की, मजबूत आर्थिक स्थिति
- कन्या :- ग्रहण फल – मध्यम : प्रभाव – मिश्रित परिणाम, धन की आय पर व्यय में वृद्धि
- तुला :- ग्रहण फल – श्रेष्ठ : प्रभाव – लाभ की संभावना, कार्य सिद्धि, शुभ समाचार मिलेंगे
- वृश्चिक :- ग्रहण फल – नेष्ट : प्रभाव – शत्रुओं से पीड़ा, नौकरी में पदोन्नति
- धनु :- ग्रहण फल – श्रेष्ठ : प्रभाव – आर्थिक लाभ, नौकरी में प्रमोशन
- मकर :- ग्रहण फल – श्रेष्ठ : प्रभाव – मान-सम्मान में भी वृद्धि, धन लाभ, परेशानियों से मुक्ति
- कुंभ :- ग्रहण फल – मध्यम : प्रभाव – परिवार से संबंध मधुर, निवेश से लाभ
- मीन :- ग्रहण फल – नेष्ट : प्रभाव – प्रेम संबंध में परेशानियों का सामना
Chandra Grahan Remedies
चंद्र ग्रहण के उपाय
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है। चन्द्रमा जल तत्व पर प्रतिनिधित्व रखता है। चंद्रग्रहण (Chandra Grahan 2023) के दौरान चंद्रमा को मजबूत बनाने के लिए यह कार्य करें –
- भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र और शिव पंचाक्षरी मंत्र का जाप करे। इससे रोगमुक्ति और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
- चंद्रमा के मंत्र का यथाशक्ति जाप करें।
- शास्त्रों के अनुसार यदि आप अपने घर पर मंत्र जाप करते हैं तो 1 गुना, किसी मंदिर में करते हैं तो 10 गुना, किसी तीर्थ स्थान या नदी किनारे करते हैं तो 100 गुना और यदि ग्रहण काल में कोई जाप किया जाए तो हजार गुना फल प्राप्त होता है। इसलिए ग्रहण काल में अपने इष्ट देव के मंत्र का जाप करने से संतुष्टि मिलती है और लाभ प्राप्त होता है।
- ग्रहण काल में दान पुण्य और जप करने से उसका फल कई गुणा अधिक हो जाता है इसलिए ग्रहण काल में मंत्र जाप करें। उसके बाद दान की सामग्री इकट्ठा करके उसके दान का संकल्प लें और ग्रहण समाप्ति पर वह दान देकर, पुण्य पावन नदी में स्नान करें। ऐसा करने से अत्यंत शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
- चन्द्रग्रहण में सफेद वस्तु का दान करने से चन्द्रमा की शुभता प्राप्त होती है।
- चंद्र ग्रहण के दौरान भगवान शिव के साथ माता पार्वती अर्थात दुर्गा जी की पूजा करना भी अत्यंत लाभदायक होता है।
What Precautions Should Be Taken During Lunar Eclipse? Do’s And Don’ts In Eclipse?
चन्द्रग्रहण में क्या सावधानियाँ रखनी चाहिये? ग्रहण में क्या करें और क्या न करें?
चन्द्रग्रहण के दौरान गर्भवती स्त्रियों को भी विशेष ध्यान रखना चाहिये। गर्भवती स्त्रियों पर ग्रहण का अशुभ प्रभाव ना हो इसके लिये उन्हे यह उपाय करने चाहिये।
- गर्भवती स्त्रियाँ घर पर रहे और ग्रहण के समय संतान गोपाल मंत्र का जाप करे।
- ग्रहण काल में न तो कुछ खायें-पीयें और न ही भोजन पकाये।
- गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण के दौरान सोना नहीं चाहिए।
- गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण के दौरान कुछ कैंची, चाकू या छुरी आदि फल, सब्जी, कपड़े आदि नही काटने चाहिये और ना ही सिलाई करनी चाहिये।
- सूतक लगने के बाद से कोई शुभ काम न करें। धर्मग्रंथों के अनुसार सूतक काल में मंदिरों के पट बंद कर दिये जाते है। सूतक काल में पूजा और देवी देवताओं की मूर्तियों को नही छूना चाहिये।
- सूतकों में बाल, वृद्ध रोगी, आसक्तजनों को छोड़कर अन्य किसी को भोजन शयनादि नहीं करना चाहिए।
- ग्रहण के समय भोजन न करें और न ही पकायें।
- ग्रहण से पहले कुशा (ड़ाब) घास को भोजन, जल, बर्तन, आदि में डाल दें और ग्रहण काल में उन सब चीजों को स्पर्श न करें।
- ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करें।
- वैसे तो ग्रहण एक सामान्य सी खगोलिय घटना है परंतु ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रहण और सूर्यग्रहण के प्रभावों पर विस्तार से बताया गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण का मनुष्य के जीवन पर बहुत प्रभाव होता है। इसीलिये शास्त्रों में ग्रहण के शुभ-अशुभ प्रभाव के विषय में विस्तृत रूप से लिखा गया है। गहण के अशुभ फल को नष्ट करने या कम करने के उपाय भी बतायें गयें है।
Click here to listen Mahamrityunjay Mantra (महामृत्युंजय मंत्र):