Eka Sloki Bhagavatam – एक ही श्लोक में श्रीमद्‌भागवत पुराण के केंद्र श्री कृष्ण की लीला का संक्षेप विवरण

Eka sloki Bhagavatam

Benefits of Eka Sloki Bhagavatam
एकश्लोकी भागवतम् के लाभ

नित्य प्रतिदिन प्रात:काल एवं संध्यापूजन के समय एकश्लोकी भागवतम् का वाचन करने से मनुष्य को श्रीमद्‌भागवत का सम्पूर्ण पाठ सुनने के समान पुण्य प्राप्त होता है। भगवान श्री कृष्ण की कृपा से जातक के सभी दुख-संतापों का शमन होता है और सुखों की प्राप्ति होती है।

Eka Sloki Bhagavatam
एकश्लोकी भागवतम्

आदौ देवकिदेविगर्भजननं गोपीगृहे वर्धनम्
मायापूतनजीवितापहरणं गोवर्धनोद्धारणम् ।
कंसच्छेदनकौरवादिहननं कुंतीसुतां पालनम्
एतद्भागवतं पुराणकथितं श्रीकृष्णलीलामृतम् ।

॥ इति श्रीभागवतसूत्र ॥

भावार्थ- आदि-मध्य-अंत रहित भगवान श्रीकृष्ण ने माता देवकी के गर्भ से जन्म लिया, गोपियों के घर में इनका पालन-पोषण हुआ, गोपियों के संग बढ़े हुये, मायावी पूतना के प्राणों का हरण किया, गोवर्धन गिरि के धारक, कंस का वध करने वाला, कौरवों के संहारक, कुंती के पुत्रों की रक्षा और पालन करने वाले श्री कृष्ण की लीला के अमृत का वर्णन श्रीमद्भागवत पुराण महाकाव्य में किया गया है।