नवग्रहों में भूमि पुत्र मंगल अत्यंत ही शक्तिशाली है। ऋण मोचन मंगल स्तोत्र (Rin Mochan Mangal Stotra) मंगल से ही संबन्धित है। इस स्तोत्र का पाठ करने से साधक अपने दुख, संताप और ऋणों से मुक्त हो जाता है। उसे अपार धन-सम्पदा की प्राप्ति होती है। जानियें कब और कैसे इस चमत्कारिक प्रभाव वाले ऋण मोचन मंगल स्तोत्र (Rinmochan Mangal Stotra) का पाठ करें? साथ ही जानियें इसके पाठ के लाभ
Rin Mochan Mangal Stotra
ऋण मोचन मंगल स्तोत्र
भूमिपुत्र मंगल को अंगारक और भौम आदि नामों से भी जाना जाता है। मंगल बहुत ही शक्तिशाली ग्रह है। इसकी शुभता से जातक को सब प्रकार के सुख एवं समृद्दि के प्राप्ति होती है। और इनके कोप से जातक को रोग, दुख, ऋण और विभिन्न प्रकार की समस्यायें घेर लेती है। मंगल की शुभता और सकारात्मक प्रभाव के लिये ऋण मोचन मंगल स्तोत्र (Rin Mochan Mangal Stotra) का नित्य पाठ करना चाहिये। यदि आप समयाभाव के कारण प्रतिदिन इसका पाठ नही कर सक्ते तो हर मंगलवार और शनिवार के दिन इसका पाठ करें। इस स्तोत्र के पाठ से जातक को हनुमान जी की कृपा भी प्राप्त होती है। हनुमान जी उसकी हर विपत्ति से रक्षा करते है और उसे मनोवांछित फल भी देते है।
इस स्तोत्र के पाठ से हनुमानजी आपको संसार के सभी तरह के ऋण से मुक्ति दिला देते हैं। इसलिए हनुमानजी का ध्यान करते हुए ऋण मोचन मंगल स्तोत्र का (Rin Mochan Mangal Stotra) पाठ करना चाहिए।
When & How to Recite Rin Mochan Mangal Stotra?
ऋण मोचन मंगल स्तोत्र का पाठ कब और कैसे करें?
ऋण मोचन मंगल स्तोत्र (Rin Mochan Mangal Stotra) का पाठ शाम के समय करें। मन, कर्म और वचन से शुद्ध होकर इस स्तोत्र का पाठ करने मुनुष्य का कल्याण होता है। यह पाठ विशेषकर पुरूषों के द्वारा किया जाता है।
- संध्या के समय मन, कर्म और वचन से शुद्ध होकर लाल वस्त्र धारण करें। या अपने पास एक लाल रंग का कपड़ा रखें। पूजा स्थान पर पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठकर हनुमान जी का ध्यान करें। फिर मंगल देव का ध्यान करें।
- लाल पुष्प, फल और सुगन्ध अर्पित करें।
- पूर्ण श्रद्धा-भक्ति और शुद्ध उच्चारण के साथ ऋण मोचन मंगल स्तोत्र (Rin Mochan Mangal Stotra) का पाठ करें।
- पाठ समाप्त होने के बाद मंगल देव और हनुमान जी से अपनी गलतियों के लिये क्षमा माँगें और फिर उनसे अपना मनोरथ निवेदन करें।
Benefits Of Reciting Rin Mochan Mangal Stotra
ऋण मोचन मंगल स्तोत्र का पाठ करने के लाभ
ऋण मोचन मंगल स्तोत्र (Rin Mochan Mangal Stotra) एक अद्भुत और चमत्कारिक प्रभाव उत्पन्न करने वाला स्तोत्र है। कर्ज में ड़ूबते व्यक्ति को इसका पाठ अवश्य करना चाहिये। इसके प्रभाव से उसे कर्ज से बहुत ही जल्दी छुटकारा मिल जाता है। इसका नियमित रूप से पाठ करने से
- साधक को मंगल देव की शुभता प्राप्त होती है।
- शीघ्रता से ऋण से मुक्ति मिलती है। जातक अपने ऋण से मुक्त होकर धनवान हो जाता है।
- किसी को दिया हुआ धन भी वापस मिल जाता है।
- सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- शत्रु का भय समाप्त होता है। शत्रु पर विजय प्राप्त होती है।
- रोग, दोष, दुख और कष्टों का निवारण होता है।
- मनोरथ सफल होता है। कार्य सिद्धि में आने वाली बाधायें दूर होती है। परेशानियाँ दूर होती है।
Rinmochan Mangal Stotra Lyrics
ऋणमोचक मङ्गलस्तोत्रम्
मङ्गलो भूमिपुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रदः।
स्थिरासनो महाकयः सर्वकर्मविरोधकः।।
लोहितो लोहिताक्षश्च सामगानां कृपाकरः।
धरात्मजः कुजो भौमो भूतिदो भूमिनन्दनः।।
अङ्गारको यमश्चैव सर्वरोगापहारकः।
व्रुष्टेः कर्ताऽपहर्ता च सर्वकामफलप्रदः।।
एतानि कुजनामनि नित्यं यः श्रद्धया पठेत्।
ऋणं न जायते तस्य धनं शीघ्रमवाप्नुयात्।।
धरणीगर्भसम्भूतं विद्युत्कान्तिसमप्रभम्।
कुमारं शक्तिहस्तं च मङ्गलं प्रणमाम्यहम्।।
स्तोत्रमङ्गारकस्यैतत्पठनीयं सदा नृभिः।
न तेषां भौमजा पीडा स्वल्पाऽपि भवति क्वचित्।।
अङ्गारक महाभाग भगवन्भक्तवत्सल।
त्वां नमामि ममाशेषमृणमाशु विनाशय।।
ऋणरोगादिदारिद्रयं ये चान्ये ह्यपमृत्यवः।
भयक्लेशमनस्तापा नश्यन्तु मम सर्वदा।।
अतिवक्त्र दुरारार्ध्य भोगमुक्त जितात्मनः।
तुष्टो ददासि साम्राज्यं रुश्टो हरसि तत्ख्शणात्।।
विरिंचिशक्रविष्णूनां मनुष्याणां तु का कथा।।
तेन त्वं सर्वसत्त्वेन ग्रहराजो महाबलः।।
पुत्रान्देहि धनं देहि त्वामस्मि शरणं गतः।
ऋणदारिद्रयदुःखेन शत्रूणां च भयात्ततः।।
एभिर्द्वादशभिः श्लोकैर्यः स्तौति च धरासुतम्।
महतिं श्रियमाप्नोति ह्यपरो धनदो युवा।।
।। इति श्री ऋणमोचक मङ्गलस्तोत्रम् सम्पूर्णम्।।
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