लक्ष्मीसूक्तम् का पाठ करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती है और माँ लक्ष्मी के आशीर्वाद से साधक को धन-समृद्धि और सुख-शांति प्राप्त होती है।
Benefits Of Chanting Shri Lakshmi Suktam
श्री लक्ष्मी सूक्तम् पाठ के लाभ
श्री लक्ष्मी सूक्तम् बहुत ही प्रभावशाली और अद्भुत स्तोत्र है। शास्त्रों के अनुसार लक्ष्मी सुक्तम का पाठ करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती है और साधक को मनोवांछित फल प्रदान करती है। श्री लक्ष्मी सूक्तम् का पाठ करने से
- धन-समृद्धि में वृद्धि होती है।
- ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
- मान-सम्मान-वैभव में वृद्धि होती है।
- संतान की कामना रखने वाले को उत्तम पुत्र की प्रप्ति होती है।
- यश और कीर्ति में बढोतरी होती
- दीवाली पर लक्ष्मीसूक्तम् का पाठ करने से मिलता हैं अप्रत्याशित लाभ।
Shri Lakshmi Suktam
श्री लक्ष्मी सूक्तम् पाठ
पद्मानने पद्मिनि पद्मपत्रे पद्मप्रिये पद्मदलायताक्षि।
विश्वप्रिये विश्वमनोऽनुकूले त्वत्पादपद्मं मयि सन्निधत्स्व॥
पद्मानने पद्मऊरू पद्माक्षी पद्मसम्भवे।
तन्मे भजसिं पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम्॥
अश्वदायी गोदायी धनदायी महाधने।
धनं मे जुष तां देवि सर्वांकामांश्च देहि मे॥
पुत्र पौत्र धनं धान्यं हस्त्यश्वादिगवेरथम्।
प्रजानां भवसी माता आयुष्मंतं करोतु मे॥
धनमाग्नि धनं वायुर्धनं सूर्यो धनं वसु।
धन मिंद्रो बृहस्पतिर्वरुणां धनमस्तु मे॥
वैनतेय सोमं पिव सोमं पिवतु वृत्रहा।
सोमं धनस्य सोमिनो मह्यं ददातु सोमिनः॥
न क्रोधो न च मात्सर्यं न लोभो नाशुभामतिः।
भवन्ति कृतपुण्यानां भक्तानां सूक्त जापिनाम्॥
सरसिजनिलये सरोजहस्ते धवलतरांशुक गंधमाल्यशोभे।
भगवति हरिवल्लभे मनोज्ञे त्रिभुवनभूतिकरी प्रसीद मह्यम्॥
विष्णुपत्नीं क्षमां देवीं माधवीं माधवप्रियाम्।
लक्ष्मीं प्रियसखीं देवीं नमाम्यच्युतवल्लभाम॥
महादेव्यै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि।
तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात्॥
चंद्रप्रभां लक्ष्मीमेशानीं सूर्याभांलक्ष्मीमेश्वरीम्।
चंद्र सूर्याग्निसंकाशां श्रिय देवीमुपास्महे॥
श्रीर्वर्चस्वमायुष्यमारोग्यमाभिधाच्छ्रोभमानं महीयते।
धान्य धनं पशु बहु पुत्रलाभम् सत्संवत्सरं दीर्घमायुः॥